नए Labour Codes 2025: PF नियम, वेज स्ट्रक्चर और टेक-होम सैलरी पर सरकार की बड़ी सफाई
सरकार ने स्पष्ट किया कि नए वेज नियम लागू होने के बाद भी PF की अनिवार्य कटौती ₹15,000 वेज सीलिंग पर ही रहेगी, इसलिए कर्मचारियों की टेक-होम सैलरी में कोई बदलाव नहीं होगा।
सरकार ने PF नियम पर दी बड़ी सफाई: नए वेज स्ट्रक्चर, PF कटौती और Labour Codes के लागू होने के बाद भी टेक-होम सैलरी पर नहीं पड़ेगा असर
सरकार ने हाल ही में लागू किए गए नए Labour Codes को लेकर कर्मचारियों में फैली गलतफहमी को दूर करते हुए स्पष्ट कर दिया है कि नए नियमों के बाद भी कर्मचारियों की टेक-होम सैलरी में किसी प्रकार की कमी नहीं होगी। मंत्रालय का कहना है कि PF कटौती पहले की तरह ₹15,000 की वेज सीलिंग पर आधारित रहेगी और इस सीमा से अधिक राशि पर योगदान पूरी तरह स्वैच्छिक है। इसका मतलब है कि कोई भी कर्मचारी केवल नए वेज नियम लागू होने से PF में अधिक राशि जमा करने के लिए मजबूर नहीं किया जाएगा।
नए Labour Codes लागू होने के बाद कई कर्मचारियों के बीच यह चिंता बढ़ने लगी थी कि उनकी टेक-होम सैलरी अब पहले से कम हो जाएगी, क्योंकि नए वेज स्ट्रक्चर में बेसिक सैलरी और संबंधित भत्तों को कुल वेतन का कम से कम 50% रखना अनिवार्य है। कई रिपोर्टों में दावा किया गया कि इससे PF की गणना बदल सकती है, और कर्मचारियों के वेतन का एक बड़ा हिस्सा अनिवार्य PF में चला जाएगा। लेकिन सरकार ने यह भ्रम पूरी तरह दूर कर दिया है। श्रम मंत्रालय ने कहा है कि EPF का मौजूदा नियम जस का तस रहेगा, जिसमें PF कटौती केवल ₹15,000 की वेज सीलिंग पर अनिवार्य होती है। यानी यदि किसी कर्मचारी की बेसिक+DA इससे अधिक है, तब भी PF स्वतः नहीं बढ़ेगा। यह केवल तभी बढ़ेगा जब कर्मचारी या नियोक्ता स्वयं स्वेच्छा से अधिक योगदान करना चाहें।
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सरकार ने यह भी दोहराया कि new wage definition केवल वेज स्ट्रक्चर को सुव्यवस्थित करने के लिए लाई गई है, ताकि वेतन का बड़ा हिस्सा पारदर्शी रहे और कर्मचारियों को वास्तविक सामाजिक सुरक्षा का लाभ मिल सके। नए नियमों के तहत यदि भत्ते कुल वेतन के 50% से अधिक होते हैं, तो अधिक राशि को वेज में जोड़ा जाएगा। लेकिन इससे PF की अनिवार्य सीमाओं में कोई बदलाव नहीं आता, क्योंकि PF सीलिंग का आधार केवल ₹15,000 ही है। यही वजह है कि लाखों कर्मचारियों की टेक-होम सैलरी में कोई परिवर्तन नहीं होगा।
सरकार द्वारा दिया गया उदाहरण इसे और स्पष्ट कर देता है। यदि किसी कर्मचारी की मासिक आय ₹60,000 है और उसकी बेसिक+DA ₹20,000 है, तो भी PF की अनिवार्य कटौती सिर्फ ₹15,000 की गणना पर होगी, यानी 12% के हिसाब से ₹1,800। नए Labour Codes लागू होने के बाद भी यही राशि कटेगी और टेक-होम सैलरी बिल्कुल पहले जितनी ही रहेगी।
नए Labour Codes को 21 नवंबर को लागू किया गया है, जिसमें 29 पुराने श्रम कानूनों को सरल करके केवल चार कोड में शामिल किया गया है — Code on Wages, Industrial Relations Code, Social Security Code और Occupational Safety Code। इन सुधारों का उद्देश्य देश में ease of doing business को बढ़ावा देना, श्रमिकों को बेहतर सुरक्षा देना और एक संगठित प्रणाली विकसित करना है, जिससे 40 करोड़ से अधिक कार्यबल को सीधा लाभ मिलेगा।
सरकार ने यह भी कहा कि नए नियमों का उद्देश्य किसी कर्मचारी की सैलरी कम करना नहीं, बल्कि कामगारों को मजबूत सामाजिक सुरक्षा देना है। इससे EPF, ESIC, मेटरनिटी बेनिफिट, वर्कर्स कम्पेनसेशन जैसे प्रमुख लाभों में पारदर्शिता आएगी और कंपनियों के लिए वेतन संरचना बनाना भी आसान होगा। यह बदलाव लंबे समय में एक मजबूत और सुरक्षित श्रम ढांचा तैयार करेंगे, जिससे भारत के रोजगार क्षेत्र में स्थिरता और विकास दोनों बढ़ेंगे।
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