80 देशों में आतंक फैलाने वाला हैकर आखिरकार गिरफ्तार!
80 देशों में आतंक मचाने वाला हैकर गिरफ्तार 1 लाख डिवाइसों में फैलाया वायरस
टेक्नोलॉजी के बढ़ते इस्तेमाल के साथ ही साइबर अपराधों में भी तेजी आई है। हर दिन साइबर फ्रॉड और ऑनलाइन हमलों की घटनाएँ सामने आती हैं। बड़ी कंपनियों, सरकारी एजेंसियों और व्यक्तिगत उपयोगकर्ताओं की सुरक्षा अब पहले से कहीं अधिक चुनौतीपूर्ण हो गई है। बीते कुछ महीनों में ‘रैपर बॉट’ के जरिए 80 देशों में साइबर हमले हुए, जो सुनने में किसी गैंग की तरह लगते हैं, लेकिन यह सब केवल एक शख्स द्वारा किया गया था। अब उस शख्स को गिरफ्तार कर लिया गया है।
सबसे खतरनाक और पावरफुल बॉटनेट बनाया
अमेरिका के अलास्का में 22 साल के एथन फोल्ट्ज नाम के युवक को गिरफ्तार किया गया है। वह ओरेगन का रहने वाला है। आरोप है कि उसने ‘रैपर बॉट’ नामक खतरनाक DDoS (Distributed Denial of Service) बॉटनेट बनाया और इसे चलाकर साइबर हमलों के लिए इस्तेमाल किया। बाद में इस बॉटनेट को अन्य साइबर अपराधियों को किराए पर भी दिया। अमेरिकी डिपार्टमेंट ऑफ जस्टिस ने एथन के घर पर छापा मारकर उसे गिरफ्तार किया और रैपर बॉट को जब्त कर दिया।
रैपर बॉट का काम कैसे होता था
रैपर बॉट एक तरह का मैलवेयर है। इस मैलवेयर ने डिजिटल वीडियो रिकॉर्डर, वाई-फाई राउटर और अन्य स्मार्ट डिवाइसों को अपनी जद में लिया। लगभग 1 लाख डिवाइस इस नेटवर्क में शामिल थे। इन डिवाइसों से एथन ने DDoS अटैक किया।
DDoS अटैक में किसी वेबसाइट या सर्वर पर इतना ट्रैफिक भेजा जाता है कि वह हैंडल नहीं कर पाती और ठप हो जाती है।
3 लाख 70 हजार से अधिक साइबर हमले किए
एथन अपने बॉटनेट का इस्तेमाल खुद ही नहीं करता था। वह इसे अन्य साइबर अपराधियों को किराए पर देता था। अप्रैल 2025 से अब तक रैपर बॉट का उपयोग 80 देशों में 18,000 से अधिक लोगों पर किया गया। इन लोगों पर 3 लाख 70 हजार साइबर अटैक हुए।
हमलों का निशाना सरकारी एजेंसियां, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म और अमेरिकी टेक कंपनियां थीं। इन हमलों की ताकत इतनी अधिक थी कि कुछ मामलों में यह 6 टेराबाइट प्रति सेकंड तक पहुंच गई। इतना विशाल ट्रैफिक किसी भी सिस्टम को तुरंत ठप कर सकता है।
साइबर सुरक्षा की चुनौती
इस घटना से यह साफ हो गया है कि तकनीकी विकास के साथ साइबर सुरक्षा की चुनौती भी बढ़ती जा रही है। सरकार और कंपनियों को अब पहले से ज्यादा मजबूत सुरक्षा उपाय अपनाने की आवश्यकता है।