ट्रंप के टैरिफ को ठेंगा! पीएम मोदी इस महीने करेंगे जापान और चीन का दौरा, शेड्यूल जारी
नई दिल्ली, 23 अगस्त 2025 प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस महीने के अंत में जापान और चीन की यात्रा पर निकलने वाले हैं। यह दौरा ऐसे समय में हो रहा है जब अंतरराष्ट्रीय राजनीति और व्यापारिक समीकरण तेज़ी से बदल रहे हैं, और पूरी दुनिया की नज़र भारत की कूटनीति पर टिकी हुई है।
जापान यात्रा 29 और 30 अगस्त
पीएम मोदी सबसे पहले 29-30 अगस्त को जापान जाएंगे। यह उनकी जापान की आठवीं आधिकारिक यात्रा होगी। उन्हें जापान के प्रधानमंत्री शिगेरू इशीबा ने आमंत्रित किया है।इस यात्रा के दौरान दोनों नेताओं की अगुवाई में भारत-जापान की वार्षिक बैठक होगी। यह पीएम मोदी और इशीबा की पहली सालाना बैठक होगी।
जापान के साथ बातचीत के प्रमुख मुद्दे
रक्षा और सुरक्षा सहयोग व्यापार और निवेश प्रौद्योगिकी और वैज्ञानिक अनुसंधान क्षेत्रीय और वैश्विक हालातजानकारों का कहना है कि इस बैठक के दौरान जापान की ओर से भारत में नए निवेश परियोजनाओं की घोषणा होने की संभावना है। दिलचस्प बात यह है कि जापान ने तीन साल पहले भारत में पांच साल में निवेश करने का वादा किया था, और उसने यह लक्ष्य तय समय से पहले ही पूरा कर दिया है।
चीन यात्रा 31 अगस्त से 1 सितंबर
जापान के बाद पीएम मोदी 31 अगस्त से 1 सितंबर तक चीन का दौरा करेंगे। उन्हें राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने आमंत्रित किया है।
यह यात्रा कई मायनों में अहम है क्योंकि मोदी लगभग सात साल बाद चीन जा रहे हैं। इस दौरान वे शंघाई सहयोग संगठन (SCO) की शिखर बैठक में हिस्सा लेंगे और साथ ही जिनपिंग से द्विपक्षीय वार्ता भी करेंगे।
दुनिया की नजर मोदी-जिनपिंग मुलाकात पर
हाल ही में पीएम मोदी ने चीन के विदेश मंत्री वांग यी से मुलाकात कर अपनी यात्रा को लेकर उत्सुकता जताई थी। चीन के राजदूत शु फीहोंग ने भी कहा है कि दोनों देशों के अधिकारी इस यात्रा को ऐतिहासिक और सफल बनाने में जुटे हैं।भारत और चीन के बीच सीमा विवाद और व्यापारिक तनाव को देखते हुए मोदी-जिनपिंग मुलाकात पर दुनिया की नज़र रहेगी।मोदी का यह एशियाई दौरा सिर्फ कूटनीतिक नहीं, बल्कि रणनीतिक और आर्थिक दृष्टि से भी बेहद अहम माना जा रहा है। एक ओर जहां जापान निवेश और तकनीकी सहयोग को और गहराई देगा, वहीं चीन यात्रा भारत-चीन संबंधों में नई दिशा तय कर सकती है। दुनिया अब यह देखने के लिए इंतज़ार कर रही है कि मोदी की इन बैठकों से भारत की विदेश नीति और वैश्विक भूमिका को किस तरह मजबूती मिलती है।