पीलीभीत में 80 करोड़ हिंदुओं पर विवादित बयान देने वाले मौलाना रेहान रजा खान गिरफ्तार

उत्तर प्रदेश के पीलीभीत से एक बड़ा मामला सामने आया है, जहां मौलाना रेहान रजा खान को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। सोशल मीडिया पर वायरल एक वीडियो में उन्होंने “80 करोड़ हिंदुओं को जूते की नोक पर रखने” जैसी विवादित टिप्पणी की थी। बयान के बाद इलाके में तनाव बढ़ गया और लोगों में गुस्सा फैल गया। शिकायत दर्ज होने के बाद पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए मौलाना को हिरासत में ले लिया है।

पीलीभीत में 80 करोड़ हिंदुओं पर विवादित बयान देने वाले मौलाना रेहान रजा खान गिरफ्तार

खबर का सार AI ने दिया · GC Shorts ने रिव्यु किया

    अगर आप सोच रहे थे कि सोशल मीडिया पर बस ट्रेंड्स और मीम्स ही वायरल होते हैं, तो जनाब, अब तो बयान भी इतने तेज़ उड़ते हैं कि सीधे थाने पहुंचा देते हैं। उत्तर प्रदेश के पीलीभीत में ऐसा ही कुछ हुआ जब मौलाना रेहान रजा खान का एक वीडियो वायरल हुआ, जिसमें वो कहते नजर आए कि “मैं 80 करोड़ हिंदुओं को जूते की नोक पर रखता हूं।” और बस फिर क्या था — सोशल मीडिया ने आग पकड़ ली, पुलिस ने एक्शन लिया और मौलाना सीधे सलाखों के पीछे पहुंच गए।

     

    मौलाना के बयान ने मचाई हलचल, सोशल मीडिया पर शुरू हुई बहस और पुलिस पहुंच गई हरकत में — पूरे इलाके में गर्मा गया माहौल और लोगों ने सड़कों पर उतरकर विरोध किया, अब जानिए कैसे बयान बना गिरफ्तारी की वजह

    घटना सेहरामऊ उत्तरी थाना क्षेत्र की है जहां मौलाना का यह बयान सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुआ। वीडियो में उन्होंने जो कहा, वो धार्मिक रूप से काफी संवेदनशील था। नतीजा? लोगों में गुस्सा फैल गया। देखते ही देखते वीडियो हर जगह पहुंच गया — फेसबुक, इंस्टाग्राम, व्हाट्सएप, और शायद आपके पड़ोसी के मोबाइल तक भी। अब भला इतनी बड़ी बात पर पुलिस कैसे चुप रहती! जांच शुरू हुई और आखिरकार मौलाना को गिरफ्तार कर लिया गया।

     

    एफआईआर और शिकायत की कहानी

    मामला तब और बढ़ गया जब ग्रामीण डालचंद नाम के व्यक्ति ने पुलिस में औपचारिक शिकायत दर्ज कराई। उन्होंने आरोप लगाया कि मौलाना के बयान से हिंदू समाज की धार्मिक भावनाएं आहत हुई हैं और इससे समाज में तनाव फैलने की आशंका है। पुलिस ने शिकायत को गंभीरता से लिया, एफआईआर दर्ज की और मौलाना के खिलाफ कार्रवाई की। अब जांच जारी है, और सोशल मीडिया पर लोग न्याय की मांग कर रहे हैं।

     

    लोगों में गुस्सा, सोशल मीडिया पर फूटा आक्रोश

    जैसे ही खबर फैली, इलाके में लोगों में गुस्सा फैल गया। कुछ लोग सड़कों पर उतरे, तो कुछ ने ऑनलाइन गुस्सा जताया। ट्विटर और फेसबुक पर हैशटैग चलने लगे, मीम्स भी बने, लेकिन इस बार माहौल हल्का नहीं था। लोगों ने कहा कि धार्मिक नेताओं को जिम्मेदारी के साथ बोलना चाहिए क्योंकि उनके शब्दों का असर समाज पर बहुत गहरा होता है। वहीं पुलिस ने माहौल को शांत करने के लिए इलाके में सुरक्षा बढ़ा दी है।

     

    राजनीतिक और सामाजिक प्रतिक्रियाएं: हर कोई दे रहा है बयान, लेकिन लोग पूछ रहे हैं – कब तक चलेगा बयानबाजी का ये खेल?

    इस घटना ने सिर्फ पुलिस को नहीं, बल्कि राजनीतिक गलियारों को भी हिला दिया है। कुछ नेताओं ने मौलाना की गिरफ्तारी को सही बताया, तो कुछ ने इसे “राजनीतिक स्टंट” करार दिया। सोशल मीडिया पर हर कोई अपनी राय दे रहा है — कोई कहता है “एक्सप्रेशन ऑफ फ्रीडम” खतरे में है, तो कोई कहता है “बयानबाजी के नाम पर समाज को बांटने का काम बंद होना चाहिए।”

     

    पुलिस का बयान और आगे की जांच

    पुलिस अधिकारियों के मुताबिक मौलाना को सेहरामऊ उत्तरी से गिरफ्तार किया गया है। अधिकारी कह रहे हैं कि बयान बेहद आपत्तिजनक था और इसकी जांच जारी है। फिलहाल मौलाना को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। अब देखना ये है कि कानूनी प्रक्रिया इस मामले में कितनी तेजी से आगे बढ़ती है, क्योंकि सोशल मीडिया का ट्रायल तो पहले ही शुरू हो चुका है।

     

    सोशल मीडिया पर चर्चा – एक वीडियो और पूरा देश बंट गया!

    वीडियो वायरल होते ही लोग दो हिस्सों में बंट गए — एक तरफ वो लोग जो कह रहे थे कि मौलाना ने हद पार कर दी, और दूसरी तरफ वो जो कह रहे थे कि “बयान को तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया।” सच जो भी हो, इतना तय है कि सोशल मीडिया अब सिर्फ मनोरंजन का मंच नहीं रहा, बल्कि ये एक लोक अदालत बन चुका है जहां हर शब्द की कीमत है।

     

    सोचने वाली बात: क्या अब वक्त आ गया है कि लोग बोलने से पहले सोचें?

    हर कुछ दिनों में कोई न कोई बयान ऐसा आता है जो पूरे देश को हिला देता है। लोग बहस करते हैं, मीडिया हेडलाइन बनाता है, और पुलिस कार्रवाई करती है। लेकिन असली सवाल अब भी वहीं है — क्या नेताओं और धार्मिक व्यक्तियों को ये एहसास है कि उनके शब्द लाखों लोगों के बीच आग फैला सकते हैं? शायद वक्त आ गया है कि सोशल मीडिया पर “पोस्ट” करने से पहले “सोच” का बटन भी लगाया जाए।

     

    फिलहाल मौलाना सलाखों के पीछे हैं, लेकिन ये मामला दिखाता है कि जुबान की फिसलन आज के डिजिटल जमाने में सीधे जेल के गेट तक पहुंचा सकती है। और हां, अगली बार जब कोई कुछ बोलने जाए, तो बस इतना याद रखे — “कैमरा ऑन है भाई।”

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