प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना 2025-26: 25 लाख नए गैस कनेक्शन, महिलाओं को मिला नवरात्रि का तोहफ़ा

प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के तहत 2025-26 में 25 लाख नए मुफ्त एलपीजी कनेक्शन, महिलाओं के सशक्तिकरण और स्वच्छ ईंधन के उपयोग को मिलेगी नई गति

प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना 2025-26: 25 लाख नए गैस कनेक्शन, महिलाओं को मिला नवरात्रि का तोहफ़ा

नवरात्रि पर महिलाओं के लिए सरकार का बड़ा तोहफा: प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के तहत 25 लाख नए मुफ्त एलपीजी कनेक्शन

 

भारत सरकार के पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय ने वित्त वर्ष 2025-26 में गरीब परिवारों को 25 लाख नए एलपीजी गैस कनेक्शन देने की घोषणा की है। इसके लिए केंद्र ने 676 करोड़ रुपये का बजट मंजूर किया है। इस विस्तार के बाद प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना (PMUY) के तहत अब तक वितरित मुफ्त कनेक्शनों की संख्या बढ़कर 10.58 करोड़ हो जाएगी।

 

योजना का विस्तार और बजट प्रावधान

इस नए फैसले के तहत ₹512.5 करोड़ का उपयोग 25 लाख डिपॉजिट-फ्री कनेक्शन देने के लिए किया जाएगा, जिसमें प्रत्येक कनेक्शन पर ₹2,050खर्च आएगा। साथ ही ₹160 करोड़ की राशि प्रति 14.2 किलो एलपीजी सिलेंडर पर ₹300 की लक्षित सब्सिडी के लिए तय की गई है। यह सब्सिडी साल में अधिकतम 9 सिलेंडर रीफिल पर लागू होगी। इसके अलावा ₹3.5 करोड़ राशि प्रोजेक्ट मैनेजमेंट, ट्रांजैक्शन और प्रशासनिक खर्चों पर खर्च होगी।

 

महिलाओं के लिए खास पहल

यह घोषणा नवरात्रि के मौके पर की गई है और इसे महिलाओं के लिए एक विशेष तोहफ़े के रूप में पेश किया गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि यह कदम न सिर्फ़ त्यौहार के समय महिलाओं के जीवन में खुशी लाएगा, बल्कि महिला सशक्तिकरण की दिशा में भी देश की प्रतिबद्धता को और मज़बूत करेगा।

पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने भी कहा कि उज्ज्वला योजना भारत की सबसे प्रभावी सामाजिक कल्याण योजनाओं में से एक है। इसने रसोई को बदल दिया है, महिलाओं के स्वास्थ्य की सुरक्षा की है और परिवारों का भविष्य रोशन किया है।

 

योजना के लाभ और प्रक्रिया

प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के तहत लाभार्थियों को डिपॉजिट-फ्री एलपीजी कनेक्शन मिलता है। इसमें सिलेंडर, रेगुलेटर, सुरक्षा पाइप, डोमेस्टिक गैस कंज्यूमर कार्ड (DGCC) और इंस्टॉलेशन शुल्क शामिल होता है। इतना ही नहीं, पहला रीफिल और चूल्हा भी मुफ्त दिया जाता है।

लाभार्थियों को इन सभी खर्चों के लिए कोई भुगतान नहीं करना होता। इसकी लागत भारत सरकार और ऑयल मार्केटिंग कंपनियां (OMCs) मिलकर उठाती हैं। उपभोक्ताओं को 14.2 किलो का सिलेंडर, 5 किलो का एक सिलेंडर या 5 किलो का डबल सिलेंडर विकल्प चुनने की स्वतंत्रता दी जाती है।

इस योजना के लिए पात्रता केवल उन गरीब परिवारों की वयस्क महिलाओं को है जिनके घर में पहले से कोई एलपीजी कनेक्शन नहीं है। इसके लिए महिलाओं को KYC आवेदन और एक डिक्लेरेशन फॉर्म जमा करना होता है, जिसे ऑनलाइन या नजदीकी एलपीजी डिस्ट्रीब्यूटर के पास जाकर भी जमा किया जा सकता है।

 

उज्ज्वला योजना का सफ़र

यह योजना मई 2016 में शुरू हुई थी, जिसका मकसद गरीब परिवारों तक स्वच्छ ईंधन पहुँचाना था। शुरुआत में लक्ष्य था 8 करोड़ कनेक्शन देना, जिसे सितंबर 2019 तक पूरा कर लिया गया। इसके बाद अगस्त 2021 में उज्ज्वला 2.0 लॉन्च की गई, जिसमें 10 करोड़ अतिरिक्त कनेक्शन देने का लक्ष्य रखा गया और जनवरी 2022 तक इसे हासिल भी कर लिया गया।

इसके अलावा दिसंबर 2022 में 60 लाख और जुलाई 2024 तक 75 लाख अतिरिक्त कनेक्शन दिए गए। जुलाई 2025 तक उज्ज्वला योजना के तहत 10.33 करोड़ से अधिक कनेक्शन पूरे देश में वितरित किए जा चुके हैं।

 

प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना (PMUY) ने भारत की महिलाओं को न सिर्फ़ धुएं से मुक्ति दिलाई है, बल्कि उनके स्वास्थ्य और सम्मान की रक्षा भी की है। नवरात्रि के मौके पर किया गया यह नया ऐलान गरीब परिवारों के लिए बड़ी राहत लेकर आया है। इससे स्पष्ट है कि सरकार का लक्ष्य केवल स्वच्छ ऊर्जा पहुंचाना ही नहीं, बल्कि महिलाओं की आर्थिक और सामाजिक स्थिति को भी मजबूत करना है।