Microsoft की बड़ी चूक! 27 लाख यूजर्स से मांगी माफी, अब मिलेंगे रिफंड और नए प्लान्स

Microsoft ने ऑस्ट्रेलिया में 27 लाख यूजर्स से माफी मांगी। ACCC ने AI सब्सक्रिप्शन विवाद पर केस दायर किया, कंपनी दे रही है रिफंड।

Microsoft की बड़ी चूक! 27 लाख यूजर्स से मांगी माफी, अब मिलेंगे रिफंड और नए प्लान्स

खबर का सार AI ने दिया · GC Shorts ने रिव्यु किया

    Microsoft: टेक जगत की दिग्गज कंपनी माइक्रोसॉफ्ट एक बार फिर विवादों में है। ऑस्ट्रेलिया में 27 लाख से अधिक यूजर्स से कंपनी ने सार्वजनिक रूप से माफी मांगी है। यह मामला Microsoft 365 AI Plan से जुड़ा है, जिसमें हाल ही में Copilot फीचर जोड़ा गया था। ग्राहकों ने शिकायत की कि कंपनी ने सब्सक्रिप्शन रिन्यूअल के दौरान उन्हें गुमराह किया। अब कंपनी ने न केवल गलती स्वीकार की है बल्कि योग्य उपभोक्ताओं को Microsoft refund देने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी है।

     

    क्या था पूरा मामला ACCC का आरोप और ग्राहकों की नाराज़गी

    ऑस्ट्रेलिया की कंज्यूमर कमीशन (ACCC) ने कंपनी पर आरोप लगाया कि उसने अपने ग्राहकों को यह नहीं बताया कि वे पुराने “नॉन-एआई” प्लान जारी रख सकते हैं। रिपोर्ट के अनुसार, कंपनी ने बताया था कि यूजर्स को या तो नया एआई-सक्षम प्लान लेना होगा या सब्सक्रिप्शन कैंसल करना पड़ेगा।

    लेकिन सच्चाई यह थी कि पुराने क्लासिक प्लान्स (जिनकी कीमतें नहीं बढ़ी थीं) का विकल्प केवल तभी दिखाई देता था जब कोई यूजर कैंसिलेशन प्रोसेस शुरू करता। ACCC case में कहा गया है कि यह तरीका भ्रामक था और यूजर्स के उपभोक्ता अधिकारों का उल्लंघन करता है।

    इस बीच, Microsoft 365 Personal Plan की वार्षिक फीस 45% बढ़ाई गई  AUD 109 से AUD 159 तक। वहीं Family Plan की कीमत 29% बढ़कर AUD 139 से AUD 179 हो गई। इन बढ़ी हुई दरों ने यूजर्स में नाराज़गी और AI subscription pricing पर बहस को और तेज़ कर दिया।

     

    कंपनी की सफाई और माफी “हमसे संवाद में चूक हुई”

    Microsoft Australia ने स्वीकार किया है कि कंपनी ग्राहकों से सही तरीके से संवाद स्थापित नहीं कर पाई। इस गलती के लिए कंपनी ने सभी प्रभावित यूजर्स को ईमेल के जरिए माफी मांगी है। बयान में कहा गया है कि अब यूजर्स को non-AI प्लान्स से जुड़ी जानकारी पूरी स्पष्टता के साथ दी जा रही है। साथ ही, योग्य ग्राहकों के लिए रिफंड प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है।

    कंपनी ने यह भी आश्वासन दिया कि आगे चलकर वह पारदर्शिता और ग्राहक संवाद में और सुधार लाएगी। कई यूजर्स का कहना है कि यह घटना टेक कंपनियों के लिए एक अहम सबक है, उपभोक्ता अधिकारों का सम्मान हमेशा सर्वोपरि होना चाहिए।

     

    ऑस्ट्रेलिया से दुनिया तक असर एआई सब्सक्रिप्शन विवाद ने जगाई बहस

    एआई सब्सक्रिप्शन विवाद (AI Subscription Dispute) सिर्फ ऑस्ट्रेलिया तक सीमित नहीं रहा। भारत, अमेरिका और यूरोप में भी कई यूजर्स अब कंपनियों की एआई पॉलिसी और डेटा ट्रांसपेरेंसी को लेकर सवाल उठा रहे हैं।

    इस बीच, टेक विशेषज्ञों का कहना है कि कंपनियों को एआई फीचर्स के मामले में और अधिक पारदर्शिता बरतनी होगी।और उपभोक्ताओं को यह स्पष्ट रूप से पता होना चाहिए कि वे किस सेवा के लिए कितना भुगतान कर रहे हैं और उनके पास कौन-कौन से विकल्प मौजूद हैं।

    यह घटना पूरी टेक इंडस्ट्री के लिए एक wake-up call बन गई है,जो याद दिलाती है कि नवाचार के साथ-साथ उपभोक्ता विश्वास (Consumer Trust) को भी सर्वोच्च प्राथमिकता देनी चाहिए।

     

    आगे का रास्ता पारदर्शिता और भरोसे की नई परीक्षा

    ऑस्ट्रेलिया ACCC ने Microsoft के खिलाफ फेडरल कोर्ट में केस दायर कर दिया है। आयोग ने कहा है कि वह कंपनी पर वित्तीय पेनल्टी, ग्राहक रिफंड और लीगल कॉस्ट जैसे कदम उठाएगा। वहीं, Microsoft ने भरोसा दिलाया है कि वह अपनी सेवाओं में सुधार लाएगा और यूजर्स के अनुभव को बेहतर बनाएगा।

    इस पूरे विवाद ने टेक जगत को यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि क्या एआई की दौड़ में कंपनियां “ईमानदार संवाद” को कहीं पीछे छोड़ रही हैं। आने वाले महीनों में यह केस न केवल Microsoft बल्कि पूरी टेक इंडस्ट्री के लिए दिशा तय कर सकता है।

     

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    क्या कंपनियों को सब्सक्रिप्शन प्लान में पारदर्शिता रखनी चाहिए?

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