United Nations : में सीमा पार से आतंकवाद रोकने का सवाल सुनते ही शहबाज शरीफ भाग खड़े हुए
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ संयुक्त राष्ट्र महासभा के 80वें सत्र में न्यूयॉर्क पहुंचे थे। जब भारतीय पत्रकार ने उनसे सीमा पार आतंकवाद रोकने का सवाल पूछा तो वे तुरंत असहज हो गए। एएनआई के रिपोर्टर की "भारत आपको हरा रहा है" टिप्पणी सुनकर शहबाज शरीफ बिना जवाब दिए वहां से भाग खड़े हुए। यह घटना संयुक्त राष्ट्र में चर्चा का विषय बन गई।
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ इन दिनों संयुक्त राष्ट्र महासभा के 80वें सत्र में भाग लेने के लिए न्यूयॉर्क पहुंचे हैं। वहां पर विश्व के कई प्रमुख नेताओं की मौजूदगी है और अलग-अलग देशों की समस्याओं पर चर्चा हो रही है। हर तरफ माहौल गंभीर है और मीडिया के सवाल नेताओं तक लगातार पहुंच रहे हैं। यही माहौल उस वक़्त और भी तेज हो गया जब एएनआई के पत्रकार ने शहबाज शरीफ से एक ऐसा सवाल पूछ दिया जिससे वे असहज हो उठे।
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सीमा पार आतंकवाद पर सीधा सवाल हुआ
जब शहबाज शरीफ संयुक्त राष्ट्र भवन में आगे बढ़ रहे थे, तभी एएनआई का संवाददाता उनके पास पहुंचा। उसने उनसे पूछा कि आखिर पाकिस्तान कब सीमा पार से आतंकवाद को रोकने की कोशिश करेगा? हर बार भारत की ओर से आतंकवाद पर सवाल उठता है और पाकिस्तान की ओर से या तो कोई जवाब नहीं मिलता या फिर बात को टाल दिया जाता है। यह प्रश्न पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के लिए नया नहीं था, लेकिन इस बार उनके सामने मीडिया मौजूद था और कैमरे ऑन थे।
शहबाज शरीफ का जवाब न देने का तरीका
शहबाज शरीफ ने जैसे ही पत्रकार का सवाल सुना, उनके चेहरे के हावभाव तुरंत बदल गए। उन्होंने जवाब देने की जगह सीधे आगे बढ़ना ही बेहतर समझा। वे वहां से बिना कुछ कहे, सिर झुकाए निकल गए। यही नहीं, उनके सुरक्षा गार्ड तुरंत उनके पास आ गए और उन्हें मीडिया के सवालों से दूर ले गए। कई दर्शकों ने देखा कि शहबाज शरीफ इस सवाल के जवाब में काफी असहज नजर आए और मीडिया से दूरी बनाने की कोशिश करते रहे।
भारत की तरफ से तंज भरा बयान
इस घटना के दौरान उस संवाददाता ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री से तंज भरे अंदाज में कहा कि “भारत आपको हरा रहा है।” यह बात सुनकर शहबाज शरीफ एक पल के लिए रुके, लेकिन फिर बिना जवाब दिए तेजी से वहां से चले गए। यह पहला मौका नहीं है जब किसी भारतीय पत्रकार ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री से इस तरह का सवाल किया हो, लेकिन इस बार पूरे संयुक्त राष्ट्र में यह वाकया चर्चा का विषय बन गया।
संयुक्त राष्ट्र महासभा में आतंकवाद की बढ़ती चर्चा
संयुक्त राष्ट्र महासभा हर साल अलग-अलग मुद्दों पर चर्चा करती है। आतंकवाद भी इसमें सबसे बड़े मुद्दों में से एक है। भारत हमेशा से यह मांग उठाता रहा है कि पाकिस्तान को सीमा पार आतंकवाद रोकना चाहिए। हर साल संयुक्त राष्ट्र में भारत के प्रतिनिधि आतंकवाद का मुद्दा उठाते हैं और पाकिस्तान की भूमिका पर सवाल खड़े करते हैं। इस बार भी भारत ने पाकिस्तान की गतिविधियों पर चिंता जताई है।
पाकिस्तान के रुख पर दुनिया का सवाल
जब भी पाकिस्तान का कोई नेता अंतरराष्ट्रीय मंच पर जाता है, तो उनसे आतंकवाद पर सवाल पूछा ही जाता है। यह सवाल लोगों के मन में बहुत समय से है कि पाकिस्तान अपनी जमीन से भारत के खिलाफ आतंकवादी गतिविधियों को क्यों नहीं रोकता। बार-बार भारत इस मुद्दे को उठाता है, मगर पाकिस्तान या तो जवाब देने से बचता है या फिर जिम्मेदारी दूसरों पर डालने की कोशिश करता है।
आतंकवाद से दोनों देशों को नुकसान
सीमा पार आतंकवाद का शिकार सिर्फ भारत ही नहीं होता, पाकिस्तान की जनता भी इसकी वजह से परेशान रहती है। आतंकवादी गतिविधियों के कारण दोनों देशों के बीच तनाव बना रहता है, जिससे सामान्य नागरिकों का जीवन प्रभावित होता है। शिक्षा, व्यापार, पर्यटन और सामाजिक संबंध टूटते हैं। ऐसे में यदि पाकिस्तान अपनी नीति बदलकर आतंकवाद को असली तौर पर रोकने की कोशिश करे तो दोनों देशों के लोगों को फायदा हो सकता है।
पीएम शहबाज शरीफ की राजनीतिक चुनौती
शहबाज शरीफ के लिए यह सवाल राजनीतिक रूप से भी मुश्किल भरा है। इंटरनेशनल मंचों पर उनसे जब कभी आतंकवाद के बारे में सवाल पूछा जाता है तो वे असहज दिखते हैं। घरेलू राजनीति में भी आतंकवाद का मुद्दा उनके लिए चुनौती है। पाकिस्तान की सरकार बार-बार आतंकवाद विरोधी नीतियों की बात करती है, लेकिन जमीनी तौर पर कोई ठोस कदम नजर नहीं आता।
भारत की कूटनीति और आतंकवाद पर सख्त रुख
भारत हमेशा अपनी कूटनीति में सीमा पार आतंकवाद का मुद्दा पूरी गंभीरता से उठाता है। भारतीय नेता अंतरराष्ट्रीय मंचों पर बार-बार यही मांग रखते हैं कि अब समय आ गया है जब पाकिस्तान को आतंकवाद पर स्पष्ट नीति बनानी चाहिए। भारत की सख्ती की वजह से पाकिस्तान बार-बार अंतरराष्ट्रीय मंचों पर घिर जाता है और जवाब देने से बचता है।
अंतरराष्ट्रीय समुदाय की भूमिका
संयुक्त राष्ट्र में आतंकवाद को लेकर कई देशों की एक जैसी राय बनती नजर आती है। अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस समेत कई बड़े देश चाहते हैं कि दक्षिण एशिया में शांति बनी रहे। वे पाकिस्तान से भी उम्मीद करते हैं कि वह अपनी जमीन पर पल रहे आतंकवादियों के खिलाफ कड़े कदम उठाए। ऐसी आशा है कि अगर पाकिस्तान अपनी नीति बदलेगा तो एशिया में शांति कायम हो सकती है।
एक सवाल जो बार-बार पूछा जाता है
इस पूरी घटना ने फिर से एक बार वही सवाल सबके सामने रख दिया है – आखिर कब तक पाकिस्तान सीमा पार आतंकवाद की जिम्मेदारी से भागता रहेगा? कब तक पाकिस्तान के नेता इससे बचते रहेंगे? संयुक्त राष्ट्र में शहबाज शरीफ का जवाब न देने का तरीका दिखाता है कि इस सवाल का असर न सिर्फ भारत-पाक रिश्तों पर है, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी गंभीरता से उठता है।
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