Swami Ramdev : बोले पीएम मोदी में विनम्रता और वीरता दोनों है और सच्चे शासक की यही असली पहचान

योग गुरु स्वामी रामदेव ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रशंसा करते हुए कहा कि एक सच्चे शासक में विनम्रता और वीरता दोनों होना आवश्यक है। उन्होंने जोर देकर बताया कि पीएम मोदी में ये गुण स्पष्ट रूप से नजर आते हैं। सत्ता के उच्च पद पर पहुंचने के बावजूद मोदी ने सादगी और सरलता नहीं छोड़ी है। रामदेव का मानना है कि उनकी यह विशेषताएं उन्हें बाकी नेताओं से अलग पहचान देती हैं और जनता के करीब लाती हैं।

Swami Ramdev : बोले पीएम मोदी में विनम्रता और वीरता दोनों है और  सच्चे शासक की यही असली पहचान

योग गुरु स्वामी रामदेव ने देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ करते हुए कहा कि एक सच्चे शासक में विनय और वीरता दोनों होनी चाहिए। उनका मानना है कि यह दोनों गुण किसी भी नेता को जनमानस का प्रिय बनाते हैं। रामदेव ने साफ कहा कि पीएम मोदी के भीतर यह दोनों खूबियाँ स्वाभाविक रूप से दिखाई देती हैं। वह चाहे नेताओं से मुलाकात करें या आम जनता से बात, हर समय उनकी नम्रता और सरलता सामने आती है। यही बात उन्हें औरों से अलग बनाती है।

स्वामी रामदेव ने कहा कि पीएम मोदी सत्ता के शिखर पर पहुंचने के बावजूद भी अपने आचरण में सादगी और संस्कार बनाए रखते हैं। यही कारण है कि लोगों में उनके प्रति विश्वास और सम्मान की भावना लगातार बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री का जीवन इस बात का प्रतीक है कि विनम्रता कभी भी बड़े पद के आड़े नहीं आती, बल्कि इसे और भी महान बना देती है।

रामदेव ने यह भी कहा कि आलोचकों की नजर में शायद पीएम मोदी के ये गुण नहीं दिखते, लेकिन जनता समझती है कि एक सच्चा नेता वही है जो अपनी जड़ों से जुड़ा रहता है। उन्होंने माना कि आज के समय में जब राजनीति में आरोप-प्रत्यारोप और कटुता बढ़ रही है, ऐसे में मोदी अपनी भाषा और बर्ताव दोनों से यह दिखाते हैं कि विनय और वीरता साथ-साथ चल सकते हैं।

 

मोदी की वीरता और कठिन फैसले लेने का साहस

स्वामी रामदेव ने केवल मोदी की सादगी की ही नहीं, बल्कि उनकी वीरता की भी प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि भारत जैसे विशाल और विविधताओं वाले देश को संभालने के लिए केवल नीतियों की नहीं, बल्कि साहसिक फैसले लेने की भी क्षमता चाहिए। मोदी में यह वीरता हमेशा से रही है। चाहे वह सुरक्षा से जुड़े मुद्दे हों या फिर देश की आर्थिक नीतियां, प्रधानमंत्री ने बड़े फैसले लेने से कभी पीछे कदम नहीं खींचे।

रामदेव ने आगे कहा कि सच्चा शासक वही है जो कठिन परिस्थितियों में भी देश की जनता के हित को सबसे आगे रखे। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि जब कई बार देश पर संकट आया, तब मोदी ने दृढ़ निश्चय के साथ फैसले लिए। यह केवल वीरता का ही नहीं, बल्कि दूरदृष्टि का भी उदाहरण है। योग गुरु का मानना है कि जनकल्याण के लिए साहसिक कदम उठाना ही असली नेतृत्व की पहचान है।

उन्होंने यह भी कहा कि वीरता केवल युद्ध तक सीमित नहीं है। आज के दौर में आर्थिक सुधार करना, आत्मनिर्भरता बढ़ाना और समाज को जोड़ना भी वीरता का ही हिस्सा है। मोदी जब "आत्मनिर्भर भारत" की बात करते हैं, तब यह केवल नारा नहीं होता बल्कि एक नेतृत्व का साहसिक संकल्प भी माना जाता है।

 

स्वदेशी अपनाने का संदेश और मोदी का समर्थन

स्वामी रामदेव ने पीएम मोदी के उस अभियान की सराहना की जिसमें उन्होंने देश को स्वदेशी अपनाने की दिशा में आगे बढ़ाने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि स्वदेशी केवल आर्थिक नीति नहीं बल्कि एक सांस्कृतिक आंदोलन भी है। हमारे पूर्वजों ने हमेशा स्वदेशी को सम्मान दिया और इसे आत्मनिर्भरता की राह माना। रामदेव का मानना है कि मोदी ने इस परंपरा को नए युग में आगे बढ़ाया है।

उन्होंने कहा कि जब भी हम विदेशी वस्तुओं की जगह देश में बनी वस्तुओं का उपयोग करते हैं, तो यह न केवल हमारी अर्थव्यवस्था को मजबूत करता है बल्कि हमारे कारीगरों और छोटे उद्योगों को भी सहारा देता है। स्वामी रामदेव का मानना है कि मोदी का यह कदम देश की जड़ों को मजबूत करने की दिशा में ऐतिहासिक योगदान है।

योग गुरु ने लोगों से भी अपील की कि वे स्वदेशी अपनाएं और भारतीय उत्पादों का समर्थन करें। उनका कहना है कि जब हम अपनी जिम्मेदारी को समझकर अपने देश की चीजों का इस्तेमाल करेंगे तो इससे रोजगार बढ़ेगा और भारत विश्व में और मजबूत स्थान हासिल करेगा।

 

विरोधी क्यों नहीं देख पाते मोदी के गुण

रामदेव ने अपने बयान में यह भी कहा कि विरोधी दल और कई नेता पीएम मोदी के भीतर की विनम्रता और सादगी को देखना नहीं चाहते। किसी भी राजनीतिक विवाद में वह व्यक्ति के गुण पर ध्यान नहीं देते, बल्कि केवल आरोप-प्रत्यारोप में लगे रहते हैं। इसी वजह से वे जनता की नज़र में पीछे रह जाते हैं। स्वामी रामदेव ने कहा कि आलोचना लोकतंत्र का हिस्सा है, लेकिन जब इसमें केवल नकारात्मक बातें ही हों, तो यह स्वस्थ राजनीति नहीं रह जाती।

उन्होंने कहा कि मोदी की लोकप्रियता इसी कारण है कि वे हर समय जनता और राष्ट्रहित को सबसे ऊपर रखते हैं। जब कोई नेता राष्ट्र के बारे में सोचकर काम करता है, तब उसकी आलोचना भी धीरे-धीरे कमजोर हो जाती है। जनता जानती है कि मोदी के भीतर वह विनय और वीरता है जो उन्हें एक खास शासक बनाती है।

रामदेव ने दोहराया कि इतिहास गवाह है कि जिन शासकों ने विनम्रता और वीरता दोनों को अपनाया, वे ही लंबे समय तक जनता के हृदय पर राज कर सके। उनका मानना है कि मोदी इस परंपरा को आगे बढ़ाने वाले नेता हैं।

 

देश के भविष्य को लेकर रामदेव की उम्मीदें

योग गुरु स्वामी रामदेव ने अंत में कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने कार्यकाल में जिस प्रकार विनय, वीरता और स्वदेशी को जोड़ा है, वह आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा बनेगा। उन्होंने कहा कि आज का युवा वर्ग भले ही नई तकनीक और नए विचारों की ओर भाग रहा है, लेकिन वह समझता है कि राष्ट्रीय गौरव और आत्मनिर्भरता भी उतनी ही जरूरत है।

रामदेव ने उम्मीद जताई कि आने वाले वर्षों में मोदी के प्रयास से भारत केवल आर्थिक रूप से ही नहीं, बल्कि सांस्कृतिक और सामाजिक रूप से भी आत्मनिर्भर बनेगा। उन्होंने कहा कि जब देशवासी खुद को अपनी जड़ों से जोड़ेंगे, तो कोई ताकत भारत को मजबूत होने से नहीं रोक सकती।

अपने संबोधन में उन्होंने सरल शब्दों में यह संदेश दिया कि शासक का असली गुण यही है कि वह लोगों से जुड़ा रहे, विनय बनाए रखे और राष्ट्रहित में साहसिक फैसले लेने से पीछे न हटे। स्वामी रामदेव का यही कहना है कि आज मोदी इस राह पर चलकर देश को नई दिशा दे रहे हैं और यही उनके नेतृत्व की असली पहचान है।

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