लाल किले की प्राचीर से PM मोदी ने किये बड़े ऐलान ;पाकिस्तान-अमेरिका को दिया सख्त संदेश
लखनऊ/नई दिल्ली: भारत 15 अगस्त 2025 को अपना 79वां स्वतंत्रता दिवस मना रहा है। स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले की प्राचीर से देश को संबोधित करते हुए पाकिस्तान और अमेरिका को सख्त संदेश दिया। अपने भाषण में उन्होंने स्पष्ट कहा कि भारत अब किसी भी तरह की धमकी या दबाव को बर्दाश्त नहीं करेगा।
PM मोदी ने पाकिस्तान को आतंकवाद के मुद्दे पर चेतावनी देते हुए कहा कि अब भारत की सुरक्षा से खिलवाड़ करने वालों को करारा जवाब मिलेगा। वहीं, अमेरिका को इशारों-इशारों में यह संदेश दिया कि भारत अपनी विदेश नीति में स्वतंत्र है और किसी भी देश के दबाव में निर्णय नहीं लेगा।
मोदी ने यह भी दोहराया कि "नया भारत" शांति और विकास चाहता है, लेकिन अगर किसी ने उसकी संप्रभुता पर सवाल उठाया, तो उसका जवाब उसी भाषा में दिया जाएगा।
मिशन सुदर्शन चक्र दुश्मन को मिलेगी करारी जवाबी कार्रवाई
प्रधानमंत्री मोदी ने बताया कि देश 2035 तक सभी अहम स्थलों—सामरिक और सिविलियन क्षेत्रों जैसे अस्पताल, रेलवे, आस्था के केंद्र—को तकनीकी सुरक्षा कवच से लैस करेगा। उन्होंने कहा:
“भगवान श्रीकृष्ण के सुदर्शन चक्र की तरह यह सिस्टम दुश्मन के हमले को न्यूट्रलाइज करेगा और तेज पलटवार करेगा। मिशन सुदर्शन चक्र का निर्माण और रिसर्च पूरी तरह देश में होगा।”
प्रधानमंत्री ने बताया कि यह चक्र टारगेट के आधार पर काम करेगा, जिससे सुरक्षा मजबूत होगी और देशवासियों को हर तरह के खतरे से बचाया जा सकेगा।
डेमोग्राफी और राष्ट्रीय सुरक्षा
पीएम मोदी ने चेताया कि कुछ षड़यंत्रकारियों द्वारा देश की डेमोग्राफी बदलने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने कहा:
“घुसपैठिए नौजवानों की रोज़ी-रोटी छीन रहे हैं, बहन-बेटियों को निशाना बना रहे हैं और आदिवासियों की जमीनों पर कब्जा कर रहे हैं। यह देश सहन नहीं करेगा। इसलिए हम हाई पावर्ड डेमोग्राफी मिशन शुरू कर रहे हैं।”
आरएसएस के 100 साल और राष्ट्र निर्माण
प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की 100 साल की यात्रा और सेवा को याद किया। उन्होंने कहा कि संघ ने व्यक्ति निर्माण से राष्ट्र निर्माण के संकल्प के साथ मातृभूमि के कल्याण में योगदान दिया है।
विविधता और संस्कृति का उत्सव
पीएम मोदी ने कहा कि भारत की ताकत उसकी विविध संस्कृति और भाषाओं में निहित है। उन्होंने कहा:
“हमने मराठी, असमिया, बंगला, पाली और प्राकृत को क्लासिकल लैंग्वेज का दर्जा दिया। यह भाषाएं देश के ज्ञान और वैश्विक पहचान को मजबूती देंगी।”
उन्होंने ज्ञान भारतम योजना के तहत पुराने हस्तलिखित ग्रंथों और पांडुलिपियों को तकनीक के जरिए उजागर करने का भी जिक्र किया।
स्वास्थ्य, खेल और समाज सुधार
प्रधानमंत्री ने मोटापे और ओबेसिटी पर चिंता जताई और कहा कि परिवार स्तर पर इसे नियंत्रित किया जा सकता है। उन्होंने बच्चों में खेलकूद को बढ़ावा देने और खेलो भारत नीति लागू करने का संकल्प भी साझा किया।
इसके अलावा, उन्होंने बताया कि महात्मा ज्योतिबा फुले की 200वीं जयंती के कार्यक्रम भी जल्द शुरू होंगे, जो समाज सुधार और पिछड़ों को प्राथमिकता देने के संदेश को मजबूती देंगे।
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