यहाँ मन से प्रकट की थी भगवन श्री कृष्ण ने गंगा। जाने अद्भुत कथा

गोवर्धन में स्थित मानसी गंगा एक पवित्र सरोवर है, जिसकी उत्पत्ति भगवान श्रीकृष्ण की मानसिक शक्ति से हुई। यह ब्रजवासियों और श्रद्धालुओं की आस्था का प्रमुख केंद्र है।

यहाँ मन से प्रकट की थी भगवन श्री कृष्ण ने गंगा।  जाने अद्भुत कथा

मथुरा – मानसी गंगा का पवित्र और श्रद्धेय सरोवर

गोवर्धन में स्थित मानसी गंगा ब्रजभूमि के प्रमुख तीर्थ स्थलों में से एक है। मान्यता है कि इस पवित्र सरोवर की उत्पत्ति स्वयं भगवान श्रीकृष्ण ने अपनी मानसिक शक्ति से की थी। यह स्थान न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यहां आने वाले श्रद्धालुओं की आस्था का गहरा केंद्र भी है।

पौराणिक मान्यता और उत्पत्ति

कहते हैं कि गोवर्धन पर्वत लीला के बाद जब गोपियों ने श्रीकृष्ण से गंगा स्नान की इच्छा प्रकट की, तो उन्होंने अपने मन से इस सरोवर का निर्माण किया। इसी कारण इसका नाम मानसी गंगा पड़ा। आज भी भक्त इसे उतनी ही श्रद्धा और भक्ति से पूजते हैं।

चार धाम यात्रा से जुड़ी कथा

एक अन्य लोकप्रिय कथा के अनुसार, जब नंद बाबा, यशोदा मैया और ब्रजवासी चार धाम यात्रा की तैयारी कर रहे थे, तब श्रीकृष्ण ने उन्हें समझाया कि तीर्थ का पुण्य गोवर्धन में ही प्राप्त हो सकता है। उन्होंने यहां चारों धामों और गंगा जी के दर्शन कराए और मानसी गंगा का प्राकट्य किया।

यमुना जी और गंगा जी की कथा

एक मान्यता यह भी है कि यमुना जी ने गंगा जी के दर्शन और कृपा पाने के लिए श्रीकृष्ण से प्रार्थना की थी। उनकी प्रार्थना से प्रसन्न होकर श्रीकृष्ण ने गोवर्धन में गंगा जी को प्रकट किया और गोपियों के साथ इस पवित्र सरोवर में जल विहार किया।

श्रद्धा और भक्ति का प्रतीक

मानसी गंगा केवल एक जलाशय नहीं, बल्कि ब्रज की भक्ति परंपरा और श्रीकृष्ण की लीलाओं का जीवंत प्रतीक है। यहां स्नान करना, पूजा-अर्चना करना और गोवर्धन परिक्रमा के दौरान इसके दर्शन करना भक्तों के लिए अत्यंत पुण्यकारी माना जाता है।

 

मानसी गंगा कहां स्थित है?
मानसी गंगा उत्तर प्रदेश के मथुरा ज़िले में गोवर्धन कस्बे में स्थित है। यह ब्रजभूमि के प्रमुख तीर्थ स्थलों में से एक है।
मानसी गंगा का नाम ‘मानसी’ क्यों रखा गया?
पौराणिक मान्यता के अनुसार भगवान श्रीकृष्ण ने अपने मन (मानस) से इस पवित्र सरोवर का निर्माण किया था, इसलिए इसका नाम "मानसी गंगा" पड़ा।
मानसी गंगा का धार्मिक महत्व क्या है?
मानसी गंगा को गंगा जी के समान पवित्र माना जाता है। यहां स्नान करने से सभी पाप दूर होते हैं और मोक्ष की प्राप्ति होती है।
मानसी गंगा की उत्पत्ति कैसे हुई?
गोवर्धन पर्वत लीला के बाद जब गोपियों ने गंगा स्नान की इच्छा जताई, तो श्रीकृष्ण ने अपने मन से इस सरोवर का प्राकट्य किया।
मानसी गंगा और चार धाम यात्रा का क्या संबंध है?
मान्यता है कि श्रीकृष्ण ने नंद बाबा और ब्रजवासियों को गोवर्धन में ही चारों धामों के दर्शन कराए और मानसी गंगा का प्राकट्य किया।
मानसी गंगा से जुड़ी यमुना जी और गंगा जी की कथा क्या है?
मान्यता है कि यमुना जी की प्रार्थना पर श्रीकृष्ण ने गंगा जी को गोवर्धन में प्रकट किया और गोपियों के साथ जल क्रीड़ा की।
मानसी गंगा में स्नान करने का क्या महत्व है?
मानसी गंगा में स्नान करना अत्यंत पुण्यकारी माना जाता है और इसे गंगा स्नान के बराबर फलदायी समझा जाता है।
मानसी गंगा कब देखना सबसे अच्छा होता है?
गोवर्धन परिक्रमा, कार्तिक मास, जन्माष्टमी और गोवर्धन पूजा के अवसर पर मानसी गंगा का दर्शन विशेष रूप से शुभ माना जाता है। Ask ChatGPT