NPS में बड़ा बदलाव: अब मिलेगा 100% इक्विटी में निवेश का विकल्प, नई स्कीमें देंगी ज्यादा लचीलापन और बेहतर रिटायरमेंट प्लानिंग का मौका
भारत की पेंशन फंड नियामक संस्था PFRDA ने नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) को और आधुनिक बनाने की दिशा में बड़ा कदम उठाया है। अब फंड मैनेजरों को ऐसी नई स्कीमें लॉन्च करने की मंजूरी दी गई है, जिनमें निवेशक 100% तक इक्विटी पोर्टफोलियो चुन सकेंगे। यह बदलाव 1 अक्टूबर से लागू होगा और खासतौर पर गैर-सरकारी ग्राहकों को अधिक विकल्प और लचीलापन प्रदान करेगा।
नई गाइडलाइंस के तहत अब NPS ग्राहक एक ही PRAN (Permanent Retirement Account Number) पर कई स्कीमें रख सकेंगे, जबकि पहले केवल एक ही निवेश विकल्प चुनने की सुविधा थी। इसका मतलब है कि निवेशक अपनी ज़रूरत और जोखिम क्षमता के हिसाब से अलग-अलग स्कीमों का चुनाव कर पाएंगे।
फंड मैनेजर अब निवेशकों की प्रोफाइल के हिसाब से विशेष स्कीमें पेश कर सकेंगे। उदाहरण के लिए – स्व-नियोजित पेशेवरों, डिजिटल प्लेटफॉर्म से जुड़े वर्कर्स या कॉर्पोरेट कर्मचारियों के लिए अलग-अलग स्कीमें बनाई जा सकेंगी। हर स्कीम में दो विकल्प होंगे – Moderate और High Risk। High Risk स्कीम में 100% तक इक्विटी निवेश की अनुमति होगी, जबकि Moderate स्कीम संतुलित निवेश विकल्प देगी।
निवेशकों के लिए ज्यादा फायदे और लचीलापन
नई स्कीमों में न्यूनतम वेस्टिंग पीरियड 15 साल का होगा। यानी यदि कोई निवेशक 30 साल की उम्र में निवेश शुरू करता है, तो वह 45 साल की उम्र में ही 60% कॉर्पस टैक्स-फ्री निकाल सकता है और बाकी रकम एन्युटी में डाल सकता है। यह पहले की तुलना में बड़ा बदलाव है क्योंकि पुराने नियमों में 60 साल की उम्र तक इंतजार करना पड़ता था।
Axis Pension Fund और HDFC Pension Fund के अधिकारियों ने कहा है कि नई स्कीमें निवेशकों को ज्यादा लिक्विडिटी, फ्लेक्सिबिलिटी और हाई ग्रोथ के अवसर देंगी। खासकर युवाओं के लिए यह बदलाव लंबी अवधि में वेल्थ क्रिएशन का बेहतर मौका साबित हो सकता है।
फीस स्ट्रक्चर और चुनौतियां
नए नियमों के तहत पेंशन फंड मैनेजर अब 30 बेसिस प्वाइंट तक फीस चार्ज कर पाएंगे, जो पहले 3 से 9 बेसिस प्वाइंट थी। हालांकि यह अब भी म्यूचुअल फंड या इंश्योरेंस प्रोडक्ट्स से काफी कम है, लेकिन इस बदलाव से फंड मैनेजरों को बेहतर डिस्ट्रीब्यूशन नेटवर्क बनाने और ज्यादा निवेशकों तक पहुंचने में मदद मिलेगी।
विशेषज्ञों की राय
पेंशन विशेषज्ञों के अनुसार, यह NPS आर्किटेक्चर में सबसे बड़ा सुधार है और इससे भारतीय पेंशन फंड इंडस्ट्री को नई दिशा मिलेगी। हालांकि, कुछ विशेषज्ञों ने यह भी चेतावनी दी है कि अधिक विकल्प और ज्यादा फीस की अनुमति से mis-selling का खतरा भी बढ़ सकता है। इसलिए निवेशकों को सावधानी से सही स्कीम चुनने और उचित financial advice लेने की जरूरत होगी।
निष्कर्ष
यह सुधार NPS को और आकर्षक बना देगा और इसे म्यूचुअल फंड्स और अन्य निवेश विकल्पों के बराबर खड़ा करेगा। 100% इक्विटी पोर्टफोलियो, मल्टीपल स्कीम विकल्प, और ज्यादा लचीलापन NPS को सिर्फ रिटायरमेंट प्लानिंग ही नहीं बल्कि लॉन्ग-टर्म वेल्थ बिल्डिंग का एक मजबूत साधन बना सकते हैं।