Madhya Pradesh : के गरबा पंडालों में लगे विवादित पोस्टर, गैर हिंदू आए तो गंगाजल पिलाएंगे और गौमूत्र छिड़केंगे
मध्यप्रदेश के गरबा पंडाल इस बार विवाद से घिर गए हैं। आयोजकों ने पंडालों में ऐसे पोस्टर लगाए हैं जिनमें साफ लिखा है कि अगर कोई गैर हिंदू गरबा देखने या शामिल होने आता है तो उसे गंगाजल पिलाकर और गौमूत्र छिड़ककर “घर वापसी” करवाई जाएगी। इन पोस्टरों में जूते और लाठियों की तस्वीरें भी दिखाई गईं, जिससे सामाजिक तनाव की स्थिति बन गई है और यह मुद्दा अब पूरे प्रदेश में चर्चा का विषय बन चुका है।
मध्यप्रदेश में इस बार शारदीय नवरात्रि के गरबा आयोजनों ने राजनीतिक और सामाजिक विवाद खड़ा कर दिया है। कई पंडालों में ऐसे चेतावनी भरे पोस्टर लगाए गए हैं, जिनमें लिखा है कि अगर कोई गैर-हिंदू दर्शक गरबा देखने या उसमें शामिल होने आता है, तो उसे गंगाजल पिलाया जाएगा और गौमूत्र छिड़का जाएगा। इतना ही नहीं, गरबा पंडाल के इन पोस्टरों में जूते, चप्पल और लट्ठ की तस्वीरें छापकर यह तक लिख दिया गया है कि “जिहादियों की उचित व्यवस्था की जाएगी।”
Related Articles
आयोजकों ने क्यों लगाया ऐसा पोस्टर, सामने आई दलील
गरबा आयोजकों का कहना है कि ये निर्णय उन्होंने सुरक्षा की दृष्टि से लिया है। उनके मुताबिक, पिछले वर्षों में कई बार गरबा स्थलों पर विवाद की घटनाएं हुई हैं और माहौल बिगड़ने की कोशिश की गई है। आयोजकों ने यह भी कहा कि “गरबा केवल धार्मिक आयोजन है और इसमें वही लोग शामिल हों जो श्रद्धा और भक्ति भावना रखते हैं।” इसी वजह से उन्होंने गरबा पंडाल में यह लिखित चेतावनी लगाने का दावा किया।
गंगाजल और गौमूत्र का जिक्र क्यों किया गया
इन पोस्टरों का सबसे विवादित हिस्सा यह रहा कि उनमें गंगाजल पिलाने और गौमूत्र छिड़कने की बात लिखी गई। आयोजकों ने कहा कि अगर गैर हिंदू अंदर आएगा तो सबसे पहले उसे इन सबके जरिए “शुद्ध” किया जाएगा और फिर “घर वापसी” करवाई जाएगी। इस कथन के बाद ही माहौल गरमा गया है और अब यह मुद्दा पूरे प्रदेश में चर्चा का विषय बन चुका है।
स्थानीय लोगों और भक्तों की प्रतिक्रिया
आसपास के इलाकों में जब लोगों ने यह पोस्टर देखा तो कई लोगों ने इसका समर्थन किया, तो कई इससे असहज भी दिखे। कुछ भक्तों का मानना है कि गरबा में ऐसी चेतावनियां होना ठीक है क्योंकि त्योहार में अनुशासन रहना जरूरी है। वहीं कई अन्य लोगों का कहना है कि ऐसे शब्द लिखने से समाज में दूरियां और विभाजन की भावना पैदा होती है। स्थानीय युवाओं का कहना है कि गरबा पंडाल आस्था का केंद्र होता है, वहां इस तरह के विवादित संदेश नहीं होने चाहिए।
विपक्ष ने साधा निशाना और प्रशासन पर दबाव बढ़ा
इस पूरे मामले के सामने आने के बाद विपक्षी दलों ने गरबा आयोजकों और प्रदेश की सरकार दोनों को कटघरे में खड़ा कर दिया है। नेताओं का कहना है कि धार्मिक आयोजनों को राजनीति का मंच बनाया जा रहा है और इस तरह का वातावरण भविष्य में खतरनाक हो सकता है। विपक्ष का आरोप है कि सरकार इस मुद्दे पर चुप है और प्रशासन समय रहते कार्रवाई नहीं कर रहा है।
प्रशासन की ओर से मिली शुरुआती प्रतिक्रिया
जैसे ही गरबा पंडाल में लगे इन पोस्टरों की तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हुईं, प्रशासन भी हरकत में आ गया। जिला प्रशासन ने कहा कि वह इस मामले की जांच कर रहा है। अधिकारियों ने आयोजकों से जवाब मांगा है कि आखिर क्यों इस तरह की भाषा और तस्वीरों का इस्तेमाल किया गया। प्रशासन ने यह भी कहा कि अगर किसी धार्मिक आयोजन से समाज में आपसी सौहार्द बिगड़ता है, तो कार्रवाई की जाएगी।
विशेषज्ञों का नजरिया और समाज पर असर
सामाजिक विशेषज्ञों का मानना है कि त्योहारों का मकसद लोगों को जोड़ना होता है, लेकिन इस तरह के संदेश समाज को और विभाजित कर सकते हैं। उनका कहना है कि गरबा केवल नृत्य और देवी भक्ति का हिस्सा है, इसमें किसी को धर्म देखकर बांटना उचित नहीं है। साथ ही, विशेषज्ञों का यह भी कहना है कि प्रशासन को इस तरह के संदेशों पर तुरंत सख्त कदम उठाना चाहिए ताकि आगे तनाव न फैले।
सोशल मीडिया पर गरमा गया माहौल
गरबा पंडाल के ये चेतावनी भरे पोस्टर अब सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहे हैं। ट्विटर और फेसबुक पर हजारों यूजर्स इस पर अपनी-अपनी प्रतिक्रिया दे रहे हैं। कोई इन पोस्टरों को सही ठहरा रहा है, तो कोई इन्हें सामाजिक सौहार्द के खिलाफ बता रहा है। कई जगह #गरबा और गंगाजल जैसे हैशटैग ट्रेंड कर रहे हैं।
आगे क्या कदम उठाएगा प्रशासन
अब सभी की निगाहें प्रशासन पर टिकी हुई हैं कि वह इस विवाद पर क्या रुख अपनाता है। गरबा आयोजकों के खिलाफ कोई कार्रवाई होती है या फिर उन्हें समझाइश देकर इस विवाद को शांत करने की कोशिश की जाती है। नवरात्रि आने वाले दिनों में और भी बड़े रूप में मनाई जाएगी, ऐसे में यह देखना अहम होगा कि गरबा पंडाल में माहौल शांत रहता है या विवाद और बढ़ता है।
ये भी पढ़ें
-
Chhindwara : में यूथ कांग्रेस का विरोध बेकाबू, चुनाव आयोग का पुतला जलाने से आग लगी और 4 पुलिसकर्मी भी घायल -
नवरात्रि 2025 लाइव अपडेट्स: 9 दिनों का व्रत, रंग और उत्सव -
Navratri Mysterious Temple : में दर्शन करने जाएं इन 5 रहस्यमयी देवी मंदिरों में, जहां पति-पत्नी का साथ जाना पूरी तरह मना है -
Ladki Bahin Yojana: अब e-KYC अनिवार्य, 2 महीने में पूरी करें प्रक्रिया -
Navratri 2025: नवरात्रि के पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा कैसे करें जानें विधि, महत्व और आसान पूजा उपाय -
Mandsaur : में गरबा प्रैक्टिस कर रही महिला का अपहरण, 6 आरोपी हुए गिरफ्तार