Tata AIG ने मैक्स हॉस्पिटल्स में कैशलेस क्लेम सुविधा निलंबित की, बढ़ा बीमा कंपनियों और अस्पतालों के बीच विवाद
भारत के स्वास्थ्य बीमा क्षेत्र में एक बड़ा विवाद सामने आया है। टाटा एआईजी इंश्योरेंस ने 10 सितंबर 2025 से मैक्स हेल्थकेयर में कैशलेस क्लेम सेटलमेंट सुविधा को निलंबित कर दिया है। इससे पहले स्टार हेल्थ और निवा बूपा भी देशभर के 22 मैक्स हॉस्पिटल्स में यह सुविधा बंद कर चुके हैं। वहीं, केयर हेल्थ इंश्योरेंस ने केवल दिल्ली-एनसीआर स्थित मैक्स हॉस्पिटल्स में कैशलेस क्लेम रोकने का निर्णय लिया है।
मैक्स हेल्थकेयर के प्रवक्ता ने बताया कि 16 जनवरी 2025 से 15 जनवरी 2027 तक टाटा एआईजी और मैक्स के बीच दो साल की टैरिफ एग्रीमेंट पर सहमति बनी थी। लेकिन जुलाई 2025 में टाटा एआईजी ने अचानक शुल्क में कटौती की मांग की और जब मैक्स ने इसे अस्वीकार कर दिया, तो बीमाकर्ता ने कैशलेस सेवा को निलंबित कर दिया। अस्पताल ने यह भी कहा कि मरीजों की मदद के लिए एक एक्सप्रेस डेस्क बनाया गया है, जिससे वे बिना अग्रिम भुगतान किए आसानी से रीइम्बर्समेंट क्लेम कर सकें।
दूसरी ओर, टाटा एआईजी का कहना है कि ग्राहकों को किसी प्रकार की असुविधा न हो, इसके लिए विशेष इंतज़ाम किए गए हैं। कंपनी का दावा है कि सभी हेल्थ इंश्योरेंस क्लेम को प्राथमिकता के साथ निपटाया जा रहा है और ग्राहकों को लगातार उपचार और देखभाल मिलती रहे, इसका पूरा ध्यान रखा जा रहा है।
इसी बीच, निवा बूपा से जुड़े मामले में मैक्स हेल्थकेयर का कहना है कि मई 2025 में अनुबंध समाप्त होने के बावजूद उन्होंने निवा बूपा पॉलिसीधारकों को कैशलेस सुविधा देना जारी रखा था। लेकिन बीमाकर्ता ने 2022 स्तर पर तय किए गए शुल्क को और कम करने की मांग की, जिसे अस्पताल ने अव्यावहारिक बताते हुए अस्वीकार कर दिया। अस्पताल का कहना है कि इस तरह की कटौती मरीजों की सुरक्षा और क्वालिटी हेल्थकेयर से समझौता कर सकती है।
निष्कर्ष
बीमा कंपनियों और अस्पतालों के बीच टैरिफ विवाद अब सीधे मरीजों को प्रभावित कर रहा है। ऐसे हालात में यह देखना अहम होगा कि क्या आने वाले दिनों में यह मतभेद सुलझ पाता है या फिर मरीजों को अपनी इंश्योरेंस पॉलिसी के तहत मिलने वाली कैशलेस सुविधा से हाथ धोना पड़ेगा।