मनाली में तबाही बादल फटने से ब्यास नदी उफनी, सैकड़ों होटल खतरे में – हजारों पर्यटक फंसे
हिमाचल प्रदेश के मनाली में मंगलवार सुबह प्राकृतिक आपदा ने कहर बरपा दिया। धुंधी और अंजचनी महादेव क्षेत्र में बादल फटने से ब्यास नदी में अचानक पानी का स्तर तेजी से बढ़ गया। नदी की उफनती लहरों ने पर्यटन नगरी मनाली में तबाही का मंजर खड़ा कर दिया है।
ब्यास नदी में बाढ़ का कहर
बाढ़ की वजह से नदी किनारे बने सैकड़ों होटल और भवन खतरे की जद में आ गए हैं। कई होटल खाली कराए जा चुके हैं, जबकि कुछ पर्यटक अपने कमरों में फंसे हुए हैं। होटल संचालक भी पर्यटकों की सुरक्षा को लेकर सतर्क हो गए हैं।
ब्यास नदी की तेज धार ने फोरलेन और हाईवे का बड़ा हिस्सा बहा दिया है, जिससे मनाली की आवाजाही पूरी तरह से ठप हो गई है। हजारों पर्यटक अब इस हिल स्टेशन पर कैद हो गए हैं।
रेस्टोरेंट और दुकानें बर्बाद
मनाली के बाहंग क्षेत्र में मशहूर शेर-ए-पंजाब रेस्टोरेंट नदी की तेज धारा में बह गया। अब वहां केवल गेट का ढांचा खड़ा है, जबकि पूरा भवन ब्यास में समा गया। इसके साथ लगी चार दुकानें भी बाढ़ की चपेट में आकर बह गईं।
वोल्वो बस स्टैंड और सब्जी मंडी पर खतरा
मनाली का वोल्वो बस स्टैंड भी बाढ़ की चपेट में आ गया है। हालांकि कुछ बसों को समय रहते बाहर निकाल लिया गया, लेकिन कई बसें अब भी खतरे में हैं।
इसके अलावा, मनाली के आलू ग्राउंड से बह रही ब्यास ने सब्जी मंडी भवन की नींव को हिला दिया है। पूरा परिसर जलमग्न हो चुका है और आशंका है कि अगर पानी का स्तर और बढ़ा तो यह भवन भी ढह सकता है।
पर्यटकों की मुश्किलें और प्रशासन की चुनौती
मनाली और लाहुल में हजारों पर्यटक फंसे हुए हैं। प्रशासन और बचाव दल उन्हें सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाने की कोशिश कर रहे हैं। लेकिन टूटी सड़कों और बाढ़ग्रस्त इलाकों के कारण राहत कार्य बेहद चुनौतीपूर्ण हो गया है।