फूट-फूटकर रोईं राजद उम्मीदवार शिवानी शुक्ला, बोलीं मेरे पिता मुन्ना शुक्ला को टॉर्चर कर हत्या की साजिश रची जा रही है
भागलपुर जेल ट्रांसफर के बाद राजद उम्मीदवार शिवानी शुक्ला ने भावुक होकर कहा कि उनके पिता मुन्ना शुक्ला के साथ जेल में टॉर्चर किया जा रहा है। बोलीं मेरे पिता मुन्ना शुक्ला को टॉर्चर कर हत्या की साजिश रची जा रही है, यह सिर्फ एक ट्रांसफर नहीं बल्कि राजनीति से जुड़ा हुआ षड्यंत्र है।
फूट-फूटकर रो पड़ीं राजद उम्मीदवार शिवानी शुक्ला, बोलीं पिता की हत्या की साजिश रची जा रही है
जेल ट्रांसफर की खबर ने तोड़ दी हिम्मत
सुबह का वक्त था, घर में बस एक हल्की सी बेचैनी थी। तभी फोन आया। खबर थी कि मुन्ना शुक्ला को पटना बेऊर जेल से भागलपुर सेंट्रल जेल भेज दिया गया है। पलभर में सब कुछ बदल गया। शिवानी शुक्ला की आँखों से आँसू रुक ही नहीं रहे थे। वो बस एक बात दोहराती रहीं— “ये साजिश है... मेरे पापा के खिलाफ साजिश।” आवाज काँप रही थी, मगर शब्दों में गुस्सा था।
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पत्नी और बेटी दोनों फूटकर रो पड़ीं
बेऊर जेल से बाहर कुछ समर्थक खड़े थे। तभी अनु शुक्ला बाहर निकलीं। काँपती हुई आवाज़ में बोलीं, “ये सब जानबूझकर किया जा रहा है। हमें डर है, उन्हें नुकसान पहुँचाया जा सकता है।” फिर पीछे से शिवानी आईं— रोती हुई, टूटी हुई। उन्होंने कैमरे की तरफ देखा और बोलीं, “अगर कुछ हुआ तो सरकार जिम्मेदार होगी।” उनके इस बयान ने सबको सन्न कर दिया।
भागलपुर सेंट्रल जेल का नाम सुनते ही बढ़ा डर
भागलपुर की जेल। नाम सुनते ही घर वालों के चेहरे उतर गए। वजह साफ थी— वहां का माहौल सख्त है। कहा जाता है, उस जेल में हर दिन अलग कानून चलता है। अनु शुक्ला ने कहा, “बेऊर में सब कुछ ठीक था, फिर अचानक ये शिफ्ट क्यों?” सवाल सीधा था पर जवाब किसी के पास नहीं था।
शिवानी शुक्ला बोलीं, पापा को टॉर्चर किया जा रहा है
शिवानी ने मीडिया से कहा, “मेरे पिता को टॉर्चर किया जा रहा है।” उन्होंने आगे कहा, “वो अंदर से कमजोर नहीं हैं, पर सिस्टम उन्हें तोड़ना चाहता है।” उनके शब्दों में एक बेटी की चीख थी। किसी ने उनसे पूछा कि आप अब क्या करेंगी? उन्होंने झट से कहा, “मैं लड़ाई छोड़ने वाली नहीं हूँ।” आवाज धीमी मगर दृढ़ थी।
राजनीति में बढ़ा तनाव, महागठबंधन ने किया विरोध
राजद के नेता भी अब खुलकर सामने आ गए हैं। कहा गया कि ये राजनीतिक दुश्मनी का मामला है। राजद दफ्तर में मीटिंग हुई। किसी ने कहा – “यह परिवार पर हमला है।” किसी ने कहा – “वो बाहुबली हैं, लेकिन इंसान भी हैं।” सियासत का यह मोड़ अब भावनाओं से भरा दिख रहा है।
लालगंज में समर्थकों का जमावड़ा
जब खबर गांव पहुँची तो लालगंज की गलियों में लोगों की भीड़ लग गई। कुछ महिलाएँ रो रही थीं। दुकानों पर चर्चा सिर्फ एक थी – “मुन्ना शुक्ला को क्यों भेजा गया?” किसी ने कहा, “चुनाव करीब है, इसलिए सब राजनीतिक है।” भीड़ में भावनाएँ उमड़ पड़ीं। समर्थक नारे लगाते हुए सड़कों पर उतर आए, “मुन्ना भइया को न्याय दो!”
अनु शुक्ला बोलीं, अगर कुछ हुआ तो सरकार जवाब दे
शाम को अनु शुक्ला ने प्रेस से बात की। बोलीं, “हम डर में जी रहे हैं। अगर जेल में कुछ हुआ तो इसका जिम्मा सिर्फ सरकार का होगा।” उनके चेहरे पर आँसू अब सूख चुके थे, पर आंखों में गहरा डर बाकी था। उन्होंने बताया कि परिवार जल्द अदालत का दरवाज़ा खटखटाएगा। “हम चुप नहीं बैठेंगे,” उन्होंने कहा।
जेल प्रशासन ने दी सफाई, बताया ये सामान्य प्रक्रिया
जेल विभाग के अधिकारियों ने बयान जारी किया है। उन्होंने कहा कि ये जेल ट्रांसफर एक सामान्य प्रक्रिया है। सुरक्षा कारणों से शुक्ला को भागलपुर भेजा गया है। पर किसी को भरोसा नहीं हुआ। लोग कहने लगे, “सुरक्षा बहाना है, निशाना राजनीति।” बिहार में अफवाहें अब तेज़ी से फैलने लगी हैं।
बेटी शिवानी की अपील, पापा को बचा लीजिए
टीवी कैमरे के सामने शिवानी ने folded hands कर कहा, “पापा को मत तोड़िए। प्लीज।” यह कोई प्रेस बयान नहीं था, यह एक बेटी की प्रार्थना थी। उनके शब्द सीधे दिल में उतर गए। उन्होंने कहा कि अब वो जनता से मदद मांगेंगी, क्योंकि भरोसा अब सिर्फ जनता पर है।
बिहार की राजनीति में नई हलचल
ये मामला सिर्फ एक जेल ट्रांसफर का नहीं रह गया है। अब यह बिहार की राजनीति की नई हलचल बन गया है। शिवानी शुक्ला का रोना, किसी इमोशनल ड्रामा की तरह नहीं, बल्कि सत्ता के डर की सच्चाई जैसा लग रहा है। चुनाव से पहले यह घटनाक्रम सब कुछ बदल सकता है।
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