मेरठ शहर के लोहियानगर इलाके में एक ऐसी घटना हुई जिसने सबको झकझोर कर रख दिया। यहां एक महिला पर उसके पूर्व प्रेमी ने नाबालिग लड़के से एसिड अटैक करवाया। रिश्तों की डोर जब कमजोर पड़ गई, तो एक युवक ने इंसानियत की सारी हदें पार कर दीं।
बातचीत बंद होते ही बदल गया रास्ता
पुलिस की जांच में सामने आया कि महिला ने अपने एक्स बॉयफ्रेंड से बात करना बंद कर दिया था। उसकी इसी बात से नाराज होकर युवक ने एक नाबालिग लड़के को ₹2000 देने का वादा किया और महिला पर तेजाब डालने को कहा। यह काम उसने सिर्फ अपनी खुन्नस निकालने के लिए किया।
डरावनी सुबह, जब हादसा हुआ
वह दिन आम दिनों जैसा ही था। महिला सुबह अपने घरेलू कामों में लगी थी। अचानक एक नाबालिग लड़का आया और तेजाब उसकी तरफ फेंक दिया। महिला चीख पड़ी और आसपास लोग दौड़ पड़े। जैसे ही लोगों ने आवाज सुनी, सब घटनास्थल पर पहुंचे। उन्होंने तुरंत पुलिस और एंबुलेंस को बुलाया।
मां की ममता और बच्चियों की चीख
हादसे के वक्त पीड़ित महिला की दो छोटी बेटियां भी घर में थीं। मां की दर्द भरी चीखें सुनकर बच्चे भी डर के मारे रोने लगे। पूरे मोहल्ले में अफरातफरी मच गई। लोग समझ नहीं पाए कि इस बार ‘एसिड अटैक’ जैसी बड़ी घटना उनके बीच कैसे हो गई।
पुलिस जांच और आरोपी की तलाश
जब पुलिस मौके पर पहुंची तो सबसे पहले उन्होंने महिला को इलाज के लिए अस्पताल भेजा। शुरुआती छानबीन में सामने आया कि इस पूरे मामले में महिला का एक्स बॉयफ्रेंड शामिल है। पुलिस टीम ने आरोपी की तलाश शुरू कर दी।
₹2000 के लालच में बिगड़ गया भविष्य
उस नाबालिग लड़के को पुलिस ने ढूंढ लिया जिसने एसिड अटैक किया था। पूछताछ में पता चला कि आरोपी युवक ने उसे मात्र ₹2000 देने का लालच देकर इस घटना को अंजाम दिलवाया। ऐसी रकम के लिए किसी मासूम को इस हद तक ले जाना समाज के लिए बुरी मिसाल है।
पुलिस एनकाउंटर में पकड़ा गया आरोपी
पुलिस को जैसे ही आरोपी के बारे में पुख्ता सूचना मिली, उन्होंने घेराबंदी कर ली। आरोपी ने भागने की कोशिश की लेकिन मुठभेड़ में उसके पैर में गोली लगी। वह घायल होकर गिर पड़ा। पुलिस ने उसे दबोच लिया।
एनकाउंटर के बाद आरोपी की हालत
जब आरोपी को पकड़ा गया, तो उसका अहंकार टूट चुका था। वह लगातार रो रहा था और पुलिस से माफी मांग रहा था। उसने माना कि उससे बहुत बड़ी गलती हो गई है। मगर उसने जो किया, उसके लिए देश का कानून उसे कभी माफ नहीं करेगा।
बेटियों और महिलाओं के लिए सबक
मेरठ एक्सिडेंट हर लड़की, महिला और उनके परिवार के लिए एक बड़ा सबक बन गया है। रिश्ते तोड़ना या बात बंद करना कोई गुनाह नहीं, लेकिन हैवानियत की ये हदें समाज को सोचने पर मजबूर कर देती हैं कि हम कहां जा रहे हैं। छोटी बेटी की आंखों में डर और मां की चीखें हमेशा याद रहेंगी।
मानसिकता बदलने की जरूरत
वक्त आ गया है कि समाज ऐसे मामलों को नजरअंदाज न करे। लड़कों को शुरू से सिखाना चाहिए कि किसी के ‘ना’ कहने पर गुस्सा या बदला न लें। प्यार, दोस्ती और सम्मान एकतरफा नहीं चलते। ऐसे केस में पूर्व प्रेमी द्वारा एसिड अटैक जैसे अपराधों को कड़ी सजा मिले, यही समाज की जरूरत है।
पड़ोसियों की भूमिका भी रही अहम
घटना के बाद मोहल्ले वालों ने मिलकर पुलिस का सहयोग किया। उन्होंने हमला करने वाले लड़के को पहचानने में मदद दी। इसी वजह से पुलिस जल्द आरोपी तक पहुंच सकी। पीड़ित परिवार की हिम्मत और मोहल्ले का समर्थन ही बड़ी राहत बनी।
हमारे समाज से सवाल
मेरठ की ये घटना कानून व्यवस्था और समाज दोनों से बड़े सवाल पूछती है। क्या लड़कियां घर के बाहर या अंदर भी सुरक्षित हैं? क्या कुछ रुपए की लालच में कोई नाबालिग किसी का जीवन उजाड़ सकता है? हर किसी को इन सवालों का जवाब खुद अपने भीतर ढूंढना होगा।