ORS: नकली ओआरएस से हो सकता है बड़ा नुकसान जानें पहचान की ट्रिक
गर्मियों में डायरिया या उल्टी-दस्त के दौरान ओआरएस शरीर के लिए जीवनरक्षक होता है, लेकिन नकली ओआरएस सेहत को नुकसान पहुंचा सकता है। कई कंपनियां अब नकली पैक बेच रही हैं, जो असली जैसे दिखते हैं। इनकी पहचान के लिए जरूरी है कि आप पैक पर कंपनी का नाम, एक्सपायरी डेट, और एफएसएसएआई मार्क देखें। असली ओआरएस पानी में पूरी तरह घुल जाता है, जबकि नकली धुंधला रहता है। असली ओआरएस ही शरीर को सही राहत देता है।
ओआरएस असली या नकली: ऐसे करें पहचान
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- गर्मियों में नकली ओआरएस से सावधान रहें।
- ओआरएस उल्टी-दस्त में शरीर में पानी-नमक की कमी पूरी करता है।
- असली ओआरएस की पहचान के लिए पैकेट पर जानकारी जांचें।
गर्मियों के मौसम में या डायरिया और उल्टी-दस्त जैसे हालात में डॉक्टर सबसे पहले जो चीज़ लेने की सलाह देते हैं, वह है ओआरएस। लेकिन बाजार में आजकल ऐसे कई नकली ओआरएस पाउडर और सॉल्यूशन आ गए हैं जो दिखने में बिल्कुल असली जैसे लगते हैं। ऐसे में यह जानना बहुत जरूरी हो गया है कि ओआरएस असली है या नकली, इसकी पहचान कैसे करें।
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ओआरएस क्यों जरूरी है शरीर के लिए
ओआरएस यानी ओरल रिहाइड्रेशन सॉल्ट एक ऐसा घोल होता है जो शरीर में पानी और नमक की कमी को पूरा करता है। जब किसी को उल्टी या दस्त की शिकायत होती है, तो शरीर से पानी और जरूरी सॉल्ट्स बाहर निकल जाते हैं। ऐसे में ओआरएस पीने से शरीर में इलेक्ट्रॉलाइट्स बैलेंस रहते हैं। यही वजह है कि डॉक्टर हमेशा असली ओआरएस ही लेने की सलाह देते हैं, क्योंकि नकली ओआरएस शरीर को फायदा पहुंचाने के बजाय नुकसान दे सकता है।
ओआरएस असली या नकली पहचानने की ट्रिक
असली और नकली ओआरएस की पहचान करने के लिए आपको कुछ आसान बातों का ध्यान रखना होता है। बाजार में जो **ओआरएस पाउडर** या पैक मिलेगा, उसके पैकेट पर ब्रांड का नाम, मैन्युफैक्चरिंग कंपनी और एक्सपायरी डेट साफ-साफ लिखी होनी चाहिए। अगर किसी ओआरएस के पैक पर यह सब नहीं दिया गया है, तो वह नकली या खराब हो सकता है।
एक दूसरी ट्रिक यह है कि असली ओआरएस हमेशा पानी में पूरी तरह घुल जाता है और घोल पारदर्शी रहता है। अगर ओआरएस डालने पर पानी धुंधला हो जाए या तल में कुछ बच जाए, तो समझ लीजिए कि वो असली नहीं है। साथ ही, असली ओआरएस का स्वाद हल्का मीठा-नमकीन होता है जबकि नकली ओआरएस का स्वाद अजीब या बेस्वाद महसूस होता है।
ओआरएस का पैक खोलते समय क्या-क्या देखना चाहिए
कई बार लोग दुकान से जल्दीबाजी में ओआरएस ले लेते हैं और उसे जांचे बिना इस्तेमाल कर लेते हैं। जबकि पैक खोलने से पहले कुछ चीज़ें जरूर देखनी चाहिए। जैसे कि पैक कहीं से खुला हुआ तो नहीं है, सील टूटी हुई है या नहीं। असली ओआरएस की पैकिंग हमेशा एयरटाइट और सूखी रहती है। अगर पैक के अंदर नम या गीला पाउडर दिखे तो वह इस्तेमाल करने लायक नहीं है।
साथ ही पैक पर “आईएसआई मार्क” या “एफएसएसएआई” का निशान होना चाहिए। यह प्रमाण है कि प्रॉडक्ट सरकारी मानकों पर खरा उतरता है। अगर यह निशान नहीं है, तो ओआरएस नकली या घटिया क्वालिटी का हो सकता है।
बच्चों और बुजुर्गों को नकली ओआरएस से खतरा
बच्चों और बुजुर्गों के शरीर में पानी की कमी जल्दी होती है। ऐसे में अगर गलती से नकली ओआरएस दे दिया गया, तो उन पर गंभीर असर पड़ सकता है। कुछ नकली ओआरएस पैक इस हद तक खराब होते हैं कि उनमें शुगर और सॉल्ट का अनुपात गलत होता है, जो शरीर के इलेक्ट्रॉलाइट्स सिस्टम को बिगाड़ सकता है। अगर ओआरएस पीने के बाद मरीज को कमजोरी, उल्टी या मिचली महसूस हो, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
डॉक्टर और विशेषज्ञ क्या कहते हैं
एआईआईएमएस के स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि हाल के वर्षों में बाजार में नकली **ओआरएस पैक** की संख्या बढ़ गई है। कई लोकल ब्रांड अपने नाम से ओआरएस बेच रहे हैं, जिनके घटक मानक स्तर के नहीं हैं। विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि हमेशा सरकारी या पहचान वाले ब्रांड जैसे ग्लूकोन-डी, डाबर, रिलाइफ या डब्ल्यूएचओ सप्लाई किए गए ओआरएस ही इस्तेमाल करें।
घरेलू ओआरएस बनाना भी है सुरक्षित विकल्प
अगर आपको असली ओआरएस पैक पर शक हो तो घर पर भी ओआरएस बनाया जा सकता है। इसके लिए एक लीटर उबले ठंडे पानी में छह चम्मच चीनी और आधा चम्मच नमक डालें और अच्छे से मिलाएं। यह घरेलू घोल बिल्कुल वैसा ही काम करेगा जैसे असली ओआरएस, और यह शरीर को तुरंत राहत देगा। ध्यान रखें कि इसमें चीनी और नमक का अनुपात सही होना चाहिए, वरना यह नुकसान भी कर सकता है।
ओआरएस खरीदते समय इन बातों का ध्यान रखें
जब भी ओआरएस लेने जाएं, तो किसी मेडिकल स्टोर से ही खरीदें, कभी सड़क किनारे किसी अनजान विक्रेता से न लें। हमेशा बिल लें और पैक का ब्रांड नाम पढ़ें। एक्सपायरी डेट देखकर ही इस्तेमाल करें। ज्यादा सस्ता या ऑफर वाला पैक खरीदने से बचें, क्योंकि ज्यादातर नकली ओआरएस इन्हीं तरीकों से बाजार में बिकता है।
सरकार और कंपनियां अब कर रही हैं सख्त कार्रवाई
स्वास्थ्य विभाग ने हाल ही में नकली ओआरएस पाउडर बनाने वाले कई कारखाने पकड़े हैं। कई कंपनियों पर जुर्माना भी लगाया गया है। सरकार ने यह निर्देश दिया है कि हर ओआरएस पैक पर QR कोड छापा जाए ताकि ग्राहक उसे स्कैन कर असली या नकली की जांच कर सके। आने वाले समय में यह व्यवस्था पूरे देश में लागू की जाएगी।
सतर्क रहें और सही जांच करें
आज के समय में जब बाजार में नकली उत्पादों की भरमार है, तो थोड़ी सी लापरवाही भी नुकसानदेह साबित हो सकती है। ओआरएस जैसी जरूरी चीज़ खरीदते वक्त हमेशा जांच करें, पैक पढ़ें और भरोसेमंद जगह से ही खरीदें। बस वही एक छोटी सी ट्रिक याद रखिए — असली ओआरएस हमेशा साफ घोल देता है, उसका स्वाद संतुलित होता है और पैकिंग कंपनी के नाम व मैन्युफैक्चरिंग डिटेल के साथ होती है। यही जानकारी आपके और आपके परिवार की सुरक्षा की गारंटी है।
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नकली ओआरएस रोकने का मुख्य उपाय क्या?
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