प्रेमानंद महाराज बोले – कल से सुधार है, आँखें खुल रही हैं वृंदावन सेहत अपडेट

वृंदावन के केली कुंज आश्रम से एक सुकून देने वाली खबर आई है। प्रेमानंद महाराज, जो लंबे समय से किडनी की बीमारी से जूझ रहे हैं, अब खुद कह रहे हैं – “कल से सुधार है, आँखें खुल रही हैं।” रोजाना डायलिसिस और हाथों पर पट्टियों के बीच भी उनकी मुस्कान कायम है। भक्तों के लिए यह राहत की खबर है कि संत अब धीरे-धीरे बेहतर हो रहे हैं और पहले से ज्यादा दृढ़ लग रहे हैं।

प्रेमानंद महाराज बोले – कल से सुधार है, आँखें खुल रही हैं वृंदावन सेहत अपडेट

खबर का सार AI ने दिया · GC Shorts ने रिव्यु किया

    कुछ बातें सुनने में छोटी लग सकती हैं, पर जब वो हों एक संत की जुबानी, तो दिल को बंद दरवाज़ों का दरवाज़ा खोल देती हैं। वृंदावन के प्रेमानंद महाराज ने उसी अंदाज़ में खुद अपने स्वास्थ्य में झलक दिखाई — और बताया कि वो कल से बेहतर महसूस कर रहे हैं।

    डायलिसिस, सूजन और हाथों पर पट्टियाँ — वो सब जो मीडिया में दिखा, और असल हकीकत

    शुरुआत करते हैं मूल सच से: महाराज केली कुंज आश्रम में इलाज करवा रहे हैं, और रोजाना उन्हें डायलिसिस की ज़रूरत पड़ती है। पूरे शरीर में सूजन है, और दोनों हाथों पर पट्टियाँ बंधी हैं — ये बातें मीडिया रिपोर्ट्स में खूब उभरीं।

    लेकिन जैसे ही वीडियो वायरल हुआ कि उनकी आँखें बंद हैं और चेहरा लाल दिख रहा है, भक्तों में चिंता फैल गई। और महाराज ने कहा — ये जो सब दिख रहा है, वो इलाज का हिस्सा है, और अब सुधार हो रहा है। उनके शब्दों में, “कल से सुधार है, आँखें खुल रही हैं, हाथों की पोज़िशन ठीक हो रही है।”

     

    “आँखें खुल रही हैं” — वो लाइन जिसने सुखद आशा जगा दी

    यह लाइन — “कल से सुधार है, आँखें खुल रही हैं” — उस पल जैसी उम्मीद देती है, जब अँधेरे के बाद सूरज की किरणें धीरे-धीरे रसोई की खिड़की से अंदर आती हैं। महाराज ने ये भी बताया कि हाथों से काम करना अब संभव हो रहा है, जैसे धीरे-धीरे जिंदगी की गाड़ी वापस पटरी पर लौट रही हो।

    सोचिए, आप घंटे-दिन इंतज़ार कर रहे हों कि अगला पल बेहतर हो — और वो पल आ रहा हो। यही एहसास उन्होंने साझा किया है।

     

    लंबे समय से किडनी की बीमारी की जंजीरों में फँसे महाराज

    महाराज की बीमारी नयी नहीं है — वो काफी समय से किडनी खराबी से जूझ रहे हैं, और वे नियमित रूप से डायलिसिस करवाते आ रहे हैं। पिछले कई दिनों से उनकी सेहत नाजुक रही है, और वे सुबह की पदयात्रा भी नहीं कर पा रहे। आश्रम ने भक्तों से कहा है कि दर्शन के लिए रास्तों पर इंतजार न करें — महाराज फिलहाल बाहर आने की स्थिति में नहीं हैं।

    जब शरीर में सूजन हो, हाथों पर पट्टियाँ हों, और आवाज भी कंपकपाती हो — फिर भी वह देर रात प्रवचन देते रहें — ये दृढ़ता कमाल की है। उन्होंने कहा कि भक्त सेवा उनके जीवन का हिस्सा है, और कष्टों में भी वे उसका बोझ नहीं बनाते।

     

    वायरल वीडियो ने बढ़ाई चिंता, महाराज ने शांत किया माहौल

    सोशल मीडिया तेजी से चलता है — कुछ ही घंटों में वीडियो वायरल हो गया जिसमें प्रेमानंद महाराज का चेहरा सुर्ख दिख रहा है, आँखों में सूजन है। ऐसी तस्वीरें अक्सर सच का हिस्सा हों या न हों, लेकिन वो अफवाहों को जन्म देती हैं। महाराज ने इसका सामना करते हुए कहा है कि जो कुछ दिख रहा है, वो इलाज का हिस्सा है, न कि कोई डरावनी तस्वीर।

    और जैसे ही उन्होंने बताया कि सुधार है — भक्तों को राहत मिली। उन्होंने कहा कि हाथों की पोज़िशन अब ठीक हो रही है, और जो बातें दिनों से अधूरी लग रही थीं, वो अब धीरे-धीरे सही दिशा ले रही हैं।

     

    आशा की किरण — अब आगे क्या देखने की है?

    अब सवाल ये है: क्या यह सुधार स्थिर रहेगा? महाराज की यात्रा आसान नहीं है — किडनी की बीमारी, डायलिसिस, शरीर में सूजन — ये सब चुनौती हैं। लेकिन इस अपडेट ने एक उम्मीद जगाई है। अगर उन्होंने कहा है कि कल से सुधार है, तो आने वाले दिनों में उनकी सेहत और बेहतर हो सकती है।

    भक्त, साधक, और आम लोग — सभी निगाहें हैं उस पल पर जब महाराज फिर से पदयात्रा पर निकलें, जब दर्शन का रास्ता खुले, और जब अस्पताल की चुप्पी फिर से भक्ति के शोर में बदल जाए। जब ऐसा होगा, तो शायद हम सब एक साथ मुस्कुरा उठेंगे और कहेंगे — “वो लौट आए हैं।”

    माना कि बीमारी ने उन्हें छुआ, लेकिन आत्मा की राह में उन्होंने कदम नहीं छोड़ा। और ये कहानी हमें याद दिलाती है कि उम्मीद कभी छोटी नहीं होती — क्योंकि सच में, “कल से सुधार है, आँखें खुल रही हैं।”