कम पानी पीना है खतरनाक स्टडी में सामने आए स्वास्थ्य के खतरे
पानी की कमी से बढ़ता है तनाव और कॉर्टिसोल हार्मोन, जानें रोजाना कितनी मात्रा में पानी पीना जरूरी है ताकि मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य बना रहे संतुलित।
दुनियाभर में ज्यादा से ज्यादा पानी पीने के फायदे बताए जाते रहे हैं। उल्टी तरह से कहें तो कम पानी पीने के कई नुकसान बताए जाते रहे हैं। खासकर किडनी और लिवर के स्वास्थ्य के लिए पानी पीना बेहद जरूरी कहा जाता रहा है। हालांकि, तनाव कम करने में भी पानी बेहद जरूरी है। यह सामने आया है एक हालिया रिसर्च में। इसमें बताया गया है कि हर दिन एक व्यक्ति के लिए कम से कम कितना पानी पीना जरूरी है और अगर शरीर की यह जरूरत पूरी नहीं होती तो तनाव किस तरह बढ़ सकता है।
हर दिन कितनी जरूरी है पानी की मात्रा?
जर्नल ऑफ एप्लायड फिजियोलॉजी में छपी एक हालिया स्टडी में सामने आया है कि जो लोग एक दिन में 1.5 लीटर से कम पानी पीते हैं, तनाव से जुड़ी स्थितियों में उनके शरीर में कॉर्टिसोल नाम के हार्मोन की मात्रा बढ़ जाती है। यह शरीर में तनाव पैदा करने वाला प्रमुख हार्मोन है। रिसर्च के मुताबिक, शरीर में थोड़ा भी डिहाइड्रेशन (पानी की कमी) आम व्यक्ति में तनाव वाले भाव बढ़ा देता है और उसकी प्रतिक्रियाएं भी बदलने लगती हैं।
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कैसे हुई रिसर्च?
इस स्टडी में युवाओं को दो समूहों में बांटा गया।
पहला समूह रोज़ाना 1.5 लीटर से कम पानी पी रहा था।
दूसरा समूह पर्याप्त मात्रा में पानी ले रहा था।
एक हफ्ते तक यह पैटर्न फॉलो करने के बाद युवाओं की पब्लिक स्पीकिंग और सवाल हल करने की क्षमता जांची गई। दोनों ही समूह के प्रतिभागी चिंतित तो थे, लेकिन जिन लोगों ने कम पानी पिया, उनके शरीर में कॉर्टिसोल का स्तर काफी ज्यादा पाया गया।
डिहाइड्रेशन और तनाव का रिश्ता
वैज्ञानिकों का कहना है कि जब शरीर में पानी की कमी होती है तो दिमाग वैसोप्रेसिन हार्मोन छोड़ता है। इसका काम है किडनी को पानी बचाने का संदेश देना। इसके साथ ही दिमाग का चेतावनी सिस्टम भी एक्टिव हो जाता है और तनाव हार्मोन कॉर्टिसोल बढ़ने लगता है।
यही वजह है कि शरीर में पानी की कमी, मानसिक दबाव और तनाव दोनों को बढ़ा देती है।
क्यों खतरनाक है कॉर्टिसोल का बढ़ना?
अगर शरीर में कॉर्टिसोल लंबे समय तक ज्यादा बना रहता है, तो इससे कई गंभीर बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। इनमें शामिल हैं:
हृदय रोग
किडनी की समस्या
डायबिटीज
यानी, पानी की कमी सीधे-सीधे इन बीमारियों का रिस्क फैक्टर बन सकती है।
प्यास लगना हमेशा संकेत नहीं है
रिसर्च में एक और दिलचस्प तथ्य सामने आया कि कम पानी पीने वाले लोग ज्यादा प्यास महसूस नहीं कर रहे थे। लेकिन उनके यूरिन का गाढ़ापन बता रहा था कि शरीर को पानी की जरूरत है।
इससे साफ है कि प्यास लगना हमेशा शरीर की असली जरूरत का सही पैमाना नहीं है।
क्या ज्यादा पानी पीने से तनाव कम होगा?
कम पानी पीना तनाव बढ़ा सकता है, लेकिन ज्यादा पानी पीना जरूरी नहीं कि तनाव घटा दे। क्योंकि तनाव का कारण सिर्फ शरीर नहीं, बल्कि बाहरी परिस्थितियां भी होती हैं।
हाँ, इतना जरूर है कि पर्याप्त मात्रा में पानी पीकर आप कॉर्टिसोल के स्तर को संतुलित रख सकते हैं और डिहाइड्रेशन से बच सकते हैं।
सिर्फ पानी ही नहीं, और भी हैं विकल्प
वैज्ञानिकों के मुताबिक शरीर की तरलता सिर्फ पानी से ही नहीं, बल्कि चाय, कॉफी, दूध और अन्य पेय पदार्थों से भी पूरी होती है। लेकिन इनमें सबसे असरदार और फायदेमंद विकल्प पानी ही है, क्योंकि इसका असर सीधा और जल्दी होता है।
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