510 करोड़ का दान, लेकिन धोखाधड़ी में गिरफ्तारी! बांके बिहारी कॉरिडोर वाले बिल्डर प्रखर गर्ग और पत्नी राखी जेल भेजे गए
मथुरा के बांके बिहारी कॉरिडोर के लिए 510 करोड़ रुपये दान देने का हलफनामा दाखिल कर सुर्खियों में आए बिल्डर प्रखर गर्ग और उनकी पत्नी राखी गर्ग को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। दंपती पर चेक बाउंस और धोखाधड़ी के कई गंभीर मामले दर्ज हैं।
जयपुर से हुई गिरफ्तारी, कोर्ट ने भेजा जेल
पुलिस के अनुसार, 1.54 करोड़ रुपये के चेक बाउंस केस में कोर्ट से गैर-जमानती वारंट जारी हुआ था। इसके बाद जयपुर से दोनों को गिरफ्तार किया गया और कोर्ट में पेशी के बाद जेल भेज दिया गया।डीसीपी सिटी सोनम कुमार ने बताया कि प्रखर गर्ग और उनकी पत्नी के खिलाफ धोखाधड़ी के चार मुकदमे हरीपर्वत और कमला नगर थाने में दर्ज हैं। इसके अलावा दो दर्जन से अधिक चेक बाउंस के मामले भी सामने आ चुके हैं।
पुराना आपराधिक रिकॉर्ड, पहले भी जा चुके जेल
यह पहला मामला नहीं है। प्रखर गर्ग को ढाई साल पहले भी चेक बाउंस के मामले में गिरफ्तार किया जा चुका था।2019 से 2023 तक 138 एनआई एक्ट के 21 केस दर्ज हुए।कई मामलों में लोगों से रकम लेकर संपत्ति बेचने का वादा किया, लेकिन पैसा नहीं लौटाया।रकम मांगने पर चेक दिए, जो बाउंस हो गए।पुलिस ने जनवरी 2024 में आरोपी के घर पर नोटिस और मुनादी भी कराई थी।
1.54 करोड़ की धोखाधड़ी, 9 करोड़ का बड़ा आरोप
अक्टूबर 2024 में बैटरी कारोबारी अरुण सोंधी ने प्रखर गर्ग और पत्नी राखी समेत कई लोगों पर केस दर्ज कराया। आरोप था कि वर्ष 2019 में 1.54 करोड़ रुपये के चेक बाउंस हुए।रकम न लौटाने और संपत्ति विवाद के चलते 9 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी का केस दर्ज किया गया।अरुण सोंधी का कहना है कि धोखाधड़ी की वजह से उन्हें इतना नुकसान हुआ कि घर तक बेचना पड़ा।
कमला नगर के मुकदमे और कोर्ट की शरण
थाना कमला नगर में भी दो बड़े केस दर्ज हैं सुभाष शर्मा का मुकदमा (30 दिसंबर 2023) – आरोप कि प्रखर गर्ग और उनकी पत्नी ने अन्य सहयोगियों के साथ मिलकर संपत्ति बेचने के नाम पर धोखाधड़ी की। योगेश अग्रवाल का मुकदमा (30 सितंबर 2024) – आरोप कि वर्ष 2015 में 90 लाख रुपये की ठगी की गई।दोनों मामलों में पुलिस आरोप पत्र दाखिल कर चुकी है। हालांकि, आरोपी दंपती ने गिरफ्तारी पर हाईकोर्ट से स्टे लिया था।
बांके बिहारी कॉरिडोर दान से मिला था ध्यान
अक्टूबर 2023 में प्रखर गर्ग ने हाईकोर्ट में हलफनामा देकर बांके बिहारी कॉरिडोर परियोजना के लिए 510 करोड़ रुपये देने का प्रस्ताव रखा था। इसी वजह से वह सुर्खियों में आए थे।लेकिन पुलिस की जांच में सामने आया कि उन पर पहले से कई मामले दर्ज हैं। दिसंबर 2024 में ईडी ने भी उनके घर पर छापा मारा था।
नतीजा – दान की आड़ में ठगी का लंबा खेल
प्रखर गर्ग और उनकी पत्नी राखी गर्ग पर दर्ज केस यह साफ करते हैं कि दान का दावा केवल सुर्खियां बटोरने का जरिया था। हकीकत में उन पर करोड़ों की ठगी, चेक बाउंस और संपत्ति विवाद जैसे गंभीर आरोप हैं। कोर्ट के आदेश पर अब दोनों जेल भेज दिए गए हैं और आगे और भी पीड़ित सामने आ सकते हैं।