रविचंद्रन अश्विन ने आईपीएल को कहा अलविदा – शानदार सफर का अंत
भारतीय क्रिकेट के दिग्गज ऑफ़ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन ने आखिरकार इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) से संन्यास ले लिया है। अपने करियर के इस बड़े फैसले की जानकारी उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर दी। अश्विन ने लिखा –
"कहते हैं हर अंत एक नई शुरुआत होती है। आईपीएल क्रिकेटर के रूप में मेरा सफर यहीं खत्म होता है, लेकिन अब मैं दुनिया भर की लीग्स में खेल के नए अध्याय की शुरुआत करूंगा।"
सीएसके से शुरुआत और सुनहरा सफर
अश्विन ने IPL करियर की शुरुआत साल 2009 में चेन्नई सुपर किंग्स (CSK) से की थी। शुरुआती सीज़न से ही उन्होंने अपनी गेंदबाज़ी से टीम को मज़बूती दी। 2010 और 2011 के खिताबी जीत में उनका अहम योगदान रहा।2010 में उन्होंने 13 विकेट झटके और टीम को IPL ट्रॉफी दिलाई।2011 के फ़ाइनल में उन्होंने पहला ओवर डालकर क्रिस गेल को शून्य पर आउट किया, जो मैच का टर्निंग पॉइंट साबित हुआ।इसी साल उन्होंने चैंपियंस लीग टी20 जीत में प्लेयर ऑफ़ द सीरीज़ का खिताब अपने नाम किया।
आँकड़े जो बताते हैं उनकी महानता
कुल 221 मैचों में 187 विकेट लेकर अश्विन IPL इतिहास के पाँचवे सबसे सफल गेंदबाज़ बने। 18 में से 16 सीज़न में उन्होंने हिस्सा लिया। 2009 से 2015 तक CSK के लिए खेलते हुए उन्होंने 90 विकेट लिए।
कई फ्रैंचाइज़ियों के लिए खेला
CSK के अलावा अश्विन ने राइजिंग पुणे सुपरजायंट, पंजाब किंग्स (जहाँ उन्हें कप्तानी मिली), दिल्ली कैपिटल्स और राजस्थान रॉयल्स के लिए भी खेला। 2018 और 2019 में पंजाब की कप्तानी करते हुए उन्होंने 25 विकेट झटके, लेकिन टीम प्लेऑफ़ तक नहीं पहुँच सकी। 2020 और 2021 में दिल्ली कैपिटल्स के लिए खेले और टीम के स्पिन विभाग को मजबूत किया।2022 में राजस्थान रॉयल्स से जुड़े और युजवेंद्र चहल के साथ मिलकर घातक जोड़ी बनाई।
अंतिम अध्याय
2024 के सीज़न में उनका प्रदर्शन कुछ फीका रहा और 9 मैचों में सिर्फ 7 विकेट ले पाए। इसके बाद राजस्थान रॉयल्स ने उन्हें रिलीज़ कर दिया और चेन्नई सुपर किंग्स ने एक बार फिर उन्हें मोटी रकम देकर टीम में शामिल किया। लेकिन इस बार उनका सफर लंबा नहीं चला और उन्होंने संन्यास का ऐलान कर दिया।
IPL में छोड़ी अमिट छाप
38 वर्षीय अश्विन का IPL सफर भले ही अब खत्म हो गया हो, लेकिन उनकी गेंदबाज़ी और मैच जिताने की क्षमता हमेशा याद की जाएगी। उन्होंने साबित किया कि IPL सिर्फ युवा खिलाड़ियों का मंच नहीं, बल्कि अनुभवी खिलाड़ियों के लिए भी अपनी छाप छोड़ने का सबसे बड़ा मौका है।