भारत के पहले दौरे पर सिंगापुर के प्रधानमंत्री लॉरेंस वोंग,पांच अहम समझौतों पर होंगे हस्ताक्षर

सिंगापुर के प्रधानमंत्री लॉरेंस वोंग पहली बार भारत दौरे पर, जहां वे पीएम मोदी संग पांच अहम समझौतों पर हस्ताक्षर करेंगे। यह यात्रा भारत-सिंगापुर संबंधों और आर्थिक सहयोग को नई दिशा देगी।

भारत के पहले दौरे पर सिंगापुर के प्रधानमंत्री लॉरेंस वोंग,पांच अहम समझौतों पर होंगे हस्ताक्षर

भारत और सिंगापुर के बीच लंबे समय से चले आ रहे मजबूत संबंध अब और गहरे होने वाले हैं। सिंगापुर के प्रधानमंत्री लॉरेंस वोंग 2 से 4 सितंबर तक भारत के आधिकारिक दौरे पर रहेंगे। प्रधानमंत्री बनने के बाद यह उनका भारत का पहला दौरा है, जिसमें कई महत्वपूर्ण समझौतों पर हस्ताक्षर होंगे। यह यात्रा दोनों देशों के बीच आर्थिक सहयोग, व्यापारिक साझेदारी और रणनीतिक संबंधों को नई ऊँचाइयों पर ले जाने के लिहाज़ से बेहद अहम मानी जा रही है।

 

भारत-सिंगापुर के बीच पांच बड़े समझौते

सूत्रों के अनुसार, इस दौरे के दौरान शिपिंग, नागरिक उड्डयन, अंतरिक्ष और निवेश से जुड़े क्षेत्रों में पाँच अहम समझौतों पर हस्ताक्षर होंगे। इन समझौतों के बाद न केवल दोनों देशों के बीच व्यापार आसान होगा, बल्कि नई तकनीक और बुनियादी ढांचे के विकास को भी बढ़ावा मिलेगा।

 

महाराष्ट्र कंटेनर टर्मिनल का वर्चुअल उद्घाटन

इस दौरे का एक प्रमुख आकर्षण महाराष्ट्र में कंटेनर टर्मिनल का उद्घाटन होगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और लॉरेंस वोंग संयुक्त रूप से इसका वर्चुअल उद्घाटन करेंगे।पोर्ट ऑफ सिंगापुर अथॉरिटी (PSA इंटरनेशनल) ने इस परियोजना में 1 अरब डॉलर से अधिक का निवेश किया है।यह भारत के बंदरगाह क्षेत्र को मजबूत करेगा और व्यावसायिक गतिविधियों को और तेज़ी देगा।

 

भारत में सिंगापुर का निवेश – एक मजबूत स्तंभ

भारत में विदेशी निवेश के प्रमुख स्रोतों में सिंगापुर सबसे ऊपर है।
2014 से अब तक सिंगापुर का निवेश 175 अरब डॉलर तक पहुँच चुका है।
कोविड-19 के बाद की अवधि में अकेले 60 अरब डॉलर का निवेश हुआ।
ये आँकड़े दिखाते हैं कि भारत की अर्थव्यवस्था में सिंगापुर की भूमिका कितनी अहम है।

 

राजनयिक संबंधों की 60वीं वर्षगांठ

इस वर्ष भारत और सिंगापुर अपने राजनयिक संबंधों की 60वीं वर्षगांठ मना रहे हैं। विदेश मंत्रालय ने कहा है कि यह दौरा दोनों देशों की व्यापक रणनीतिक साझेदारी (Comprehensive Strategic Partnership) को और मजबूत करने का प्रतीक है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और लॉरेंस वोंग क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर भी चर्चा करेंगे। इसमें दक्षिण एशिया की सुरक्षा, इंडो-पैसिफिक रणनीति और जलवायु परिवर्तन जैसे अहम मुद्दे शामिल हो सकते हैं।

 

भारत की "एक्ट ईस्ट पॉलिसी" में अहम है सिंगापुर

भारत की ‘एक्ट ईस्ट पॉलिसी’ में सिंगापुर की भूमिका बेहद महत्वपूर्ण है।
सिंगापुर को एशिया में भारत का सबसे भरोसेमंद रणनीतिक साझेदार माना जाता है।
यह देश भारत के लिए आसियान (ASEAN) देशों तक पहुँचने का बड़ा द्वार है।
दोनों देशों के बीच न केवल व्यापार बल्कि शिक्षा, तकनीक, रक्षा और संस्कृति के क्षेत्रों में भी गहरा सहयोग है।

 

भारतीय नेतृत्व से मुलाकात का कार्यक्रम

प्रधानमंत्री लॉरेंस वोंग अपनी पत्नी और एक उच्च-स्तरीय प्रतिनिधिमंडल के साथ भारत आ रहे हैं।
वे राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से शिष्टाचार भेंट करेंगे।
वे विदेश मंत्री एस. जयशंकर और अन्य केंद्रीय मंत्रियों से भी मुलाकात करेंगे।
इसके अलावा, वे भारत और सिंगापुर के उद्योगपतियों तथा व्यापारिक नेताओं से भी संवाद कर सकते हैं।

सिंगापुर के प्रधानमंत्री लॉरेंस वोंग का भारत दौरा कब है?
लॉरेंस वोंग 2 से 4 सितंबर 2025 तक भारत के आधिकारिक दौरे पर रहेंगे।
यह दौरा क्यों महत्वपूर्ण है?
यह दौरा दोनों देशों के बीच आर्थिक सहयोग, व्यापारिक साझेदारी और रणनीतिक संबंधों को नई ऊँचाइयों पर ले जाने के लिए अहम माना जा रहा है।
इस दौरे के दौरान कौन-कौन से समझौते होंगे?
शिपिंग, नागरिक उड्डयन, अंतरिक्ष और निवेश से जुड़े क्षेत्रों में पांच प्रमुख समझौतों पर हस्ताक्षर किए जाएंगे।
महाराष्ट्र कंटेनर टर्मिनल उद्घाटन में क्या खास है?
पीएम मोदी और लॉरेंस वोंग संयुक्त रूप से इसका वर्चुअल उद्घाटन करेंगे। PSA इंटरनेशनल ने इस परियोजना में 1 अरब डॉलर से अधिक का निवेश किया है।
सिंगापुर का भारत में निवेश कितना है?
2014 से अब तक सिंगापुर का भारत में कुल निवेश 175 अरब डॉलर है, जिसमें कोविड-19 के बाद की अवधि में 60 अरब डॉलर शामिल हैं।
भारत-सिंगापुर संबंधों की वर्षगांठ क्या है?
इस वर्ष दोनों देशों के राजनयिक संबंधों की 60वीं वर्षगांठ है, और दौरा दोनों देशों की व्यापक रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करने का प्रतीक है।
भारत की “एक्ट ईस्ट पॉलिसी” में सिंगापुर की भूमिका क्या है?
सिंगापुर भारत का सबसे भरोसेमंद रणनीतिक साझेदार है और एशिया में भारत का सबसे बड़ा द्वार है। यह व्यापार, शिक्षा, तकनीक, रक्षा और संस्कृति में सहयोग बढ़ाने में मदद करता है।
प्रधानमंत्री लॉरेंस वोंग भारत में किस-किस से मिलेंगे?
वे राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, विदेश मंत्री एस. जयशंकर और अन्य केंद्रीय मंत्रियों से मुलाकात करेंगे। साथ ही भारत और सिंगापुर के उद्योगपतियों और व्यापारिक नेताओं से भी संवाद करेंगे।