महाराष्ट्र में विपक्षी दरार, उद्धव सेना ने कांग्रेस पर हमला किया

महाराष्ट्र की राजनीति में विपक्षी दलों की दरार के बीच उद्धव सेना ने कांग्रेस पर हाईकमान की दखलंदाजी को लेकर कड़ा हमला बोला और अंदरूनी असंतोष उजागर किया

महाराष्ट्र में विपक्षी दरार, उद्धव सेना ने कांग्रेस पर हमला किया

सीधी बात कहूँ तो महाराष्ट्र की राजनीति इन दिनों जलेबी जैसी उलझी हुई लगती है। मोड़ ज्यादा हैं और अंदरूनी खींचतान भी। हाल ही में उद्धव सेना ने कांग्रेस पर हाईकमान हमला बोला। बस, इतना ही नहीं यह केवल बयानबाजी नहीं है, बल्कि एक साफ संदेश भी है। अब पुराने तरीके से कोई काम नहीं चलेगा।मुझे याद है जब मैं पहली बार मुंबई में किसी नेता की प्रेस मीट पर गया था। वहाँ मीडिया और नेताओं का अजीब सा खेल चलता था। वही दृश्य अब उद्धव सेना के बयान में दिख रहा है। कभी लगता है यह सिर्फ खबर है, कभी लगता है कि यह एक साफ चेतावनी है कि अब खेल बदलने वाला है।


कांग्रेस पर निशाना क्यों

सीधी बात, उद्धव सेना कह रही है कि कांग्रेस कई बार अपनी जिम्मेदारियों से मुंह मोड़ती रही। और हाँ एक बात और यह केवल आरोप नहीं है। पिछले कुछ महीनों में हुए व्यवहार और समझौतों की खामियां भी साफ दिख रही हैं।मुझे याद है एक डीलर के साथ बात हुई थी। उन्होंने बताया था कि गठबंधन में वादे और जमीन पर हकीकत में फर्क होता है। वही फर्क अब राजनीति में भी साफ नजर आ रहा है। बाहर शांति की बातें होती हैं लेकिन अंदरूनी दरारें तेजी से बढ़ रही हैं। उद्धव सेना का यह हाईकमान हमला इसका साफ संकेत है। यह संदेश सिर्फ कांग्रेस को नहीं बल्कि पूरे गठबंधन को है कि अब बदलाव जरूरी है।


क्या यह केवल बयान है

मेरा मानना है कि यह केवल बयान नहीं है। राजनीति में ऐसे हमले अक्सर रणनीति का हिस्सा होते हैं। जहां तक मेरा सवाल है, उद्धव सेना ने साफ कर दिया कि अब छोटे समझौते या छुपे विरोध बर्दाश्त नहीं होंगे।एक छोटी सी बात याद आ रही है 2018 में एक वाहन के लॉन्च कार्यक्रम में सॉफ़्टवेयर में समस्या थी और डीलर ने खुलकर आलोचना की। उस समय मैंने देखा कि अंदर की बातों को जानकर बाहर की तस्वीर पूरी बदल जाती है। वैसे ही उद्धव सेना की यह प्रतिक्रिया भी अंदर की राजनीति को सामने ला रही है।


राजनीतिक रूप से यह दरार और बयान अभी के लिए सुर्खियों में हैं। लेकिन जमीन पर देखें तो गठबंधन, सीटों का बंटवारा और नेतृत्व की लड़ाई में और भी हलचल आने वाली है। सीधी बात, अंदरूनी लोग बता रहे हैं कि यह केवल शुरुआत है।


और हाँ एक और बात, जनता भी धीरे-धीरे महसूस कर रही है कि केवल दिखावे वाली राजनीति अब काम नहीं आएगी। नेताओं को खुद जवाबदेह बनना होगा। उद्धव सेना का यह हाईकमान हमला इसे बहुत साफ संकेत देता है। अंत में मेरा अनुभव कहता है कि महाराष्ट्र की राजनीति में यह केवल एक अध्याय है पर इसका असर लंबे समय तक रहेगा। अंदरूनी और जमीन पर की बातें समझकर ही सही तस्वीर बनती है। और हाँ, अब कोई भी पार्टी पुराने तरीके से नहीं चल पाएगी।