तेजस्वी का तंज नीतीश की योजना हमारी घोषणाओं की फोटो कॉपी
दरभंगा की दोपहर गर्म थी, लेकिन मंच से उठी आवाज़ ने तापमान और बढ़ा दिया। तेजस्वी यादव ने माइक संभालते ही जो कहा, वह सीधा नीतीश कुमार की तरफ था “नीतीश बाबू, आपकी योजनाएं हमारी घोषणाओं की फोटोकॉपी हैं।” एक पल को माहौल शांत, फिर तालियों की गूंज। सियासी वार शुरू हो चुका था।
नीतीश पर तेजस्वी का आरोप और भीड़ की प्रतिक्रिया
तेजस्वी ने कहा कि “हमारी सरकार जब बनती है तो नकल करने वाले जाग जाते हैं। नौकरी देने की बात हमने की, और अब वही जुबानी तौर पर दोहराई जा रही है।” उनकी बात खत्म हुई नहीं थी कि भीड़ से आवाज आई, “सही कहा!” हवाओं में गर्म शब्द तैर रहे थे। उन्होंने नीतीश कुमार पर जनता को भ्रम में रखने का भी आरोप लगाया। कहानी में जोश था, भाव भी।
प्रेस कॉन्फ्रेंस में चली सियासी नोकझोंक की धार
प्रेस कॉन्फ्रेंस में पत्रकारों के सवालों पर तेजस्वी का जवाब फुर्तीला था। उन्होंने हंसते हुए कहा, “भइया, नीतीश जी बिना हमारी देखे योजना नहीं बना सकते।” यह व्यंग्य था, पर गहराई भी। उन्होंने कहा कि RJD की सोच से डर रहे हैं सब। “हमने कहा था 5 लाख रोजगार, ये बोले 3 लाख। हमने कहा 200 यूनिट फ्री बिजली, इन्हें भी जरूरत पड़ गई।”
महागठबंधन खेमे की रणनीति और नई हवा
महागठबंधन के नेताओं ने तेजस्वी के बयान को ‘जनता की आवाज़’ बताया। उनका कहना था कि एनडीए अब अपने दम पर कुछ नया नहीं सोच पा रहा। सब कुछ कॉपी-पेस्ट की तरह दोहराया जा रहा है। दरभंगा के शोभायात्रा मैदान में आज राजनीति के रोशनी और छाया दोनों की तस्वीर साफ दिखी — जनता सुन भी रही थी और सोच भी रही थी।
नीतीश खेमे का पलटवार, बोले – यही तो राजनीति है
जवाब भी देर से नहीं आया। जदयू नेता केसी त्यागी बोले, “तेजस्वी यादव को विषयों की समझ नहीं है। विकास योजनाएं जनता की होती हैं, किसी पार्टी की नहीं।” उनके तर्क में ठंडापन था, पर प्रभाव भी। हालांकि जनता का ध्यान अब जवाबों से ज्यादा बयानों पर था, जो अगले दिन के अखबार की हेडलाइन बनने चले थे।
दरभंगा के लोगों की बातचीत और माहौल
शाम के वक्त शहर के चौक-चौराहों पर एक ही चर्चा थी — “तेजस्वी का बयान असरदार रहा।” एक चायवाले ने कहा, “अबकी बार मुकाबला तगड़ा है, दोनों ओर से चाल चल रही है।” नौजवान बोले, “भैया, असली बात तो तब होगी जब नौकरी मिलेगी।” राजनीति अब लोकल बातचीत का हिस्सा बन चुकी थी।
तेजस्वी का मिशन और जनता से उम्मीदें
तेजस्वी यादव ने कहा कि उनकी पार्टी की सोच साफ है — नौकरी, शिक्षा और स्वास्थ्य पर काम। उन्होंने यह भी कहा कि उनकी घोषणाएं केवल कागज पर नहीं रहेंगी। “हम तो काम दिखाना जानते हैं, बातें नहीं।” नीतीश सरकार की योजनाओं को “जनता को खींचने की नकल” करार देते हुए उन्होंने कहा कि अब जनता सब समझती है।
बयान से बढ़ी सियासी गर्माहट
दरभंगा की यह बहस अब पूरे बिहार में फैल चुकी थी। टीवी पर पैनल चर्चा, सोशल मीडिया पर ट्वीट्स — सब जगह “फोटोकॉपी प्लान” की गूंज थी। राजनीति अब एक बयान नहीं, पूरा नैरेटिव बन गई थी। तेजस्वी की हंसी के साथ बोले गए शब्दों ने बिहार की सियासत को फिर से चर्चा के केंद्र में ला दिया।












