Mohun Bagan : ने छोड़ी एएफसी चैंपियंस लीग 2 और विदेशी खिलाड़ियों की सुरक्षा चिंता बनी वजह

मोहन बागान के छह विदेशी खिलाड़ियों ने ईरान यात्रा से साफ इंकार कर दिया है। खिलाड़ियों का मानना है कि वर्तमान राजनीतिक और सामाजिक हालात को देखते हुए ईरान जाना सुरक्षित नहीं है। क्लब प्रबंधन ने बहुत समझाने की कोशिश की लेकिन खिलाड़ियों ने अपनी जान की सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए जाने से मना कर दिया।

Mohun Bagan : ने छोड़ी एएफसी चैंपियंस लीग 2 और विदेशी खिलाड़ियों की सुरक्षा चिंता बनी वजह

खबर का सार AI ने दिया · GC Shorts ने रिव्यु किया

    भारतीय फुटबॉल की दुनिया में एक बड़ी खबर आई है। कोलकाता की मशहूर टीम मोहन बागान ने एएफसी चैंपियंस लीग 2 से अपना नाम वापस ले लिया है। यह फैसला तब आया जब टीम के छह विदेशी खिलाड़ियों ने ईरान जाने से मना कर दिया। खिलाड़ियों का कहना है कि वहां जाना सुरक्षा की दृष्टि से ठीक नहीं है।

     

    क्यों हुई यह समस्या

    एएफसी चैंपियंस लीग 2 में भाग लेने के लिए मोहन बागान की टीम को ईरान जाना था। लेकिन वहां के हालात को देखते हुए टीम के छह विदेशी खिलाड़ियों ने साफ मना कर दिया। इन खिलाड़ियों का कहना है कि अभी ईरान में जो स्थिति है, उसमें जाना खतरे से खाली नहीं है। यह बात सुनकर क्लब के अधिकारियों को बहुत परेशानी हुई।

    टीम के कोच और मैनेजमेंट ने बहुत कोशिश की कि खिलाड़ी अपना मन बदल दें। उन्होंने समझाया कि यह टूर्नामेंट भारतीय फुटबॉल के लिए कितना जरूरी है। लेकिन खिलाड़ियों ने अपनी बात पर अडिग रहकर जाने से मना कर दिया।

     

    क्लब का मजबूरी भरा फैसला

    जब छह खिलाड़ियों ने ईरान न जाने की बात कही तो मोहन बागान के पास कोई दूसरा रास्ता नहीं बचा। बिना पूरी टीम के मैच खेलना नामुमकिन था। इसलिए क्लब को भारी मन से एएफसी चैंपियंस लीग 2 से हटने का फैसला करना पड़ा।

    क्लब के अधिकारियों का कहना है कि यह फैसला बहुत मुश्किल था। वे जानते थे कि इससे भारतीय फुटबॉल की साख पर असर पड़ेगा। लेकिन खिलाड़ियों की सुरक्षा को देखते हुए उन्हें यह कदम उठाना पड़ा।

     

    कोर्ट में न्याय की गुहार

    मोहन बागान ने अब कोर्ट ऑफ आर्बिट्रेशन फॉर स्पोर्ट में अपील की है। क्लब चाहता है कि उसके साथ न्याय हो। उनका कहना है कि यह हटना मजबूरी थी, इसलिए उन पर कोई सजा नहीं होनी चाहिए।

    एएफसी के नियमों के अनुसार, अगर कोई टीम बिना ठोस कारण के टूर्नामेंट से हटती है तो उस पर जुर्माना लगाया जा सकता है। कभी-कभी टीम को कुछ साल के लिए एशियाई टूर्नामेंट से भी बाहर कर दिया जाता है। इसी डर से मोहन बागान ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।

     

    भारतीय फुटबॉल पर असर

    इस घटना से भारतीय फुटबॉल को बड़ा झटका लगा है। मोहन बागान देश की सबसे पुरानी और सम्मानित फुटबॉल टीमों में से एक है। इस टीम का एएफसी चैंपियंस लीग 2 से हटना भारत की साख पर सवाल खड़े करता है।

    फुटबॉल प्रेमियों का कहना है कि यह बहुत दुखद बात है। भारतीय टीमों को एशियाई मंच पर अपनी पहचान बनाने के लिए इन टूर्नामेंटों में भाग लेना जरूरी है। लेकिन सुरक्षा के मामले में कोई समझौता नहीं किया जा सकता।

     

    विदेशी खिलाड़ियों की चिंता

    टीम के विदेशी खिलाड़ियों की चिंता को समझा जा सकता है। आखिर उनकी भी अपनी जिंदगी है और परिवार है। अगर वे महसूस करते हैं कि कहीं जाना सुरक्षित नहीं है तो वे मना कर सकते हैं।

    यह घटना दिखाती है कि अंतरराष्ट्रीय खेलों में राजनीतिक और सुरक्षा के मुद्दे कितनी बड़ी समस्या बन जाते हैं। खिलाड़ी सिर्फ खेल खेलना चाहते हैं, लेकिन बाहरी हालात उन्हें ऐसा करने से रोक देते हैं।

     

    आगे क्या होगा

    अब देखना यह है कि मोहन बागान की अपील पर कोर्ट क्या फैसला देती है। अगर कोर्ट उनके पक्ष में फैसला देती है तो हो सकता है कि उन पर कोई सजा न हो। लेकिन अगर अपील खारिज हो जाती है तो टीम को भारी जुर्माना भरना पड़ सकता है।

    इस घटना से एक सबक मिलता है कि भविष्य में भारतीय क्लबों को ऐसी स्थितियों के लिए तैयार रहना चाहिए। उन्हें अपने खिलाड़ियों से पहले ही बात करनी चाहिए और सभी संभावनाओं पर विचार करना चाहिए।

    भारतीय फुटबॉल के लिए यह एक कड़ी चुनौती है। लेकिन उम्मीद है कि आने वाले समय में ऐसी परेशानियों का समाधान निकाला जा सकेगा। तब तक मोहन बागान और इसके समर्थकों को धैर्य रखना होगा।

    क्या Mohun Bagan : ने छोड़ी एएफसी चैंपियंस लीग 2 और विदेशी खिलाड़ियों की सुरक्षा चिंता बनी वजह सही दिशा है?

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