कतर एयरवेज की लॉस एंजिल्स से कोलंबो जा रही फ्लाइट में एक बुजुर्ग डॉक्टर को दिया गया गलत खाना उनकी जान ले गया। शाकाहारी यात्री को गलती से नॉनवेज परोसा गया और फ्लाइट अटेंडेंट ने कहा — “मीट मत खाना, बस ग्रेवी खा लो।” लेकिन यह ‘सलाह’ उनके लिए जानलेवा साबित हुई।
अगर आप सख्त शाकाहारी हैं, तो यह खबर सुनकर आपकी रगों में खून नहीं बल्कि डर दौड़ जाएगा। कतर एयरवेज की एक लंबी उड़ान में 85 वर्षीय डॉ. अशोका जयवीरा की मौत सिर्फ इसलिए हो गई क्योंकि उन्हें वेज की जगह नॉनवेज खाना परोस दिया गया। और ऊपर से फ्लाइट अटेंडेंट ने कहा — “मीट मत खाना, बस ग्रेवी खा लो।” भाई, ऐसी ‘स्मार्ट सलाह’ तो किसी ट्रेजडी कॉमेडी फिल्म में भी नहीं मिलती!
फ्लाइट में 15 घंटे की यात्रा, ऑर्डर था वेज — पर आ गई ट्रे में चिकन!
यह घटना 30 जून 2023 की है, जब लॉस एंजिल्स से कोलंबो जा रही कतर एयरवेज की उड़ान में डॉ. जयवीरा सफर कर रहे थे। उन्होंने खासतौर पर वेजिटेरियन मील ऑर्डर किया था। लेकिन ट्रे में जब खाना आया तो उसमें चिकन के टुकड़े थे। उन्होंने जब फ्लाइट अटेंडेंट से कहा कि यह गलती है, तो जवाब मिला—“सर, मीट निकाल दो, बस ग्रेवी खा लीजिए।”
अब सोचिए, कोई इंसान जिसने जिंदगीभर मांस को छुआ तक नहीं, वो फ्लाइट में ये ‘सलाह’ सुनकर क्या महसूस करेगा? लेकिन डॉ. जयवीरा ने शायद अटेंडेंट की बात मान ली। कुछ मिनट बाद उनका गला रुकने लगा, सांसें टूटने लगीं और कुछ ही देर में वो बेहोश हो गए।
क्रू ने कोशिश की, डॉक्टर से सलाह ली — लेकिन वक्त निकल चुका था
क्रू ने तुरंत मेडएयर के रिमोट मेडिकल टीम से संपर्क किया और CPR की कोशिश की, लेकिन हालत बिगड़ती गई। आखिरकार फ्लाइट को एडिनबर्ग, स्कॉटलैंड में इमरजेंसी लैंड कराया गया। उन्हें अस्पताल ले जाया गया, लेकिन कई हफ्तों तक इलाज के बाद भी 3 अगस्त 2023 को उन्होंने दम तोड़ दिया।
डॉक्टरों ने उनकी मौत का कारण बताया—एस्पिरेशन निमोनिया, यानी खाना या तरल पदार्थ फेफड़ों में चले जाने से होने वाली गंभीर समस्या। यह किसी के लिए भी खतरनाक होती है, लेकिन 85 साल के व्यक्ति के लिए जानलेवा साबित हुई।
अब बेटे ने कतर एयरवेज पर मुकदमा ठोका: कहा “ये हादसा नहीं, लापरवाही थी”
डॉ. जयवीरा के बेटे सूर्या जयवीरा ने अब कतर एयरवेज पर केस दर्ज कराया है। उनका कहना है कि एयरलाइन ने लापरवाही की और अपने यात्रियों की सुरक्षा को गंभीरता से नहीं लिया। मुकदमे में उन्होंने कहा कि एयरलाइन ने न केवल गलत खाना परोसा, बल्कि मेडिकल इमरजेंसी में भी देर की।
उन्होंने $128,821 की क्षतिपूर्ति की मांग की है, जो अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के मॉन्ट्रियल कन्वेंशन के तहत तय की गई न्यूनतम राशि है। इस कानून के मुताबिक, किसी भी अंतरराष्ट्रीय उड़ान में गलती या लापरवाही से हुई मौत के लिए एयरलाइन पूरी तरह जिम्मेदार होती है। और कतर एयरवेज की ये ‘ग्रेवी एडवाइस’ अब उनके लिए बहुत महंगी पड़ सकती है।
“मीट हटाकर ग्रेवी खा लो” — यह वाक्य बन गया दुनिया का सबसे खराब फ्लाइट सर्विस डायलॉग
सोशल मीडिया पर अब यह घटना चर्चा में है। लोग कह रहे हैं कि अगर यह बात किसी कॉमेडी शो में होती तो मजाक लगता, लेकिन असल में यह एक त्रासदी है। कई लोगों ने कतर एयरवेज को टैग करते हुए लिखा कि “यह सिर्फ सर्विस में गलती नहीं, यह मानवीय संवेदनाओं की नाकामी है।”
कुछ यूज़र्स ने तंज कसा — “जब कोई कहे कि ग्रेवी में मीट नहीं है, तो समझ जाइए कि फ्लाइट में मुसीबत आने वाली है।” वहीं, शाकाहारी यात्रियों ने मांग की है कि एयरलाइंस को फूड सर्विस में सख्त गाइडलाइन और लेबलिंग नियम लागू करने चाहिए।
ये घटना याद दिलाती है कि कभी-कभी छोटी सी गलती, किसी की पूरी जिंदगी बदल देती है
डॉ. जयवीरा की मौत सिर्फ एक दुर्घटना नहीं, बल्कि उस लापरवाही की मिसाल है जो आज भी कई अंतरराष्ट्रीय फ्लाइट्स में दिखती है। किसी ने मील ऑर्डर मिस कर दिया, किसी ने मैन्युअल चेक नहीं किया—और एक जिंदगी खत्म हो गई।
शायद अब एयरलाइंस को “वेज या नॉनवेज” का फर्क सिर्फ ट्रे पर नहीं, दिल में भी समझना होगा। क्योंकि हर पैसेंजर सिर्फ टिकट नहीं खरीदता, वह भरोसा खरीदता है।
Bottom line: अगली बार जब कोई कहे “मीट मत खाना, बस ग्रेवी खा लो”—तो याद रखिए, यह डायलॉग किसी को हंसी दिला सकता है, लेकिन किसी और के लिए यह आखिरी बात बन सकती है।