सच कहूं तो, जब पहली बार Triumph Speed 400 का नाम सुना, तो दिमाग में वही पुरानी इमेज आई महंगी, अंग्रेज़ी बाइक, जो सिर्फ बड़े शहरों और शोपीस गेराजों तक सीमित रहती है। लेकिन जब इसे चलाया, तो लगा कि ट्रायम्फ ने इस बार सच में भारत के लिए कुछ अलग सोचा है।
पहली सवारी – झिझक और फिर मुस्कान
मैंने इसे पहली बार पुणे में टेस्ट किया था। शुरू में थोड़ा झिझक थी, कि 400cc की बाइक है, कहीं उतनी raw ना लगे जितनी नंबरों में दिखती है। लेकिन पहले ही गियर में वो linear खिंचाव, और इंजन की buttery smoothness — दिल खुश कर गया। हां, आवाज़ थोड़ी muted है, पर refinement लाजवाब। ऐसा लगा जैसे ट्रायम्फ ने KTM की बेचैनी और Royal Enfield की भारीपन – दोनों के बीच का perfect balance पकड़ लिया हो।
डिज़ाइन – क्लासिक में छिपा मॉडर्न ट्विस्ट
स्पीड 400 को देखकर पहली नज़र में जो चीज़ चुभती है, वो है उसकी simplicity। कुछ लोग इसे "too simple" कहेंगे, पर मुझे इसका understated charm पसंद आया। गोल हेडलाइट, मेटल फ्यूल टैंक, और साफ-सुथरा बॉडीवर्क – बिलकुल ब्रिटिश टोन। पर इसमें वो डर नहीं है जो क्लासिक बाइक्स में होता है – “टपक जाएगी कहीं से।
एक मज़ेदार बात बताऊं डीलरशिप पर एक ग्राहक बोला, “भाई, दिखने में तो ट्रायम्फ लग रही है, लेकिन दाम में तो डोमिनार!” और सच कहूं, यही इसकी सबसे बड़ी जीत है।

सस्पेंशन और हैंडलिंग – भरोसे की सवारी
मैंने इसे पुराने मुंबई-पुणे हाइवे पर चलाया, जहां सड़क कभी smooth, कभी टूटी रहती है। वहीं असली test होता है। फ्रंट USD forks और रियर mono-shock ने काफी अच्छा absorb किया, लेकिन तेज़ स्पीड पर sharp गड्ढे अभी भी हल्का झटका देते हैं। पर stability – वाह! Corner में झुकते वक्त बाइक बिल्कुल planted लगती है। यहीं मुझे एक याद आई 2016 में मैंने Street Twin चलाते वक्त एक corner गलत पकड़ लिया था, बाइक थोड़ा हिली, दिल तेज़ धड़क गया। स्पीड 400 ने वैसा मौका नहीं दिया। ये छोटी है, पर पकड़ बड़ी बाइक जैसी है।
इंजन और राइड फील – स्पोर्टी, पर कंट्रोल में
398cc का इंजन, लगभग 40bhp की ताकत और slipper clutch – ये सब सुनकर लगता है कि ये KTM Duke 390 का सॉफ्ट क्लोन होगा। पर नहीं। स्पीड 400 का nature थोड़ा mature है। वो आपको उकसाती नहीं, बल्कि साथ चलती है। शहर में इसका throttle response smooth है, और highway पर sixth gear में 110-120 पर भी इंजन आराम से सांस लेता है। हां, एक कमी heat management उतना sharp नहीं है। ट्रैफिक में कुछ मिनट रुकने पर बायीं टांग के पास गर्म हवा का झोंका साफ महसूस होता है। मैं मानता हूं, ट्रायम्फ ने इसे इंडिया के लिए tuned किया है, पर tropical traffic के लिए थोड़ी और मेहनत चाहिए थी।

कीमत और ब्रांड भरोसा
कीमत करीब ₹2.3 लाख (ex-showroom) के आसपास है, और इस प्राइस पर Triumph Speed 400 ने पूरे segment को हिला दिया है। पहले ट्रायम्फ सुनते ही दिमाग में ₹10 लाख वाला tag आता था, अब ₹2 लाख में एक असली ब्रिटिश-ब्रांडेड मशीन! लेकिन साथ में एक डर भी है क्या Bajaj के साथ joint build में वही premium feel बनी रहेगी? मेरे अनुभव से कहूं, फिलहाल तो हां। पर long term durability ही असली test होगी।
मेरी राय ये बाइक perfect नहीं है। Heat issue है, sound थोड़ी dull है, और mirrors vibration से कांपते हैं। लेकिन overall, इस प्राइस पर refinement, handling और brand prestige – unbeatable combo है। अगर किसी नए राइडर को ऐसी बाइक चाहिए जो daily use में भी काम आए और weekend rides में भी जोश दे, तो स्पीड 400 “right pick” है।
मुझे याद है जब एक पुराना दोस्त बोला था, “ट्रायम्फ तो बस देखने की बाइक है।” अब मैं कहता हूं – नहीं भाई, अब ये चलाने की भी है।


