रूस के सुदूर पूर्वी इलाके में शनिवार को भूकंप के तेज झटकों ने लोगों को डरा दिया। भूवैज्ञानिक एजेंसियों के अनुसार यह भूकंप कामचटका प्रायद्वीप के पूर्वी तट के पास आया और इसकी तीव्रता 7 से अधिक मापी गई। झटकों के बाद महासागर तटीय इलाकों में सुनामी की आशंका जताते हुए चेतावनी भी जारी की गई है।
कहां आया भूकंप और कितनी थी तीव्रता?
जानकारी के मुताबिक, जर्मन भूविज्ञान अनुसंधान केंद्र (GFZ) ने इस भूकंप की तीव्रता 7.1 बताई और केंद्र जमीन के भीतर महज 10 किलोमीटर गहराई पर स्थित था। वहीं अमेरिकी भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (USGS) ने भूकंप की तीव्रता थोड़ी अधिक यानी 7.4 दर्ज की और इसका केंद्र 39.5 किलोमीटर गहराई में बताया। हालांकि इस मामूली अंतर के बावजूद भूकंप की तीव्रता को खतरनाक श्रेणी का माना गया।
सुनामी की चेतावनी
भूकंप के बाद प्रशांत सुनामी चेतावनी केंद्र (PTWC) ने सूचना दी कि इससे समुद्र में लहरों का असामान्य उठान हो सकता है, जिसके चलते तटीय क्षेत्रों में सुनामी का खतरा है। हालांकि पड़ोसी जापान की मौसम एजेंसी ने कहा कि उनके देश के लिए सुनामी का कोई खतरा नहीं है। जापानी तट पर स्थित निगरानी केंद्रों ने भी समुद्री स्तर में अब तक कोई असामान्य बदलाव दर्ज नहीं किया है।
अफरातफरी, लेकिन नुकसान की खबर नहीं
स्थानीय प्रशासन के अनुसार, भूकंप के झटके इतने प्रबल थे कि लोग अपने घरों और दफ्तरों से तत्काल बाहर निकल आए। कई जगहों पर बिजली की आपूर्ति बाधित हुई और इमारतें हिलने लगीं। हालांकि राहत की बात यह है कि अभी तक न तो किसी की जान जाने की खबर है और न ही बड़े पैमाने पर संपत्ति का नुकसान दर्ज हुआ है। स्थिति पर लगातार नजर रखी जा रही है और तटीय क्षेत्रों में लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है।
पहले भी आ चुके हैं तेज झटके
यह इलाका भूकंप और ज्वालामुखीय गतिविधियों के लिए बेहद संवेदनशील माना जाता है। जुलाई 2025 में भी इसी क्षेत्र में 8.8 तीव्रता का एक शक्तिशाली भूकंप आया था। उस समय पूरे प्रशांत महासागर क्षेत्र में सुनामी की चेतावनी जारी करनी पड़ी थी। उस बड़े भूकंप के कारण कई इमारतें क्षतिग्रस्त हुईं और समुद्री तटों पर भारी तबाही देखने को मिली थी।
प्रशांत महासागर का संवेदनशील क्षेत्र
कामचटका प्रायद्वीप प्रशांत महासागर के "रिंग ऑफ फायर" क्षेत्र में आता है। इस इलाके में भूकंप और ज्वालामुखी की गतिविधियां अक्सर होती रहती हैं। रिंग ऑफ फायर पृथ्वी का वह क्षेत्र है जहां महासागरीय और महादेशीय प्लेटों की टकराहट सबसे ज्यादा होती है। इसी वजह से यहां अक्सर भूकंप और ज्वालामुखी विस्फोट देखने को मिलते हैं।
लोगों को दी गई सलाह
रूस के स्थानीय आपदा प्रबंधन अधिकारियों ने तटीय गांवों और कस्बों में रहने वाले लोगों से अपील की है कि वे समुद्र से दूरी बनाए रखें और प्रशासन द्वारा जारी निर्देशों का पालन करें। बचाव दल और मेडिकल टीमें पूरी तरह अलर्ट मोड पर हैं। साथ ही समुद्र के किनारों पर निगरानी और तेज कर दी गई है।
राहत की स्थिति
अब तक मिली प्रारंभिक जानकारियों के अनुसार, किसी तरह के बड़े नुकसान या हताहत की खबर नहीं है। फिर भी भूकंप की तीव्रता को देखते हुए विशेषज्ञ सतर्क हैं कि आफ्टरशॉक यानी भूकंप के दोबारा झटके महसूस किए जा सकते हैं। प्रशासन ने लोगों से शांत बने रहने और अफवाहों से बचने की अपील की है।