राजस्थान में इन दिनों एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें विधायक नौक्षक चौधरी आम जनता के बीच रोती दिखाई दे रही हैं। यह दृश्य बहुत ही मार्मिक है, जिससे पूरा क्षेत्र चर्चा में आ गया है। लोग जानना चाहते हैं कि आखिर एक विधायक को मंच पर इस तरह रोना क्यों आ गया, जो साधारण तौर पर नहीं देखा जाता। राजस्थान की यह घटना राजनीति से इतर इंसानियत की मिसाल बन गई है।
वायरल वीडियो की घटना का पूरा सच
वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि जब नौक्षक चौधरी अपने क्षेत्र की एक समस्या को लेकर जनता के बीच मंच पर खड़ी थीं, तो वे लोगों की पीड़ा सुनकर इतना भावुक हो गईं कि उनकी आंखों से आंसू बह निकले। कोई भी नेता जब खुद दुख महसूस करता है, तो उसके आंसू आम लोगों के दुख से जुड़ाव दिखाते हैं। राजस्थान की जनता के ये दर्द भरे हालात देखकर नवोदित विधायक भी खुद को रोक नहीं पाईं।
नौक्षक चौधरी हर मोर्चे पर क्षेत्र के लोगों के लिए सक्रिय
काफी समय से देखा गया है कि नौक्षक चौधरी अपनी विधानसभा में लगातार काम कर रही हैं। कभी सड़क की समस्या पर बैठकों में, कभी बिजली-पानी के मुद्दों पर आमजन के बीच पहुंच जाती हैं। लोगों से सीधे संवाद कर उनकी परेशानी का समाधान खोजती हैं। विधायक बतौर उनका यह व्यवहार आम राजनीति से अलग नजर आता है, इसी वजह से लोगों को उनसे सीधा जुड़ाव महसूस होता है।
जनता के दुख-सुख में शामिल होना नई राजनीति का उदाहरण
राजनीति में विधायक या नेता आमतौर पर जनता से दूरी बनाकर रखते हैं, लेकिन नौक्षक चौधरी ने राज्य में एक नई मिसाल कायम कर दी है। वे दुःख में साथ खड़ी होती हैं और खुशियों में भी लोगों के बीच पहुंचती हैं। उनकी यह नजीर राजस्थान की राजनीति में नई हवा की तरह है, जिससे आमलोगों का भरोसा नेताओं पर बढ़ गया है।
सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो पर जनता की प्रतिक्रिया
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर यह वीडियो वायरल हुआ तो लोगों ने विधायक के इस भावुक रूप की सराहना की। कई लोगों ने कहा कि आज भी हमारे देश में ऐसे नेता हैं जो आम जनता के दुख में अपने आंसू बहा सकते हैं। वहीं, कुछ लोगों ने यह भी लिखा कि अगर हर क्षेत्र में ऐसे नेता हों तो समाज की तस्वीर ही बदल जाए।
विधायक के आंखों से छलक पड़े दर्द के आंसू...
— NDTV India (@ndtvindia) September 25, 2025
राजस्थान के डीग में कामा विधायक नौक्षम चौधरी सड़क हादसे में मृतक राजवीर के परिजनों से मिलने पहुंचीं. परिवार को ढांढस बंधाते हुए विधायक भावुक हो गईं और उनकी आंखों से आंसू छलक पड़े. इस दुख की घड़ी में हिम्मत बनाए रखने की सलाह देते हुए… pic.twitter.com/fFD4PMNZwW
विधानसभा क्षेत्र में चर्चाओं का बाजार गर्म
वायरल वीडियो के बाद उनके विधानसभा क्षेत्र में चर्चा है कि विधायक बहुत संवेदनशील हैं और हर वर्ग की समस्या को अपना दुख मानती हैं। लोगों का कहना है कि इतने व्यस्त समय में जब प्रतिनिधि खुद गांव और सड़कों पर आकर लोगों का हाल-चाल पूछे, तो जनता को भी उम्मीद बंधती है कि उनके अधिकारी और नेता उनके साथ हैं।
नेता के आंसू जनता का दर्द बांटने का जरिया
यह पहली बार नहीं है जब किसी विधायक ने जनता की समस्या पर इस कदर भावुकता दिखाई हो, लेकिन नौक्षक चौधरी की आंखों से निकले आंसू आमलोगों के दिल को छू गए। इससे यह साफ हो जाता है कि राजनीति में अब बदलते दौर की शुरुआत हो चुकी है, जिसमें भावना और संवेदनशीलता की भी जगह है।
भविष्य में क्या बदलाव नजर आ सकते हैं
इस घटना के बाद से क्षेत्र की जनता और भी खुलकर अपने मुद्दे विधायक तक पहुंचाने लगी है। उम्मीद की जा रही है कि आगे भी नौक्षक चौधरी इसी तरह आम लोगों की समस्याओं को प्राथमिकता देती रहेंगी। उनके इस व्यवहार की वजह से राजस्थान में नए किस्म की राजनीति की चर्चा हर ओर हो रही है।
वीडियो वायरल होने के बाद प्रशासन की सक्रियता भी बढ़ी
वीडियो के सामने आने के बाद स्थानीय प्रशासन ने भी तुरंत कार्यवाही प्रारंभ कर दी। क्षेत्र की जिन समस्याओं के कारण जनता दुखी थी, अब उन पर काम शुरू हो गया है। कई शिकायतों का समाधान करने का भरोसा दिया गया है, जिससे जनता में राहत देखने को मिल रही है।
आम नागरिकों के लिए प्रेरणादायक बन गई हैं विधायक
नौक्षक चौधरी का यह वीडियो आज हर उस आम नागरिक के लिए उम्मीद की किरण है, जो अपने दुख-दर्द को किसी तक पहुंचाने से कतराता है। विधायक के आंसुओं ने बता दिया कि अगर आपका प्रतिनिधि सच्चा है, तो वह आपके दर्द को जरूर महसूस करता है। यही वजह है कि आज उनके पूरे क्षेत्र में उन्हें लेकर सम्मान का भाव और बढ़ गया है।
संवेदनशीलता की बदौलत जनता के बीच लोकप्रियता
राजस्थान की राजनीति में कई उदाहरण मिलते हैं जब नेताओं के फैसले चर्चा में रहे, लेकिन नौक्षक चौधरी की संवेदनशीलता ने उन्हें आम लोगों के दिल के और करीब कर दिया है। आज हर कोई उनके इस रूप की तारीफ कर रहा है। आगे भी अगर नेता इसी तरह संवेदनशीलता के साथ जनता की समस्याएं सुनें और हल निकालें, तो लोकतंत्र और मजबूत होगा।