Last flight of MiG-21 : पर बोले अंतरिक्ष वीर शुभांशु शुक्ला, भावुक होकर साझा की यादें

भारतीय वायुसेना के गौरवशाली मिग-21 विमान ने आज अपनी आखिरी उड़ान भरी। इस ऐतिहासिक मौके पर अंतरिक्ष मिशन पर जा चुके शुभांशु शुक्ला ने दिल छूने वाली यादें साझा कीं। उन्होंने बताया कि कैसे मिग-21 ने उनके जीवन को आकार दिया और उन्हें एक बेहतर पायलट बनाया। मिग-21 का कॉकपिट उनके लिए हमेशा गुरु की तरह रहा, जहां से उन्होंने जिंदगी के अनमोल सबक सीखे।

Last flight of MiG-21 : पर बोले अंतरिक्ष वीर शुभांशु शुक्ला, भावुक होकर साझा की यादें

भारत के मिग-21 फाइटर जेट ने भारतीय वायुसेना की पहचान को काफी मजबूत किया है। सालों तक अपने शौर्य, संघर्ष और जुनून का प्रतीक बने मिग-21 ने आज आखिरी उड़ान भरी। इस मौके पर अंतरिक्ष मिशन पर जा चुके अंतरिक्ष वीर शुभांशु शुक्ला ने दिल से अपनी भावनाएं जाहिर कीं। उन्होंने कहा, “मिग-21 केवल एक फाइटर प्लेन नहीं रहा, बल्कि यह मेरी यात्रा का एक अहम हिस्सा भी रहा है।”

 

मिग-21 के साथ मेरी यात्रा की शुरूआत : हर दिन था सीखने जैसा

शुभांशु शुक्ला का कहना है कि जब वे पहली बार मिग-21 के कॉकपिट में बैठे थे, तब उन्हें बहुत डर लग रहा था। लेकिन जैसे-जैसे उन्होंने उड़ानें भरीं, वैसे-वैसे उनका आत्मविश्वास बढ़ता गया। उन्होंने बताया, “मिग-21 के हर हिस्से, हर बटन और हर आवाज की अपनी एक कहानी थी। मुझे मिग-21 में बैठकर ऐसा लगता था जैसे मैं अपने एक गुरु के साथ हूं, जो हर दिन मुझे कुछ नया सिखाता है।”

 

मिग-21 का कॉकपिट : मेरा सबसे बड़ा गुरु

शुभांशु शुक्ला ने अपनी बातें साझा करते हुए कहा कि मिग-21 का कॉकपिट उनके लिए हमेशा टीचर की तरह रहा है। वहां बैठकर एक-एक पल बहुत कुछ सीखने को मिला। जैसे एक बच्चा स्कूल में नए-नए सबक सीखता है, वैसे ही उन्होंने भी मिग-21 से उड़ान के कई पाठ सीखे। उन्होंने यह भी बताया कि विमानों का सही दिशा में उड़ना, तेज हवा में संतुलन बनाना या अचानक आने वाले संकट का सामना करना – ये सारी सीख उन्हें यहीं मिली।

 

मिग-21 के साथ जुड़े जज्बात और यादें

कई सालों तक मिग-21 उड़ाने के अनुभव को शुभांशु शुक्ला भावुक होकर याद करते हैं। वे कहते हैं, मेरा अधिकतर वक्त मिग-21 के साथ ही बीता है। चाहे जीत की खुशी हो या किसी मिशन की चिंता, हर पल इस विमान के साथ ही रहा। कभी-कभी मुझे लगता था कि यह सिर्फ एक मशीन नहीं है, बल्कि मेरा साथी, मेरा मार्गदर्शक है।

 

अभ्यास से लेकर असली मिशन तक, मिग-21 ने हमेशा दिया साथ

शुभांशु शुक्ला ने बताया कि उन्होंने अपने अधिकतर अभ्यास और असली मिशन इसी मिग-21 के साथ पूरे किए। वह कहते हैं, इस विमान ने मुझे हमेशा सिखाया कि कितना भी मुश्किल वक्त हो, हमें साहसिक बने रहना चाहिए। कई बार मौसम खराब था या विपरीत परिस्थितियाँ थीं, तब भी मिग-21 ने मुझे कभी गिरने नहीं दिया।

 

आज मिग-21 की आखिरी उड़ान को देखते हुए भी महसूस हुआ गर्व

जब आज मिग-21 ने अपनी आखिरी उड़ान भरी, तो शुभांशु शुक्ला के मन में कई भावनाएं इकट्ठा हो गईं। उन्होंने कहा, इस ऐतिहासिक दिन का हिस्सा बनना मेरे लिए सम्मान की बात है। मिग-21 ने सैकड़ों पायलटों को तैयार किया, देश की रक्षा की, और आज भी उसकी यादें ताजा हैं।

 

मिग-21 की सीखें हमेशा रहेंगी साथ

शुभांशु शुक्ला का मानना है कि मिग-21 से जो अनुभव और ज्ञान मिला, वह हमेशा उनके जीवन में रहेगा। वे कहते हैं, हर युवा पायलट को मिग-21 से यही सीखना चाहिए कि आत्मविश्वास और मेहनत के साथ कोई भी मुश्किल आसान की जा सकती है।

 

खास बातें, जिनसे शुभांशु शुक्ला ने सीखा सफलता का महत्व

उनका अनुभव बताता है कि अपनी जिम्मेदारी निभाना, अनुशासन का पालन करना और कठिन समय में दिल मजबूत रखना – ये बातें मिग-21 से किसी भी इंसान को सीखने को मिलती हैं। हर उड़ान के बाद कुछ नया सीखना, हर गलती से सुधार करना – यही सफलता की असली कुंजी है, शुभांशु शुक्ला कहते हैं।

 

युवा पीढ़ी के लिए शुभांशु शुक्ला का संदेश

अपने अनुभवों से मिले ज्ञान के आधार पर शुभांशु शुक्ला ने देश के युवाओं को संदेश दिया, अपने सपनों को पूरा करने के रास्ते में कई बार मुश्किलें आएंगी, लेकिन अगर इरादे मजबूत हों और मन में देशभक्ति हो, तो कोई रोक नहीं सकता। मिग-21 की तरह हमेशा आगे बढ़ो, सीखते रहो और कभी हार मत मानो।

 

अलविदा मिग-21, लेकिन यादें रहेंगी हमेशा ताजा

मिग-21 के आखिरी सफर के मौके पर शुभांशु शुक्ला भावुक होकर कहते हैं, आज भले ही मिग-21 की आखिरी उड़ान थी, लेकिन इसके साथ बिताया हर पल हमेशा मेरे दिल में रहेगा। उनकी बातें हमें बताती हैं कि कैसे एक फाइटर जेट किसी के जीवन में यादगार अध्याय बन सकता है।

 

मिग-21 से मिली सीखें जीवन का हिस्सा बन गईं

अंत में यही कहा जा सकता है कि मिग-21 सिर्फ एक फाइटर जेट नहीं, बल्कि उन तमाम पायलट्स की प्रेरणा भी है, जिन्होंने इसके साथ उड़ान भरी। आज मिग-21 अलविदा कह रहा है, लेकिन उसकी यादें और उससे मिली सीखें हमेशा हम सबके साथ रहेंगी।

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