सरकारी कर्मचारियों के लिए खुशखबरी: NPS से UPS में बदलाव का विकल्प खुला
केंद्र सरकार ने कर्मचारियों को एक बार का विशेष मौका दिया है, जिसके तहत वे नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) से यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) में स्विच कर सकते हैं। यह विकल्प 30 सितंबर 2025 तक उपलब्ध रहेगा और कर्मचारियों को रिटायरमेंट के बाद बेहतर वित्तीय सुरक्षा का अवसर देगा।
पेंशन योजना में बदलाव: अब NPS से UPS में स्विच करने का सुनहरा मौका
केंद्र सरकार ने एक अहम फैसला लेते हुए उन कर्मचारियों को एकमुश्त विकल्प देने का ऐलान किया है, जिन्होंने 1 अप्रैल 2025 से 31 अगस्त 2025 के बीच सेवाओं में जॉइन किया और नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) चुना था। अब ये कर्मचारी चाहें तो यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) में शिफ्ट हो सकते हैं।
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सरकार ने स्पष्ट किया है कि यह विकल्प 30 सितंबर 2025 तक ही मान्य होगा। इसका उद्देश्य कर्मचारियों को उनके रिटायरमेंट प्लानिंग और भविष्य की वित्तीय सुरक्षा को लेकर एक सूझ-बूझ भरा निर्णय लेने का मौका देना है। खास बात यह है कि UPS चुनने वाले कर्मचारी चाहें तो बाद में दोबारा NPS में भी वापस जा सकते हैं।
UPS और NPS में अंतर: क्या मिलेगा फायदा?
यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) को सरकार ने इस साल 1 अप्रैल 2025 से लागू किया है। यह योजना अश्वस्त पेंशन (assured pension) का वादा करती है, यानी कर्मचारियों को रिटायरमेंट के बाद नियमित भुगतान सुनिश्चित रहेगा। UPS का फायदा यह है कि यह कर्मचारियों को निश्चित रिटर्न और बेहतर पेंशन सुरक्षा देता है।
इसके तहत कर्मचारी को अपनी बेसिक सैलरी और डीए का 10% योगदान करना होगा, जबकि केंद्र सरकार की ओर से 18.5% योगदान किया जाएगा। यह योगदान मुख्य रूप से सरकारी बॉन्ड और डेब्ट इंस्ट्रूमेंट्स में निवेश होगा। हालांकि, अंतिम भुगतान का निर्धारण निवेश से प्राप्त होने वाले रिटर्न पर निर्भर करेगा।
23 लाख कर्मचारियों पर असर
सरकारी आंकड़ों के अनुसार, यह विकल्प लगभग 23 लाख केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों के लिए उपलब्ध है, जिन्हें अब NPS और UPS के बीच चुनने का अवसर मिलेगा। वहीं, पूर्व कर्मचारी और रिटायर्ड व्यक्ति, जो NPS के दायरे में आते हैं, वे भी 30 सितंबर 2025 तक UPS को अपना सकते हैं।
UPS क्यों है खास?
पुरानी पेंशन योजना (OPS), जिसे जनवरी 2004 में बंद कर दिया गया था, में कर्मचारियों को अंतिम वेतन का 50% पेंशन के रूप में मिलता था। UPS को उसी मॉडल के आधार पर अधिक टिकाऊ और आधुनिक ढांचे में डिजाइन किया गया है। इससे न सिर्फ कर्मचारियों को स्थिर आय की गारंटी मिलेगी, बल्कि सरकार के योगदान से उनकी वित्तीय सुरक्षा भी मजबूत होगी।
कुल मिलाकर, यह कदम सरकार की ओर से कर्मचारियों के लिए बड़ा रिफॉर्म माना जा रहा है, जिससे उन्हें अपनी रिटायरमेंट स्ट्रैटेजी को लेकर अधिक विकल्प और भरोसेमंद विकल्प मिलेंगे।
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