Navratri : में भारत में ही नहीं अमेरिका और कनाडा में भी होती है मां दुर्गा की पूजा

नवरात्रि का पर्व केवल भारत तक ही सीमित नहीं है, बल्कि अमेरिका और कनाडा में भी बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। प्रवासी भारतीय मां दुर्गा की पूजा कर अपनी सांस्कृतिक जड़ों को जीवित रखते हैं। मंदिरों और सामूहिक आयोजनों में गरबा, डांडिया और धार्मिक कार्यक्रमों के जरिए यह त्योहार वहां भारतीयता का अहम प्रतीक बन चुका है। नवरात्रि विदेशों में भारतीय संस्कृति का संदेश देने वाला सबसे लोकप्रिय पर्व बन गया है।

Navratri : में भारत में ही नहीं अमेरिका और कनाडा में भी होती है मां दुर्गा की पूजा

भारत में नवरात्रि केवल एक धार्मिक त्योहार नहीं है बल्कि यह भारतीय संस्कृति, परंपरा और आस्था का जीवंत प्रतीक है। नौ दिनों तक मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है और शक्ति की साधना की जाती है। यही कारण है कि हर साल इस पर्व का इंतजार बड़ी श्रद्धा और तैयारी के साथ किया जाता है। लेकिन यह केवल भारत तक सीमित नहीं है। आज जब भारतीय प्रवासी पूरी दुनिया में बसे हैं, तो वे अपनी जड़ों से जुड़े रहने के लिए इस पर्व को विदेशों में भी पूरे उत्थान और गर्व के साथ मनाते हैं। अमेरिका, कनाडा, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया और खाड़ी देशों में नवरात्रि का उत्सव बड़े पैमाने पर मनाया जाता है। खास बात यह है कि यह केवल पूजा तक सीमित नहीं रहता, बल्कि यह भारतीय संस्कृति का संदेश भी विश्व तक ले जाता है।

अमेरिका और कनाडा में बसे प्रवासी भारतीयों के लिए यह त्योहार उनके दिल के करीब है। वे न केवल धार्मिक आस्था निभाते हैं बल्कि नई पीढ़ी को भी इस परंपरा से जोड़ते हैं। इस तरह नवरात्रि आज सिर्फ भारत का ही नहीं बल्कि वैश्विक भारतीय समुदाय का त्योहार बन चुकी है। इसकी लोकप्रियता और इसका विस्तार यह दिखाता है कि संस्कृति भले देश बदल ले, लेकिन अपनी जड़ों से रिश्ता कभी नहीं टूटता।

 

अमेरिका में नवरात्रि कैसे मनाते हैं प्रवासी भारतीय

अमेरिका में नवरात्रि पर्व बड़े भव्य और सांस्कृतिक अंदाज में मनाया जाता है। अलग-अलग राज्यों में भारतीय समुदाय एकत्र होकर मां दुर्गा की प्रतिमाओं की स्थापना करता है, मंदिरों में विशेष कार्यक्रम होते हैं और सार्वजनिक स्थलों पर गरबा और डांडिया नाइट का आयोजन किया जाता है। न्यू जर्सी, न्यूयॉर्क, शिकागो, डलास और कैलिफोर्निया जैसे शहरों में हजारों की संख्या में भारतीय परिवार एक साथ जुटते हैं और इसे एक बड़े सामूहिक पर्व का रूप दे देते हैं।

यहां खासतौर पर गरबा और डांडिया की परंपरा बहुत लोकप्रिय है। भारतीय छात्र संघ, कम्युनिटी संगठन और मंदिरे सालों से इस परंपरा को जीवित रखे हुए हैं। सिर्फ भारतीय ही नहीं बल्कि विदेशी लोग भी इसमें बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते हैं। अमेरिका की धरती पर जब सैकड़ों लोग पारंपरिक परिधान पहनकर गरबा करते हैं, तब ऐसा लगता है जैसे हम भारत में ही हैं। भारतीय दूतावास और सांस्कृतिक संस्थान भी इस अवसर पर विशेष आयोजन करते हैं। इस तरह अमेरिका में नवरात्रि केवल धर्म का पर्व नही रह जाता, यह भारतीय कला, संगीत और नृत्य का उत्सव भी बन जाता है।

 

कनाडा में मां दुर्गा की आराधना और पूजा का स्वरूप

कनाडा में बसे भारतीय परिवारों के लिए नवरात्रि घर और समाज दोनों का त्योहार होता है। टोरंटो, वैंकूवर, मॉन्ट्रियल और विन्निपेग जैसे शहरों में मंदिरों और सांस्कृतिक केंद्रों में मां दुर्गा की मूर्तियां स्थापित की जाती हैं और श्रद्धालु नौ दिनों तक पूजा-पाठ करते हैं। कनाडा का मौसम इस दौरान ठंडा होने लगता है, लेकिन भारतीय समुदाय के उत्साह में कोई कमी नहीं आती। हर घर में घट स्थापना होती है और कई जगह तो सार्वजनिक स्तर पर बड़े पंडाल बनाए जाते हैं।

कनाडा में नवरात्रि का स्वरूप कहीं न कहीं बंगाल के दुर्गापूजा से मिलता-जुलता है। यहां पूजा पंडालों में भजन, संकीर्तन, दुर्गा चालीसा और आरती का आयोजन किया जाता है। परिवार अपने बच्चों को इस पर्व का महत्व समझाते हैं ताकि अगली पीढ़ी अपनी संस्कृति से जुड़ी रहे। साथ ही यहां भी डांडिया और गरबा का आयोजन होता है, जो कनाडाई समाज में भारतीय पहचान का महत्वपूर्ण हिस्सा बन गया है। यह देखकर गर्व होता है कि हजारों किलोमीटर दूर एक ठंडे देश में भारतीय आस्था और परंपरा इतनी गर्मजोशी से जीवित है।

 

विदेशों में नवरात्रि क्यों बनी सांस्कृतिक पहचान

यह सवाल स्वाभाविक है कि नवरात्रि जैसे पर्व को विदेशों में इतना महत्व क्यों मिलता है। दरअसल, जब प्रवासी भारतीय अपने परिवारों के साथ नई दुनिया में बसते हैं तो उनके लिए अपनी पहचान को जीवित रखना जरूरी हो जाता है। नवरात्रि, दीपावली, होली जैसे पर्व इस सांस्कृतिक पहचान के सबसे सशक्त प्रतीक बन जाते हैं। प्रवासी भारतीयों के लिए यह त्योहार केवल पूजा का अवसर नहीं बल्कि अपने देश की मिट्टी, अपनी भाषा और अपनी धड़कनों को याद करने का तरीका है।

अमेरिका और कनाडा जैसे बहुसांस्कृतिक समाजों में नवरात्रि भारतीय समुदाय के एकजुट होने का माध्यम है। यह अगली पीढ़ी को भारतीय संस्कृति से जोड़ने का जरिया है, जिससे वह अपनी जड़ों को पहचान सके। यही कारण है कि विदेशों में यह पर्व साल दर साल और लोकप्रिय होता जा रहा है। यहां तक कि स्थानीय प्रशासन और विदेशी नागरिक भी इन आयोजनों को समर्थन और सराहना देते हैं। यह कहना अतिशयोक्ति नहीं होगी कि विदेशों में नवरात्रि "सांस्कृतिक राजदूत" की तरह काम करती है।

 

नवरात्रि से जुड़ी भावनाएं और आधुनिक परंपरा

आज जब दुनिया तेजी से बदल रही है और तकनीक ने संस्कारों को भी छू लिया है, फिर भी नवरात्रि जैसे पर्व अपनी आत्मा को बचाए हुए हैं। भारत में रहने वाले लोग इस पर्व को पुराने रीति-रिवाजों के अनुसार मानते हैं, वहीं विदेशों में प्रवासी भारतीय इसे आधुनिक परिवेश के साथ जोड़कर मनाते हैं। जैसे अमेरिका और कनाडा में गरबा और डांडिया नाइट्स के टिकट ऑनलाइन बेचे जाते हैं, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर लाइव प्रसारण किए जाते हैं, और कई बार तो वर्चुअल पूजा का भी आयोजन होता है।  

लेकिन इन सब बदलावों के बाद भी एक चीज कभी नहीं बदलती – वह है मां दुर्गा के प्रति श्रद्धा। यही श्रद्धा नवरात्रि को दुनिया के हर कोने में भारतीयों के लिए खास बनाती है। इस पर्व ने साबित किया है कि चाहे हम कहीं भी चले जाएं, अपनी संस्कृति को दिल से जोड़कर रखें तो वह सीमाओं में नहीं बंधती। नवरात्रि हमारे लिए पूजा भी है और पहचान भी, आस्था भी है और संस्कृति भी।