Navratri Mysterious Temple : में दर्शन करने जाएं इन 5 रहस्यमयी देवी मंदिरों में, जहां पति-पत्नी का साथ जाना पूरी तरह मना है

नवरात्रि का पर्व मां दुर्गा की भक्ति और शक्ति उपासना का सबसे पावन समय माना जाता है. इस अवसर पर भारत में लाखों लोग देवी मंदिरों के दर्शन के लिए पहुंचते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि कुछ ऐसे रहस्यमयी मंदिर भी हैं, जहां जाने के खास नियम हैं? यहां पति-पत्नी को एक साथ प्रवेश की अनुमति नहीं है. आइए जानते हैं इन 5 अनोखे और रहस्यमयी मंदिरों की परंपराओं के बारे में विस्तार से.

Navratri Mysterious Temple : में दर्शन करने जाएं इन 5 रहस्यमयी देवी मंदिरों में, जहां पति-पत्नी का साथ जाना पूरी तरह मना है

भारत की धरती चमत्कारों और आस्थाओं से भरी हुई है. यहां हर मंदिर की अपनी कोई न कोई मान्यता और परंपरा है. नवरात्रि के पावन दिनों में जब मां दुर्गा की भक्ति पूरे देश में गूंजती है, तो लोग देवी मंदिरों के दर्शन करने के लिए दूर-दराज से आते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि भारत में कुछ ऐसे रहस्यमयी मंदिर भी हैं, जहां जाने के खास नियम होते हैं? इन नियमों में सबसे हैरान करने वाला नियम यह है कि कई जगह पति-पत्नी को एक साथ प्रवेश करने की अनुमति नहीं होती. यह परंपरा सदियों से चली आ रही है और आज भी लोग इसे मानते हैं.

क्यों खास हैं ऐसे मंदिर

आमतौर पर जब हम किसी देवी मंदिर में जाते हैं, तो परिवार के साथ जाना शुभ माना जाता है. लेकिन भारत में कुछ तीर्थस्थल ऐसे भी हैं, जहां दंपत्ति को एक साथ दर्शन करने से रोका जाता है. इन जगहों पर यह विश्वास है कि कुछ विशेष ऊर्जाएं केवल तब सक्रिय होती हैं जब भक्त अकेले मां के दरबार में जाता है. कहा जाता है कि इससे भक्ति और अधिक गहरी मानी जाती है.

 

कमख्या मंदिर असम की अनोखी मान्यता

असम की राजधानी गुवाहाटी में स्थित कमख्या मंदिर शक्ति उपासना का सबसे बड़ा केंद्र माना जाता है. यह मंदिर इस बात के लिए रहस्यमयी है कि यहां मां के गर्भ के प्रतीक रूप की पूजा होती है. कमख्या मंदिर का महत्व इतना अनोखा है कि नवरात्रि के समय लाखों श्रद्धालु यहां पहुंचते हैं. यहां पति-पत्नी का साथ प्रवेश करने पर रोक है. विश्वास किया जाता है कि मां कमख्या के सामने व्यक्ति को अकेले जाकर अपनी भक्ति प्रकट करनी चाहिए. इसे तन, मन और आत्मा की शुद्धि से जोड़कर देखा जाता है.

 

त्रिपुरा का त्रिपुरसुंदरी मंदिर और अनोखी परंपरा

त्रिपुरा में स्थित त्रिपुरसुंदरी मंदिर शक्तिपीठों में से एक प्रमुख स्थल है. यहां का वातावरण बेहद शांत और अलौकिक होता है. यहां की मान्यता है कि विवाहित जोड़े यदि एक साथ यहां दर्शन करते हैं तो उनके वैवाहिक जीवन में मतभेद बढ़ सकते हैं. इसी वजह से यहां पति-पत्नी एक साथ नहीं जाते. नवरात्रि के दौरान इस मंदिर में अद्भुत रौनक रहती है और देवी भक्ति अपने चरम पर होती है.

 

बिहार का चिंतपूर्णी मंदिर जिसकी मान्यताएं चौंकाती हैं

बिहार के कुछ गांवों में मातृशक्ति को समर्पित छोटे-छोटे मंदिर हैं जिन्हें लोग खास मान्यता से जोड़ते हैं. चिंतपूर्णी माता का मंदिर उनमें से एक है. यहां परंपरा है कि महिलाएं अकेले जाकर देवी से प्रार्थना करें और मनचाहा वरदान प्राप्त करें. नवरात्रि के अवसर पर यहां मेलों जैसा माहौल होता है. लोग देवी से प्रार्थना करते हुए कहते हैं कि संकट के समय मां ही रक्षा करती हैं.

 

राजस्थान का करणी माता मंदिर जहां नियम सबसे अलग हैं

राजस्थान के बीकानेर में स्थित करणी माता मंदिर को चूहों का मंदिर भी कहा जाता है. यहां हजारों की संख्या में सफेद और काले चूहे स्वतंत्र रूप से घूमते हैं और इन्हें देवी का स्वरूप माना जाता है. यहां दंपत्ति यदि साथ में आते भी हैं तो उन्हें एक-दूसरे से अलग होकर अलग-अलग दर्शन करना होता है. इस अनूठे नियम को यहां लोग अब भी अपनी धार्मिक आस्था के साथ निभाते हैं.

 

केरल का चित्तूर भगवती मंदिर

केरल के चित्तूर जिले में स्थित यह मंदिर भी रहस्यमयी परंपराओं के कारण प्रसिद्ध है. यहां पीढ़ियों से यही परंपरा चली आ रही है कि पति-पत्नी को साथ में प्रवेश की अनुमति नहीं दी जाती. माना जाता है कि यहां अकेले आने वाले श्रद्धालु की प्रार्थना सीधे देवी तक पहुंचती है. यह विश्वास आज भी लोगों में गहराई से जड़ा हुआ है और नवरात्रि पर यहां श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ती है.

 

आखिर क्यों निभाई जाती हैं ऐसी परंपराएं

आज के समय में जब लोग इन परंपराओं को सुनते हैं तो उन्हें यह थोड़ा अजीब लग सकता है. लेकिन यह जानना जरूरी है कि भारत की संस्कृति में हर नियम, हर परंपरा के पीछे कोई न कोई गहरी आध्यात्मिक वजह होती है. इन मंदिरों में पति-पत्नी का साथ न जाना इस बात का प्रतीक है कि अकेले भक्त और अपनी आस्था के बीच कोई दूसरी ऊर्जा बाधा न बने. नवरात्रि जैसे अवसर पर जब मां दुर्गा की साधना की जाती है, तो ऐसे नियम भक्त की आध्यात्मिक साधना को और गहरा बनाते हैं.

नवरात्रि में यहां आना क्यों खास माना जाता है

नवरात्रि का समय श्रद्धा और भक्ति का सबसे बड़ा पर्व है. हर जगह शक्ति की पूजा होती है, घर-घर में मां दुर्गा की आराधना होती है. इन रहस्यमयी मंदिरों में जाकर भक्तों को एक अलौकिक अनुभव प्राप्त होता है. कहते हैं कि नवरात्रि में यहां की गई पूजा हजार गुना फल देती है. खासकर उन लोगों के लिए जो कठिनाइयों का सामना कर रहे हैं, यह मंदिर आस्था और विश्वास की नई शक्ति देते हैं.