Tata Avinya सिर्फ एक कॉन्सेप्ट नहीं, टाटा मोटर्स की EV सोच का नया चेहरा है। 500 किमी रेंज, मिनिमल डिजाइन और futuristic केबिन लेकिन क्या ये सब असल ज़िंदगी में काम करेगा? पढ़िए मेरे 10 साल के अनुभव से निकली सच्ची राय।
कभी-कभी कोई कार देखकर दिल से आवाज आती है ये टाटा है? बस वही फीलिंग मुझे टाटा अविन्या को पहली बार देखने पर हुई थी। न कोई भारी-भरकम ग्रिल, न ज़्यादा क्रोम का दिखावा बस एक साफ, लहराती डिज़ाइन जो किसी यूरोपीय EV से कम नहीं लगती। पर कहानी सिर्फ डिज़ाइन की नहीं है, असली खेल अंदर छिपा है।
कंपनी बोल रही है कि Avinya करीब 500 किलोमीटर की रेंज देगी। अच्छा लगता है सुनने में, लेकिन मेरे तजुर्बे कहते हैं कि claimed range और real range में इंडिया के ट्रैफिक जैसा गैप होता है। याद है जब Nexon EV आई थी कंपनी ने भी 312 किमी का दावा किया था, लेकिन गर्मी में AC चालू कर दो तो 230 के बाद सांस फूलने लगती थी। तो यहां भी थोड़ा संदेह जायज़ है।
डिज़ाइन जो आम नहीं है
अविन्या का लुक आपको SUV या sedan, किसी कैटेगरी में बांधने नहीं देगा। ये एक तरह की (future lounge on wheels) सोच पर बना है। मुझे थोड़ा Lucid Air और Volvo EX30 की याद दिलाता है साफ, मिनिमल और पूरी तरह electric DNA में डूबा हुआ।
एक बार पुणे के टाटा मोटर्स डिजाइन स्टूडियो गया था वहां एक डिज़ाइनर ने कहा था, हम अब कार नहीं, एक्सपीरियंस बनाते हैं। तब बात समझ नहीं आई थी। आज अविन्या देखकर लग रहा है कि वो आदमी ahead of time सोच रहा था।
फाइल फोटो : टाटा अविन्या का फ्यूचरिस्टिक लुक जो पुराने टाटा डिज़ाइन को तोड़ता है।
ब्रांड भरोसा और हकीकत का टकराव
टाटा मोटर्स ने पिछले कुछ सालों में EV segment में नाम बनाया है, पर सॉफ्टवेयर बग्स और after-sales issues अब भी पीछा नहीं छोड़ते। Nexon EV Max में एक दिक्कत थी – चार्जर लगाते ही कभी-कभी सिस्टम “Communication Error” दिखा देता था। मैंने खुद एक owner से बात की थी, उसने कहा, “Sir, app mein sab kuch green dikhata hai, par gadi charge hi nahi hoti.” अगर यही झंझट अविन्या में भी दिखा, तो futuristic design भी भरोसा नहीं दिला पाएगा।
फाइल फोटो : शांत और खुला केबिन जो सादगी में भविष्य दिखाता है।
केबिन – शांति, स्क्रीन और थोड़ी उलझन
अंदर का माहौल एकदम अलग है। कोई बड़ी-बड़ी स्क्रीन नहीं, बस साफ स्पेस और कुछ gestures पर चलने वाला सिस्टम। लेकिन सच्चाई ये है कि भारत जैसे देश में gesture control उतना practical नहीं है। एक बार Mercedes EQE की टेस्ट ड्राइव में AC का gesture काम नहीं किया और मैं आधे घंटे पसीने में तर था। तो हां, अविन्या का minimal approach अच्छा है, मगर real life में इसकी usability देखनी होगी।
में अपनी राय बताओ तो , concept stage पर Tata Avinya शानदार लगती है। Sustainable materials, AI-based cabin experience, और pure EV platform सब कुछ सुनने में perfect है। लेकिन ground reality यही कहती है कि EV ecosystem अभी भी transition में है। जब तक charging network, software stability और heat management पर पूरा ध्यान नहीं दिया जाएगा, अविन्या सिर्फ मोटर शो की शोभा बनी रहेगी।
2019 में जब मैंने पहली बार Nexon EV के proto को drive किया था, तब एक engineer ने मज़ाक में कहा था Sir, battery तो chal jayegi, par Bharat ka power grid ready hai kya? वो हंसी तब casual लगी थी, पर आज लगता है कि वही line अविन्या जैसे dream projects का सबसे बड़ा सवाल है।
तो हां, Tata Avinya भारत के लिए एक उम्मीद है एक अलग सोच का प्रतीक। लेकिन उम्मीद और भरोसे के बीच जो फासला है, उसे पार करने के लिए टाटा को सिर्फ design नहीं, delivery भी दिखानी होगी।