पिछले कुछ दिनों से देशभर के कई हिस्सों में दो पोस्टरों को लेकर विवाद बढ़ता जा रहा है। पहला पोस्टर ‘आई लव मुहम्मद’ है, जिसे मुस्लिम संगठनों ने जारी किया। इसके विरोध में हिंदू संगठनों ने ‘आई लव महादेव’ के पोस्टर लगाना शुरू कर दिया। यह मुद्दा सड़कों, कॉलेजों और सोशल मीडिया पर छा गया है। हर जगह लोग चर्चा कर रहे हैं कि आखिर ये दोनों कैंपेन क्यों शुरू हुए और इनका समाज पर क्या असर पड़ रहा है।
छोटे शहरों और गांवों में भी बात फैल रही है
यह विवाद सिर्फ बड़े शहरों तक नहीं सिमित है, बल्कि छोटे शहरों और गांवों में भी यह काफी फैल गया है। वहां के लोग भी दोनों पोस्टरों के बारे में बात कर रहे हैं और अपने-अपने धर्म के नेताओं के साथ राय साझा कर रहे हैं। स्कूलों और मोहल्लों में यह चर्चा बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक पहुंच गई है। कई जगह सामाजिक संगठन आपसी मेल-जोल को लेकर मीटिंग भी कर रहे हैं।
हिंदू संगठनों का जवाबी कैंपेन 'आई लव महादेव'
इस पूरे विवाद के जवाब में कई हिंदू संगठनों ने ‘आई लव महादेव’ नाम से जवाबी कैंपेन शुरू किया है। शिव जी के प्रति अपनी आस्था दिखाने के लिए लोग मंदिरों से लेकर गली-मोहल्लों में पोस्टर और बैनर लगा रहे हैं। सोशल मीडिया पर भी ‘आई लव महादेव’ नाम से ट्रेंड चलाया जा रहा है। हिंदू संगठनों का कहना है कि हर धर्म का सम्मान होना चाहिए। वे ये कैंपेन अपनी धार्मिक भावनाओं को दर्शाने के लिए चला रहे हैं।
वाराणसी में “आई लव महादेव” के पोस्टर्स के साथ सामने आया संत समाज 🚩#IloveMahadevpic.twitter.com/LANe0Um2os
— Sudarshan उत्तर प्रदेश (@SudarshanNewsUp) September 25, 2025
पुलिस और प्रशासन की जिम्मेदारी
जिस तरह से माहौल में तनाव बढ़ रहा है, पुलिस और प्रशासन की चुनौती बढ़ गई है। कई राज्यों में पुलिस ने फ्लैग मार्च किया और लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की। अधिकारियों ने कहा कि कोई भी व्यक्ति कानून हाथ में ना लें और एक-दूसरे के धर्म का सम्मान करें। सोशल मीडिया पर अफवाह फैलाने वालों पर भी सख्ती बरती जा रही है। प्रशासन की कोशिश है कि लोग आपसी समझ से इस विवाद को खत्म करें।
मस्जिदों के बाहर क्यों हो रहे प्रदर्शन?
शुक्रवार की नमाज के बाद देश की कई बड़ी मस्जिदों के बाहर मुस्लिम संगठनों ने प्रदर्शन किए। वे मांग कर रहे हैं कि उनके धार्मिक भावनाओं का सम्मान किया जाए और समाज में भाईचारा बना रहे। ‘आई लव मुहम्मद’ पोस्टरों के जरिए वे पैगंबर मोहम्मद (स.अ.व.) के प्रति अपनी श्रद्धा जाहिर कर रहे हैं। कहीं-कहीं प्रदर्शन शांतिपूर्वक हुए, तो कुछ जगहों पर तनाव बढ़ गया। पुलिस और प्रशासन को भी हालात संभालने के लिए मुस्तैद रहना पड़ा।
दुनिया के सबसे बेहतरीन और अफ़ज़ल इंसान हमारे नबी मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम है , इनसे मोहब्बत करना हमारे ईमान की निशानी है ,
— Nargis Bano (@Nargis_Bano78) September 16, 2025
आप भी लिखो , आई लव मोहम्मद saw.#ILoveMohammadpic.twitter.com/k7G78nLdZa
वायरल वीडियो और सोशल मीडिया से बढ़ा विवाद
सोशल मीडिया पर कई वीडियो और पोस्ट वायरल हो रहे हैं, जिसमें दोनों के समर्थक अपनी भावनाएं जाहिर कर रहे हैं। कुछ ऐसे वीडियो भी सामने आए हैं जिनसे समाज में गलत संदेश फैल रहा है। प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे सोशल मीडिया पर अफवाह या गलत बयानबाजी से बचें। बच्चों और युवाओं को समझाना जरूरी हो गया है कि किसी भी विवाद को शांति और बातचीत से सुलझाया जाए।
सामाजिक संगठनों की कोशिशें
देश के कई सामाजिक संगठन इस विवाद को सुलझाने की कोशिश कर रहे हैं। वे लोगो से कह रहे हैं कि प्यार और भाईचारे का संदेश फैलाएं। ‘आई लव मुहम्मद’ और ‘आई लव महादेव’ जैसे अभियान समाज की विविधता का प्रतीक हैं, लेकिन इन्हें विवाद का कारण नहीं बनाना चाहिए। समाज की एकता के लिए जरूरी है कि धर्म के नाम पर कोई टकराव ना हो।
क्या कहते हैं आम लोग?
बहुत से आम लोग कह रहे हैं कि हर व्यक्ति को अपना धर्म मानने का अधिकार है, लेकिन उसकी आड़ में समाज में विवाद करना ठीक नहीं है। उनके मुताबिक, देश की खूबसूरती इसकी विविधता में है। हर नागरिक को शांति और अपनापन बनाए रखना चाहिए। बच्चों और युवाओं को भी सही संदेश देने की जिम्मेदारी परिवार वालों की है।
आगे क्या होगा?
अभी स्थिति पूरी तरह से साफ नहीं है, लेकिन प्रशासन की कोशिश है कि माहौल में सुधार आए। अगर लोग शांति से अपनी बात रखें और एक-दूसरे का सम्मान करें तो यह विवाद जल्द ही खत्म हो सकता है। दोनों कैंपेन ‘आई लव मुहम्मद’ और ‘आई लव महादेव’ अब देशभर में चर्चा का विषय बन गए हैं, मगर जवाबदारी सबकी है कि माहौल को शांतिपूर्ण रखा जाए।
प्यार, भाईचारे और विश्वास का महत्व
यह पूरा मामला समाज को फिर से सोचने का मौका देता है कि हमें किस दिशा में आगे बढ़ना चाहिए। ‘आई लव मुहम्मद’ और ‘आई लव महादेव’ दोनों ही धार्मिक विरासत के प्रतीक हैं। इनकी जगह लोगों के दिल में है, बल्कि विवाद के बजाय प्यार, भाईचारा और विश्वास फैलाना आज के समय में सबसे जरूरी बात है। हमें शांति के रास्ते पर चलना चाहिए, तभी समाज में सच्ची खुशहाली और सुकून आ सकता है।