Mandsaur : में गरबा प्रैक्टिस कर रही महिला का अपहरण, 6 आरोपी हुए गिरफ्तार

मध्य प्रदेश के मंदसौर जिले के खानपुरा इलाके में गरबा प्रैक्टिस के दौरान एक महिला का अपहरण कर लिया गया। इस घटना से पूरे क्षेत्र में भय और गुस्से का माहौल है। चश्मदीदों के अनुसार, 6 युवक महिला को घसीटते हुए ले गए, जिसके बाद हंगामा मच गया। पुलिस ने तुरंत जांच शुरू की और सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। अब लोग मांग कर रहे हैं कि आरोपियों पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाए।

Mandsaur : में गरबा प्रैक्टिस कर रही महिला का अपहरण, 6 आरोपी हुए गिरफ्तार

मध्य प्रदेश के मंदसौर जिले का खानपुरा इलाका उस समय दहशत में आ गया जब एक महिला को गरबा प्रैक्टिस के दौरान 6 लोगों ने अचानक पकड़ लिया और जबरदस्ती अपने साथ घसीटते हुए ले गए। यह घटना देर शाम की है और उस समय आसपास कई महिलाएं और बच्चियां डांडिया की तैयारी कर रही थीं। अचानक हुई इस वारदात ने लोगों को हिला दिया।

प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक महिला चीखती-चिल्लाती रही लेकिन आरोपी उसे जमीन पर घसीटते हुए ले गए। स्थानीय लोगों ने शोर मचाना शुरू किया तो आसपास अफरा-तफरी का माहौल हो गया। यह खबर फैलते ही पूरे गांव में गुस्सा और डर का माहौल बन गया।

 

पीड़िता के परिवार की हालत

जिस महिला का अपहरण हुआ वह अपने परिवार के साथ खानपुरा में रहती है। परिवार के लोग इस घटना से सदमे में हैं। परिजनों का कहना है कि महिला गरबा समारोह की तैयारी में शामिल होने आई थी, लेकिन किसे पता था कि ऐसा हादसा हो जाएगा। पीड़िता की मां और बहन का रो-रोकर बुरा हाल है। आसपास की महिलाएं भी डरी हुई हैं और वे अब इस तरह के आयोजन में बच्चों और युवतियों को भेजने से हिचकिचा रही हैं।

 

पुलिस की कार्रवाई और आरोपी की गिरफ्तारी

घटना की सूचना मिलते ही खानपुरा थाना पुलिस सक्रिय हो गई। पुलिस ने तेजी दिखाते हुए इलाके की नाकेबंदी की और फरार आरोपियों का पीछा किया। कुछ घंटों की तलाश के बाद पुलिस ने सभी 6 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस का कहना है कि यह मामला बेहद गंभीर है और आरोपियों को किसी हाल में बख्शा नहीं जाएगा।

पुलिस अधिकारियों ने बताया कि प्राथमिक पूछताछ में यह सामने आया है कि पीड़िता को पहले से जानने वाले कुछ लोग ही उसे जबरदस्ती उठा ले गए। हालांकि, अपहरण की वजह को लेकर अभी साफ जानकारी सामने नहीं आई है। पुलिस का कहना है कि जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ेगी, motive भी साफ हो जाएगा।

 

इलाके में लोगों का गुस्सा

इस घटना के बाद खानपुरा और आसपास के गांवों के लोग बेहद नाराज हैं। लोगों का कहना है कि महिला और बच्चियों की सुरक्षा ऐसे माहौल में खतरे में है। गरबा और डांडिया जैसा उत्सव जो खुशी और मिलजुलकर मनाने का प्रतीक माना जाता है, वहां इस तरह की घटना होना बेहद शर्मनाक है।

स्थानीय लोगों ने पुलिस से मांग की है कि आरोपियों पर जल्द से जल्द कड़ी कार्रवाई की जाए ताकि भविष्य में कोई और इस तरह की हरकत करने की हिम्मत न जुटा सके। ग्रामीणों का कहना है कि अगर पुलिस समय रहते सख्ती नहीं करती तो लोग खुद आंदोलन करने के लिए मजबूर हो जाएंगे।

 

गरबा समारोह पर असर

इस घटना का सीधा असर जिले में होने वाले गरबा समारोह पर पड़ा है। जहां पहले लोग अपने परिवार और बच्चों के साथ खुशी-खुशी तैयारियां कर रहे थे, वहीं अब डर का माहौल है। कई माता-पिता ने अपनी बेटियों को प्रैक्टिस में भेजने से मना कर दिया है। आयोजक भी अब सुरक्षा को लेकर चिंता जता रहे हैं और उन्होंने प्रशासन से अतिरिक्त पुलिस बल की मांग की है।

त्योहार का असली मजा तभी है जब महिलाएं सुरक्षित होकर बिना किसी डर के नृत्य और उत्सव का आनंद ले सकें। लेकिन ऐसे घटनाक्रम ना केवल त्योहार की खुशी को फीका कर देते हैं बल्कि लोगों के दिलों में असुरक्षा की भावना भी पैदा कर देते हैं।

 

प्रशासन की चुनौती

मध्य प्रदेश सरकार और जिला प्रशासन के लिए यह घटना एक गंभीर चुनौती बन गई है। सवाल यह है कि जब समाज उत्सव मना रहा हो, महिलाएं खुले दिल से घर से बाहर आ रही हों तो आखिर ऐसी घटनाओं को कैसे रोका जाए। प्रशासन लगातार दावा करता है कि कानून व्यवस्था मजबूत है, लेकिन हकीकत में इस तरह के मामले लोगों की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर देते हैं।

मानवाधिकार कार्यकर्ताओं का कहना है कि पुलिस को सिर्फ कागजी कार्रवाई तक सीमित नहीं रहना चाहिए, बल्कि जमीनी स्तर पर ऐसा माहौल बनाना होगा जिसमें अपराधियों को डर हो और महिलाओं को सुरक्षा का एहसास हो।

 

समाज की जिम्मेदारी

इस पूरे मामले में समाज की भी बड़ी जिम्मेदारी है। अगर आसपास के लोग तुरंत सक्रिय होकर आरोपियों को रोकते तो शायद घटना इतनी आगे नहीं बढ़ती। यह समय है जब हमें सोचना होगा कि केवल पुलिस पर निर्भर रहना काफी नहीं है, बल्कि समाज को भी आगे आकर अपनी जिम्मेदारी निभानी होगी।

मंदसौर जैसे छोटे शहरों में इस तरह की घटनाएं समाज के ताने-बाने को हिला देती हैं। इसलिए जरूरी है कि हम सब मिलकर महिलाओं के सम्मान और सुरक्षा को प्राथमिकता दें।