श्रीलंका के पहाड़ी क्षेत्र में एक भीषण हादसा सामने आया, जहां केबल से संचालित एक रेलगाड़ी अचानक पलट गई। इस दुखद दुर्घटना में कुल 7 लोगों की जान चली गई है, जिनमें 1 भारतीय नागरिक और 6 बौद्ध भिक्षु शामिल हैं। हादसा सुबह के समय हुआ, जब रेलगाड़ी अपने नियमित रास्ते पर जा रही थी। हादसे की दर्दनाक तस्वीरों और वीडियो ने हर किसी को झकझोर दिया है।
घटना के समय क्या हुआ हादसे का पूरा ब्योरा
जानकारी के मुताबिक केबल संचालित यह खास रेलगाड़ी श्रीलंका के एक प्रसिद्ध धार्मिक स्थल की ओर जा रही थी। ट्रेन में बौद्ध भिक्षु एक विशेष धार्मिक समारोह के लिए सफर कर रहे थे। यात्रा के दौरान अचानक रेलगाड़ी के ब्रेक फेल हो गए, जिससे ट्रेन का संतुलन बिगड़ा और वो पटरी से उतरकर पलट गई। इस डरावने हादसे के साथ वहां मौजूद यात्रियों में चीख-पुकार मच गई।
बौद्ध भिक्षुओं के लिए श्रीलंका की खास रेल यात्रा
श्रीलंका में बौद्ध भिक्षुओं के लिए यह रेलगाड़ी बहुत खास मानी जाती है, क्योंकि ये धार्मिक स्थलों तक आसान पहुंच देती है। इन रेलगाड़ियों में आमतौर पर केबल तकनीक का इस्तेमाल किया जाता है, जिससे कठिन पहाड़ी रास्तों में यात्रा आसान हो जाती है। हादसे वाले दिन भी इसमें सवार अधिकतर लोग बौद्ध मठों से जुड़े थे और एक विशेष कार्यक्रम में शामिल होने जा रहे थे।
Sri Lanka train accident
हादसे में एक भारतीय नागरिक की भी मौत
बौद्ध भिक्षुओं के साथ इस हादसे में एक भारतीय यात्री की भी जान गई है। श्रीलंका पुलिस और स्थानीय प्रशासन ने भारतीय दूतावास को हादसे की पुष्टि कर दी है। फिलहाल मृतक भारतीय की पहचान और संबंधित परिवार को सूचित किया जा चुका है। इस दुखद हादसे की सूचना मिलते ही भारत सरकार ने पूरी मदद का भरोसा दिलाया है।
घायल यात्रियों की स्थिति और राहत कार्य
हादसे में छह अन्य लोग भी गंभीर रूप से घायल हुए हैं। स्थानीय प्रशासन, पुलिस और बचाव दल ने मोर्चा संभालते हुए घायलों को फौरन नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया। डॉक्टरों के मुताबिक ज्यादातर घायलों की हालत स्थिर है, लेकिन चार की हालत अब भी गंभीर बनी हुई है। प्रशासन ने रस्सी और अन्य जरूरी उपकरणों की मदद से जल्द राहत व बचाव का काम पूरा किया।
दुर्घटना क्यों हुई प्रशासन की शुरुआती जांच
हादसे की जांच में शुरुआती संकेत मिला है कि केबल में अचानक तकनीकी खराबी आ गई थी। विशेषज्ञों का मानना है कि रेलगाड़ी की नियमित जांच और रखरखाव में कुछ कमी रह गई थी, इसी कारण अचानक ब्रेकिंग सिस्टम पूरी तरह फेल हो गया। सरकार की तरफ से हादसे की विस्तृत जांच का आदेश दिया गया है और रेलगाड़ी संचालन से जुड़े सभी कर्मचारियों से पूछताछ की जा रही है।
श्रीलंका में धार्मिक यात्राओं पर सवाल
इस घटना के बाद श्रीलंका सहित पड़ोसी देशों में धार्मिक यात्राओं की सुरक्षा पर सवाल उठने लगे हैं। श्रीलंका में बौद्ध धार्मिक स्थल बहुत भावनात्मक रूप से जुड़े हुए हैं, जहां हजारों भिक्षु और श्रद्धालु हर साल पहुंचते हैं। केबल रेलगाड़ियों की सुरक्षित यात्रा एक अहम मुद्दा बन गई है। हादसे के बाद श्रीलंका सरकार ने वादा किया है कि सभी रेल मार्गों और ट्रेनों की नियमित जांच अब ज़रूरी तौर पर की जाएगी।
परिजनों के दुख और स्थानीय लोगों की प्रतिक्रिया
जब मृतकों के नामों की पहचान हुई तो उनके परिजनों में मातम छा गया। स्थानीय लोग भी अस्पताल और घटना स्थल पहुंचे और प्रशासन की सहायता की। कई प्रत्यक्षदर्शियों ने मीडिया को बताया कि हादसे का मंजर बहुत ही दर्दनाक था। मौके पर भावुक दृश्य देखे गए, जिससे पूरे इलाके में दुख की लहर फैल गई।
अंतिम विदाई और श्रद्धांजलि समारोह
हादसे में मारे गए सभी बौद्ध भिक्षुओं और भारतीय नागरिक को अंतिम विदाई देने के लिए श्रीलंका के विभिन्न धार्मिक स्थलों पर विशेष प्रार्थना सभाओं का आयोजन किया गया। स्थानीय प्रशासन, धार्मिक संस्थाओं और आम लोगों ने सभी मृतकों को श्रद्धांजलि दी। सोशल मीडिया पर भी भारत और श्रीलंका के लोगों ने दुख प्रकट किया।
श्रीलंका में यात्राओं की सुरक्षा को लेकर आगे की तैयारी
इस दर्दनाक हादसे ने श्रीलंका में केबल संचालित रेलगाड़ियों की सुरक्षा पर करीबी नजर रखने की ज़रूरत को उजागर कर दिया है। श्रीलंका की सरकार अब भविष्य में इस तरह की दुर्घटनाओं से बचने के लिए नई तकनीक और नियम लाने की बात कर रही है। अब तक के इतिहास में यह हादसा सबसे बड़ा रेल हादसा माना जा रहा है, जिसमें एक साथ इतने लोगों की मौत हुई हो।
हादसे से मिले सबक
इस दुखद हादसे ने ना सिर्फ श्रीलंका बल्कि पूरे क्षेत्र को चेतावनी दी है कि किसी भी यात्रा में सुरक्षा सबसे अधिक जरूरी है। बौद्ध भिक्षुओं की असमय मृत्यु से हर कोई दुखी है, साथ ही सरकार और प्रशासन को अपनी व्यवस्था और सुरक्षा उपायों को दुरुस्त करने का मौका भी मिला है। हमें उम्मीद है कि ऐसे हादसे भविष्य में न दोहराए जाएं, यही सच्ची श्रद्धांजलि होगी।