Ocean : के नीचे से निकला जीवनदायिनी ताजा पानी उम्मीद जगाने वाली खोज
समुद्र की गहराइयों से ताजे पानी का स्रोत खोजा गया है, जो भविष्य में पानी की कमी से जूझ रही दुनिया के लिए जीवनदायिनी आशा की नई किरण बन सकता है।
धरती पर साफ़ पानी की कमी हर दिन बढ़ रही है। ऐसे समय में एक नई खोज ने सबका ध्यान खींचा है—वैज्ञानिकों ने समंदर के नीचे एक विशाल मीठे पानी का भंडार पाया है, जो भविष्य में जीवनदायिनी साबित हो सकता है।
Related Articles
उत्तरी अमेरिका के तट से मिली सबसे बड़ी राहत: समुद्र के भीतर ताजा पानी का भंडार
उत्तर अटलांटिक महाद्वीपीय शेल्फ (Atlantic Continental Shelf) के उस पार, न्यू जर्सी से लेकर मेन (Maine) तक की दूरी पर वैज्ञानिकों ने ड्रिलिंग के ज़रिए बहुत गहराई में जाकर ताजा पानी पाया है। इस पानी को निकट‑मिटा मीठा (near‑fresh) माना जा सकता है, और इसकी मात्रा इतनी है कि न्यूयॉर्क जैसे महानगर की कई सदीओं तक की जरूरतें पूरी कर सके
कैसे पता चला? ड्रिलिंग और नमूनों की कहानी
Expedition 501 नामक अभियान के तहत “Liftboat Robert” से वैज्ञानिकों ने समुद्र की सतह से 30‑50 किमी दूर ड्रिलिंग शुरू की। शुरुआती नमूनों में 4 भाग प्रति हज़ार की सालिनिटी मिली—समुद्री पानी के 35 भाग प्रति हज़ार से बहुत कम—and धीरे‑धीरे ऐसे नमूने मिले जिनमें सिर्फ 1 भाग प्रति हज़ार सालिनिटी थी, जो पृथ्वी पर सामान्य मीठे पानी के बराबर है
इतिहास की गहराई में छुपा पानी—बर्फ और भूजल का मिला-जुला रूप
वैज्ञानिकों का मानना है कि यह पानी या तो पुरानी हिमनदी के पिघलने का परिणाम है या फिर जमीन पर मौजूद भूजल स्रोतों से जुड़ा हुआ है, जो दबकर समुद्र तल के नीचे चला गया। अब यह खोज उन कई अप्रत्याशित संभावनाओं में से एक है, जो भूजल संसाधन का एक नया रास्ता खोल सकती है ।
पूरी दुनिया के लिए उम्मीद की किरण: पानी संकट से मिल सकती राहत
जब कई देशों में लोग साफ पानी के लिए तरसते हैं, तब यह खोज सच में उम्मीद जगाती है। संयुक्त राष्ट्र के अनुमान हैं कि आने वाले वर्षों में विश्व में पानी की उपलब्धता मांग से 40% कम हो सकती है। ऐसे में यह समुद्र‑नीचे का ताजा पानी, यदि सुरक्षित तरीके से निकाला जाए, तो सूखेग्रस्त इलाकों में जीवन का सहारा बन सकता है ।
चुनौतियाँ और सवाल: ज़मीन से तला तक सफर कितना आसान?
हालाँकि यह खोज रोमांचक है, लेकिन इसमें कई तकनीकी, पर्यावरणीय और कानून संबंधी सवाल हैं। पानी को निकालना महँगा हो सकता है। साथ ही, इसका पर्यावरण पर क्या असर होगा, इसे लेकर साफ जवाब नहीं है। इस पानी पर किसका अधिकार होगा? इसे कैसे बांटा जाएगा? ये सभी सवाल अभी अनसुलझे हैं ।
भविष्य की दिशा: क्या और तटीय क्षेत्रों में हो सकती है खोज?
यह शोध सिर्फ एक शुरुआत है—वैज्ञानिक अब इस तरह के और भंडार दुनिया के अन्य तटीय क्षेत्रों में खोजने की तैयारी में हैं। ऑस्ट्रेलिया, हवाई, न्यूज़ीलैंड जैसे स्थानों पर भी संभावनाएँ तलाशी जा रही हैं ।
ये भी पढ़ें
नाम है सौरभ झा, रिपोर्टर हूँ GCShorts.com में। इंडिया की राजनीति, आम लोगों के झमेले, टेक या बिज़नेस सब पर नजर रहती है मेरी। मेरा स्टाइल? फटाफट, सटीक अपडेट्स, सिंपल एक्सप्लेनर्स और फैक्ट-चेक में पूरा भरोसा। आप तक खबर पहुंचे, वो भी बिना घुमा-फिरा के, यही मकसद है।
-
Covid Vaccine : पर नया विवाद, हार्ट अटैक के बाद अब कैंसर के खतरे की आशंका -
Last flight of MiG-21 : पर बोले अंतरिक्ष वीर शुभांशु शुक्ला, भावुक होकर साझा की यादें -
surgery : में खुला बड़ा राज युवक के पेट से निकले 29 चम्मच और 19 टूथब्रश हैरत में है डॉक्टर और परिवार के सदस्य -
Agni Prime Missile : सफल परीक्षण अब भारत चलती ट्रेन से मिसाइल लॉन्च कर दुनिया में रचेगा नया इतिहास और बनेगा मजबूत -
Delhi MAMC : में मिश्रा दंपति का जुड़वां भ्रूणदान: धर्म और विज्ञान के संगम से मेडिकल साइंस को नई राह -
Ahmedabad : 7 साल के बच्चे के पेट से निकला बालों का गुच्छा और जूते का फीता, सफल सर्जरी से बची जान