सुप्रीम कोर्ट ने अभिनेता दर्शन थुगुदीपा की ज़मानत रद्द की, कहा—कानून से ऊपर कोई नहीं
कन्नड़ फ़िल्म इंडस्ट्री के लोकप्रिय अभिनेता दर्शन थुगुदीपा को एक बड़ा झटका देते हुए, सुप्रीम कोर्ट ने 33 वर्षीय प्रशंसक रेणुकास्वामी हत्याकांड मामले में उनकी ज़मानत रद्द कर दी है। अदालत ने कहा कि ज़मानत देने से गवाहों पर असर पड़ सकता है और मुकदमे की निष्पक्षता प्रभावित हो सकती है।
हाई कोर्ट का आदेश खारिज
न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति आर महादेवन की पीठ ने कर्नाटक उच्च न्यायालय के उस आदेश को रद्द कर दिया, जिसमें दर्शन को ज़मानत दी गई थी। सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट के फैसले को "न्यायिक शक्ति का विकृत प्रयोग" बताया और कहा कि इसमें गंभीर कमियाँ थीं।
अदालत की सख्त टिप्पणियाँ
सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति पारदीवाला ने कहा—
"यह संदेश जाता है कि आरोपी चाहे कितना भी बड़ा हो, वह कानून से ऊपर नहीं है।"
उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि अगर आरोपियों को हिरासत में VIP ट्रीटमेंट मिला, तो संबंधित जेल अधिकारियों को तुरंत निलंबित किया जाएगा।
हत्या का मामला कैसे हुआ
यह मामला पिछले साल 8 जून का है, जब चित्रदुर्ग के रहने वाले रेणुकास्वामी का कथित तौर पर दर्शन और उनके सहयोगियों ने अपहरण कर बेंगलुरु के एक शेड में ले जाकर बुरी तरह पीटा।
लकड़ी के डंडों से हमला
बिजली के झटके
बाँधकर यातना
पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मौत का कारण कई कुंद चोटों से हुआ ‘शॉक हैमरेज’ बताया गया।
इसके बाद शव को आधी रात में नाले में फेंक दिया गया, जो अगले दिन मिला।
विवाद की वजह
पुलिस जांच के अनुसार, रेणुकास्वामी ने अभिनेत्री पवित्रा गौड़ा पर सोशल मीडिया में अभद्र टिप्पणी की थी, जिससे गुस्से में आकर यह वारदात की गई।
पीड़ित परिवार की प्रतिक्रिया
रेणुकास्वामी के पिता काशीनाथ शिवनगौडारू ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हुए कहा—
"कोई भी अपराधी कानून के शिकंजे से नहीं बच सकता।"
पीड़ित की पत्नी ने भी कहा कि दोषियों को सख्त सजा मिलनी चाहिए।
सैंडलवुड में हलचल
इस मामले ने सैंडलवुड (कन्नड़ फ़िल्म उद्योग) को हिला कर रख दिया था। दर्शन को दिसंबर में हाई कोर्ट से ज़मानत मिली थी, लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट का सख्त रुख उनके लिए बड़ा झटका साबित हुआ है।