बिहार की राजधानी पटना से एक दर्दनाक खबर सामने आई है। देर रात शहर के बाहरी इलाके में पांच कारोबारी सड़क हादसे का शिकार हो गए। उनकी कार अचानक चलते ट्रक से जा टकराई और इतना भयानक हादसा हुआ कि मौके पर ही सभी की जान चली गई। यह घटना सुनते ही परिवारों से लेकर व्यापार जगत तक शोक की लहर दौड़ गई।
रात के समय राष्ट्रीय राजमार्ग पर कार ने ट्रक में मारी जोरदार टक्कर
प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक हादसा रात करीब 1 बजे हुआ। कारोबारीयों से भरी कार राष्ट्रीय राजमार्ग पर तेज रफ्तार से जा रही थी। उसी दौरान सड़क पर पहले से चल रहे ट्रक में अचानक कार पीछे से घुस गई। टक्कर इतनी जोरदार थी कि कार पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई और सवार पांचों लोगों की मौके पर ही मौत हो गई।
पांच कारोबारियों की मौत से व्यापारिक जगत में पसरा मातम
हादसे में मरने वाले सभी लोग जाने-माने कारोबारी बताए जा रहे हैं। ये लोग एक निजी कार्यक्रम से लौट रहे थे और घर पहुंचने ही वाले थे। लेकिन किस्मत को कुछ और मंजूर था। कारोबारियों की अचानक हुई मौत ने व्यापार जगत को गहरे सदमे में ला दिया है। स्थानीय व्यवसायिक मंडल ने भी शोक जताया और कहा कि यह नुकसान अपूरणीय है।
परिवारों में चीख-पुकार और दर्दनाक माहौल, गांव और शहर में शोक
जिन परिवारों पर यह हादसा टूटा है, उनके घरों में कोहराम मचा हुआ है। परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है और रिश्तेदार लगातार ढांढस बंधाने के लिए पहुंच रहे हैं। गांव और मोहल्ले में मातम का माहौल है। हर कोई यही कह रहा है कि इतनी अचानक मौत ने सबको हिला दिया है।
पुलिस मौके पर पहुंची और शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेजा
सड़क हादसे की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची। क्षतिग्रस्त कार से शवों को बड़ी मुश्किल से निकाला गया। गंभीर स्थिति देखकर सभी को पोस्टमार्टम के लिए रेफर किया गया। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि हादसा तेज गति के कारण हुआ और इस मामले की जांच जारी है।
कार और ट्रक दोनों के क्षतिग्रस्त होने से सड़क पर जाम लग गया
क्योंकि दुर्घटना राष्ट्रीय राजमार्ग पर हुई, इसलिए हादसे के बाद लंबे समय तक सड़क जाम हो गई। ट्रक और कार दोनों सड़क के बीच फंसे रहे। सुबह तक पुलिस ने जाम हटाने की कोशिश की और फिर गाड़ियों की आवाजाही को सामान्य किया। दुर्घटना के चलते कई यात्री घंटों तक परेशान रहे।
बिहार में लगातार बढ़ रहे सड़क हादसे और सुरक्षा पर सवाल
बिहार दुर्घटना खबर अक्सर सुर्खियों में आती रही है। बढ़ते सड़क हादसे फिर से इस बात पर ध्यान दिलाते हैं कि रफ्तार और लापरवाही किस तरह जानलेवा साबित होती है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार बिहार में हर साल सड़क हादसों में हजारों लोग अपनी जान गंवाते हैं। यह मामला भी उसी कड़ी का हिस्सा है।
विशेषज्ञों के अनुसार तेज रफ्तार और नींद सबसे बड़ी वजह
सड़क हादसों के जानकारों का कहना है कि रात के समय लंबी ड्राइव के दौरान नींद और थकान सबसे बड़ा कारण बनती है। इसके अलावा ओवरस्पीडिंग यानी तेज रफ्तार भी ऐसी दुर्घटनाओं को जन्म देती है। कारोबारीयों की कार में बैठे किसी ने सीट बेल्ट नहीं पहना था, यह भी मौत का बड़ा कारण माना जा रहा है।
व्यापारी समाज ने जताया दुख और सरकार से मांगा ठोस कदम
स्थानीय व्यवसायिक संगठन और मंडी समितियों ने इस हादसे पर गहरा दुख जताया। उनका कहना है कि लगातार होते हादसे अब गंभीर चिंता का विषय बन गए हैं। उन्होंने सरकार से मांग की कि राजमार्गों पर गश्त बढ़ाई जाए और सड़क सुरक्षा नियम और कड़े किए जाएं।
दर्दनाक हादसे से मिले सबक और लोगों की अपील
यह हादसा दोबारा लोगों को यही संदेश दे रहा है कि सड़क पर कभी भी लापरवाही न करें। रफ्तार से बड़ा कोई दुश्मन नहीं और सुरक्षा नियमों की अनदेखी जानलेवा साबित होती है। लोगों की अपील है कि अब ऐसे हादसों को रोकने के लिए सख्त कदम उठाए जाएं ताकि मासूम जिंदगियां यूं ही न जाएं।
नतीजा और आगे का रास्ता
पटना के इस हादसे ने न सिर्फ पांच कारोबारियों की जान ली बल्कि परिवार, समाज और व्यापार जगत को सदमे में डाल दिया। पटना सड़क हादसा यह बताता है कि सड़क पर छोटी गलती भी कितनी बड़ी कीमत वसूल सकती है। अब जरूरी है कि प्रशासन और लोग दोनों सड़क सुरक्षा को गंभीरता से लें और भविष्य में ऐसी त्रासदियों से सबक लेकर उन्हें टालने की कोशिश करें।