यूपी के मऊ जनपद की शिवानी वर्मा ने संघ लोक सेवा आयोग भारतीय सांख्यिकी सेवा (ISS) परीक्षा में देश भर में 12वीं रैंक हासिल कर पूरे जनपद समेंय प्रदेश का नाम रोशन किया है. प्यारेपुरा निवासी शिवानी वर्मा जितेंद्र वर्मा की पुत्री हैं. उनके पिता मऊ शहर में सुनार की दुकान चलाते हैं परीक्षा में सफलता के बाद मऊ स्थित अपने घर पहुंचने पर शिवानी वर्मा का फूल महिलाओं से स्वागत किया गया.
साधारण घराने से आई, पर सपने बड़े थे
शिवानी का घर मऊ के छोटे से इलाके में है, जहां हर कोई दिन-रात मेहनत कर अपने परिवार का पेट पालता है। परिवार की आर्थिक स्थिति बहुत अच्छी न भी थी, पर उसके माता-पिता का समर्थन पूरे दिल से था। वह बचपन से ही सरकारी नौकरी का सपना देखती थी। उसको पता था कि उसकी मंजिल कुछ बड़ा है। तभी तो उसने ठाना कि कंप्यूटर से लेकर किताबों तक, हर कदम पर मेहनत करेगी। उनके इस सफर ने दिखाया कि सपने देखने वाले कभी हार नहीं मानते।
कठिनाइयों का सामना और सफलता की ओर बढ़ना
शिवानी की मेहनत में कोई कमी नहीं थी। हर रोज कॉलेज, लाइब्रेरी और घर की पढ़ाई। कभी-कभी लगे कि अब बहुत हो गया। लेकिन उसने हार नहीं मानी। बल्कि, और ताकत से आगे बढ़ी। कई बार exam की tough questions से डरी तो पर अपने गुरुजनों से प्रेरणा ली। घरवालों का भी भरोसा था कि मेहनत का फल जरूर मिलेगा। और आखिरकार, उसका सपना पूरा हो गया। वह टॉप 12 में आ गई।
उसकी तैयारी और उसकी दिनचर्या
शिवानी ने अपने प्रॉपर टाइम टेबल बनाई। सुबह जल्दी उठना, ध्यान करना, पूरे मन से पढ़ना। डांस, टीवी और घर की छोटी-छोटी खुशियों को भी वह जिंदगी का हिस्सा मानती थी। उसका कहना है कि पढ़ाई के साथ-साथ खुद का ध्यान रखना बहुत जरूरी है। वह हर दिन छोटे-छोटे लक्षणों को भी समझती और अपनी ताकत बढ़ाती रही। इस तरीके से उसने अपने आप में एक अनुशासित जज्बा कायम किया।
परिवार और दोस्तों का साथ जो मिला, उससे मिली ताकत
मामा-बुआ, चाचा-चाची, सबने मिलकर उस लड़क की मेहनत को सलाम किया। घर में खुशियों का माहौल था। बच्चे सपनों में खो गए, कि अब तो मेरी बहन का नाम आला है। उसके घर वाले उसका हौसला बढ़ाते। उसके शिक्षक भी कहते, "देखो यह लड़की, कबूल करना आसान नहीं।" उसकी सफलता ने पूरे मोहल्ले में झंडा गड़ा। उसने साबित कर दिया कि परिवार का समर्थन है तो हर मुश्किल आसान हो जाती है।
शहर का मान आज मऊ फक्र महसूस कर रहा है
मऊ शहर आज गर्व से भर गया है। हर कोई इसकी तारीफ कर रहा है। अखबारों में खबरें छप रहीं हैं। लोगों ने कहा, "शिवानी जैसी बेटी पर हमको नाज है।" उसके नाम का डंका पूरे क्षेत्र में गूंज रहा है। उस लड़की ने साबित कर दिखाया कि मेहनत और संकल्प से हर सपना सच हो सकता है। लोगों में अब नई उम्मीद जगी है कि बेटियों में भी अब बड़े सपने देखने का हौसला है।
उसे देखने वाले उससे सीख लेंगे
शिवानी का कहना है कि आप चाहें तो कुछ भी कर सकते हैं। बस मेहनत करो, लगातार कोशिश करो। कोई फिक्स रेस नहीं है। बस अपने ऊपर भरोसा रखो और अपने लक्ष्य पर टिके रहो। उसने ये भी कहा कि असफलता को मत मानो, वह तो सिर्फ एक सबक है। कोई भी बड़ा बदलाव, आसान नहीं होता। उस लड़क की कहानी बहुत कुछ सीखाती है। ना डरें, ना थके, बस आगे बढ़ते जाएं।
युवा पीढ़ी के लिए संदेश
शिवानी ने दिखाया कि यदि मन लगाकर मेहनत की जाए, तो सफलता जरूर मिलती है। खासकर युवा समीकरण में, यह जरूरी है कि अपनी मंजिल का फैसला करें और पूरी मेहनत से उस पर टिके रहें। देश के हर युवा को उसकी कहानी से प्रेरणा लेनी चाहिए। अपने देश को आगे बढ़ाने के लिए, नई दिशा देकर, अपने कदमों से ही रास्ता बनाना है। शिवानी की कहानी पूरी दुनिया के लिए एक मिसाल बन गई है।
शिवानी की सफलता सिर्फ एक जीत नहीं है। यह संदेश है कि कोई भी असंभव नहीं है। बस, मेहनत अपने मुकाम को पाने का रास्ता दिखाती है। मऊ की इस बेटी ने साबित कर दिया कि सही जुनून और मेहनत से हर सपना पूरा हो सकता है। अब लोग कह रहे हैं कि जब हार नहीं माननी, तो जीत जरूर मिलेगी। चलिए, अब तो हर दिन यही सोच के जिएं कि अगर ठान लिया तो दुनिया की कोई भी मंजिल दूर नहीं।
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शिवानी की सफलता का मुख्य कारण क्या?
Gaurav Jha
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