श्रीनि गोपालन अब अमेरिकी टेलीकॉम कंपनी T-Mobile में सबसे ऊंचे पद पर पहुंच गए हैं। यह कहानी एक सामान्य परिवार के लड़के के सपनों, मेहनत और जिद की है। दिल्ली जैसे बड़े शहर की भीड़ में स्कूल की पढ़ाई से शुरू हुई यह यात्रा अब अमेरिका के सबसे बड़ा मोबाइल ऑपरेटर चलाने की जिम्मेदारी तक जा पहुंची है। जानते हैं श्रीनि गोपालन के सफर की पूरी दास्तान।
शुरुआती जीवन दिल्ली की सड़कों से मिली सीख
श्रीनि गोपालन का जन्म और परवरिश भारत की राजधानी दिल्ली में हुई। छोटे-छोटे मोहल्लों और स्कूलों में पढ़ाई करते हुए उन्होंने कठिनाइयों को नजदीक से जाना। घर के माहौल में पढ़ाई का बहुत महत्व था, इसलिए श्रीनि ने भी अपना पूरा ध्यान पढ़ाई पर लगाया। आम बच्चों की तरह उन्होंने भी दिल्ली के सरकारी स्कूल में शिक्षा पाई। वे पढ़ाई के साथ-साथ अपने दोस्तों के बीच बहुत लोकप्रिय थे और खेलकूद में भी खूब भाग लेते थे।
कड़ी मेहनत ने दिलवाया IIM अहमदाबाद में दाखिला
स्कूल के बाद श्रीनि का सपना था कि वे देश के सबसे अच्छे बिजनेस स्कूल में पहुंचे। उन्होंने खूब मेहनत की और इम्तिहानों में अच्छे अंक लाने के बाद उन्हें IIM अहमदाबाद में चुनाव मिल गया। IIM में पढ़ाई के दौरान श्रीनि के हुनर और मेहनत को सभी ने सराहा। वहां से उन्होंने न सिर्फ बिजनेस की गहरी जानकारी हासिल की, बल्कि टीम वर्क और नेतृत्व की अहमियत भी सीखी।
विदेश में करियर सपनों को दिया उड़ान
IIM अहमदाबाद से पढ़ाई पूरी करने के बाद श्रीनि गोपालन ने कुछ साल भारतीय कंपनियों में काम किया। धीरे-धीरे उन्होंने विदेश में भी अपने लिए मौके तलाशे और अपने दम से विदेश की बड़ी कंपनियों में जगह बना ली। उनकी कड़ी मेहनत और शानदार प्रदर्शन के कारण उन्हें पहचान मिलने लगी। वे जिस भी कंपनी में गए, वहां अपने काम से सबका दिल जीतते चले गए।
टेक्नोलॉजी और टेलीकॉम सेक्टर में ग्रोथ की शानदार कहानी
श्रीनि ने खासतौर पर टेलीकॉम और टेक्नोलॉजी क्षेत्र में बहुत नाम कमाया। उन्होंने कई देशों में टेलीकॉम कंपनियों के बड़े-बड़े प्रोजेक्ट्स संभाले और अपने लीडरशिप कौशल का कमाल दिखाया। उनकी मेहनत और सोच ने कंपनियों को नए मुकाम तक पहुंचाया। यही वजह रही कि वे बहुत जल्दी उच्च पदों तक पहुंचे और अंतरराष्ट्रीय कंपनियों में उनका नाम बनने लगा।
T-Mobile में नई जिम्मेदारी और बड़ी उम्मीदें
अब श्रीनि गोपालन को अमेरिका की प्रमुख मोबाइल कंपनी T-Mobile ने अपना नया CEO नियुक्त किया है। वे 1 नवंबर से माइक सीवर्ट की जगह यह जिम्मेदारी संभालेंगे। इस पद तक पहुंचना किसी भी भारतीय के लिए गर्व की बात है। श्रीनि के आने से कंपनी को नई सोच और ऊर्जा मिलेगी। उनसे उम्मीद है कि वे कंपनी को और ऊंचाइयों तक ले जाएंगे।
कहानी से सबक सपने देखने और उन्हें पूरे करने का जज्बा जरूरी
श्रीनि गोपालन की कहानी हमें यह सिखाती है कि मुश्किलें चाहे जितनी भी हों, अगर इरादे मजबूत हैं तो रास्ता खुद बनता जाता है। दिल्ली की गलियों से निकलकर अमेरिका की सबसे बड़ी मोबाइल कंपनी के CEO बनने का सफर आसान नहीं था लेकिन श्रीनि ने कभी हार नहीं मानी। उनकी मेहनत, जिद और पढ़ाई के प्रति लगन हर बच्चे के लिए मिसाल है।
परिवार का साथ और संस्कार निभाए अहम रोल
श्रीनि के जीवन में उनके परिवार की भूमिका बहुत खास रही। मां-पिता ने हमेशा उनका हौसला बढ़ाया और सही दिशा में गाइड किया। श्रीनि खुद मानते हैं कि जो संस्कार उन्हें घर से मिले, वही उन्हें आज इतने बड़े मुकाम तक लेकर आए हैं।
आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा हैं श्रीनि गोपालन
आज श्रीनि गोपालन हजारों युवाओं के लिए प्रेरणा हैं। उनकी कहानी से हमें यह सीखना चाहिए कि बड़े सपने देखने चाहिए और उन्हें पूरा करने के लिए मेहनत से कभी पीछे नहीं हटना चाहिए। उनकी तरह अगर पढ़ाई, मेहनत और ईमानदारी को जीवन का हिस्सा बना लिया जाए तो सफलता जरूर मिलती है।
T-Mobile और भारतीय युवा नए रास्ते खुलेंगे
श्रीनि के T-Mobile के CEO बनने से भारतीय युवाओं के लिए भी एक नया रास्ता खुला है। अब भारत के छोटे शहरों और मोहल्लों के बच्चे भी बड़े सपने देख सकते हैं और उन्हें पूरा करने का हौसला ले सकते हैं। श्रीनि की तरह यदि लगन और मेहनत हो तो कोई भी मंजिल दूर नहीं है।
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