4 साल के मासूम संग पति-पत्नी ने उठाया खौफनाक कदम

शाहजहांपुर में कारोबारी ने पत्नी और 4 वर्षीय बेटे संग आत्महत्या कर ली। कर्ज और आर्थिक संकट से जूझते परिवार की यह दर्दनाक घटना पूरे इलाके को गहरे सदमे में डाल गई।

4 साल के मासूम संग पति-पत्नी ने उठाया खौफनाक कदम

शाहजहांपुर में खौफनाक वारदात: कारोबारी ने पत्नी और 4 साल के मासूम को मौत के हवाले कर खुद भी की आत्महत्या

उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर से एक दिल दहला देने वाली खबर सामने आई है। यहां एक हैंडलूम कारोबारी ने आर्थिक संकट और कर्ज के बोझ से तंग आकर अपनी पत्नी और 4 साल के बेटे के साथ खौफनाक कदम उठा लिया। पहले मासूम बेटे को जहर दिया और फिर पति-पत्नी ने अलग-अलग कमरों में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। इस दर्दनाक घटना से पूरे इलाके में मातम छा गया है।

घटना का विवरण

यह वारदात रोजा थाना क्षेत्र के दुर्गा एंकलेव कॉलोनी की है। मृतकों की पहचान 35 वर्षीय सचिन ग्रोवर, उनकी 30 वर्षीय पत्नी शिवांगी और 4 वर्षीय बेटे फतेह के रूप में हुई है। हैंडलूम व्यापारी सचिन ग्रोवर और उनकी पत्नी शिवांगी ने अपने मासूम चार वर्षीय बेटे को जहर देकर मार दिया और फिर दोनों ने अलग-अलग कमरों में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। मासूम बेटे का शव कमरे के बिस्तर पर मिला जबकि सचिन व शिवांगी के शव फंदे से लटके मिले। घटना की जानकारी मिलते ही कॉलोनी में मातम छा गया और पुलिस तुरंत मौके पर पहुंची। परिवार के लोगों ने बताया कि जिस दिन यह घटना हुई, उसी दिन मोहित—जो कि सचिन के भाई हैं—के बेटे की नामकरण रस्म भी थी। पूरा परिवार सुबह जल्दी उठा था। करीब 8 बजे तक जब सचिन नीचे नहीं आया तो उसकी मां सीमा ने उसे आवाज़ लगाई, लेकिन भीतर से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली। दरवाज़ा खुलते ही पूरा परिवार चीख पड़ा; सचिन व शिवांगी अलग-अलग कमरों में फांसी के फंदे पर लटके थे और मासूम बेटे का शव बिस्तर पर सर्द बिछी चादर के नीचे था, जिसके मुंह से झाग निकल रहा  थी।

मासूम को दिया जहर

डॉक्टरों ने बताया कि बच्चे को पॉइजन दिया गया. पुलिस ने बताया- पति पत्नी ने पहले बच्चे को चूहे मार दवा दी. उसके बाद दोनों ने अलग-अलग कमरो में फंदा लगाकर सुसाइड कर लिया. पत्नी की लाश बेडरूम में रस्सी के सहारे लटकी मिली जबकि पति ने ड्राइंग रूम में रस्सी के सहारे फंदा लगाया है. 

परिवार और मोहल्ले में मातम

घटना की जानकारी मिलते ही परिवार और पूरे मोहल्ले में चीख-पुकार मच गई। परिजन तीनों को अस्पताल ले गए, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। परिवार के लोगों का कहना है कि सचिन लंबे समय से व्यापार में हो रहे नुकसान और कर्ज के कारण तनाव में था।फिलहाल पुलिस परिवार के अन्य सदस्यों से पूछताछ कर रही है. घटना के सही कारणों का पता लगाया जा रहा है. उधर, परिवार के बाकी लोग इन तीनों की मौत से सदमे में हैं. उन्हें यकीन ही नहीं हो रहा कि जो परिवार कल तक हंस खेल रहा था वो अब इस दुनिया में नहीं है.

पुलिस की जांच

पुलिस ने शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है और पूरे मामले की जांच शुरू कर दी है। शुरुआती जांच में यह साफ हुआ है कि आर्थिक संकट और कर्ज का बोझ ही इस घटना की बड़ी वजह थी। हालांकि, पुलिस परिवार के अन्य सदस्यों से पूछताछ कर रही है ताकि पूरी सच्चाई सामने आ सके।यह घटना बताती है कि आर्थिक दबाव और मानसिक तनाव इंसान को किस हद तक तोड़ सकता है। एक पूरा परिवार उजड़ गया और पीछे रह गए सिर्फ सवाल और गम। समाज के लिए यह एक चेतावनी है कि मानसिक स्वास्थ्य और आर्थिक समस्याओं को नज़रअंदाज़ करना कितना खतरनाक साबित हो सकता है।

शाहजहांपुर में यह घटना कब और कहाँ हुई?
यह घटना उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर जिले के रोजा थाना क्षेत्र की दुर्गा एंकलेव कॉलोनी में हुई।
तकों की पहचान किस रूप में हुई है?
इस घटना में जान गंवाने वाले लोग हैं – सचिन ग्रोवर (35 वर्ष) – हैंडलूम कारोबारी शिवांगी ग्रोवर (30 वर्ष) – पत्नी फतेह (4 वर्ष) – मासूम बेटा
पुलिस की शुरुआती जांच में क्या सामने आया है?
पुलिस का कहना है कि कारोबारी सचिन ग्रोवर लंबे समय से कर्ज और व्यापार में हो रहे नुकसान से परेशान था। इसी मानसिक दबाव ने पूरे परिवार को यह क़दम उठाने पर मजबूर किया।
मासूम बेटे की मौत कैसे हुई?
डॉक्टरों और पुलिस की जांच के अनुसार, बेटे को पहले चूहे मारने की दवा (पॉइजन) दी गई थी। इसके बाद माता-पिता ने आत्महत्या कर ली।
पति-पत्नी ने आत्महत्या किस तरह की?
पत्नी शिवांगी का शव बेडरूम में फांसी के फंदे पर मिला। पति सचिन ने ड्राइंग रूम में रस्सी के सहारे फांसी लगाई।
घटना कैसे सामने आई?
सचिन के भाई मोहित के बेटे का नामकरण समारोह था। जब सुबह 8 बजे तक सचिन नहीं दिखा, तो उसकी मां कमरे में पहुंची। दरवाज़ा खुला तो पूरा दर्दनाक दृश्य सामने आया।
परिवार और मोहल्ले का क्या हाल है?
घटना की खबर मिलते ही परिवार और मोहल्ले में मातम छा गया और चीख-पुकार मच गई। तीनों को अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया।
इस मामले की जांच में पुलिस क्या कर रही है?
शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा गया है। पुलिस ने बयान दर्ज करते हुए परिवार से पूछताछ शुरू की है। शुरुआती जांच में आर्थिक तंगी मुख्य कारण मानी जा रही है।
इस घटना से समाज को क्या सीख मिलती है?
यह त्रासदी दिखाती है कि आर्थिक दबाव और मानसिक तनाव इंसान को अंदर से पूरी तरह तोड़ सकता है। यह समाज के लिए चेतावनी है कि हमें परिवार के मानसिक स्वास्थ्य और आर्थिक समस्याओं की अनदेखी नहीं करनी चाहिए।
मदद कहां ली जा सकती है अगर कोई तनाव झेल रहा हो?
अगर आप या आपके आसपास कोई आर्थिक संकट या मानसिक तनाव से गुजर रहा है, तो तुरंत किसी भरोसेमंद परिजन, दोस्त से बात करें और नज़दीकी मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ या हेल्पलाइन नंबर से संपर्क करें। समय रहते बातचीत और मदद ही समाधान है।