अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का गाजा प्लान पूरी दुनिया की निगाहों का केंद्र बन गया है। इस योजना में गाजा पट्टी का नक्शा पूरी तरह बदल जाएगा और इजरायल की सीमा पर एक खास बफर जोन बनाया जाएगा। अगर यह प्लान सफल हो जाता है तो महीनों से चल रही गाजा की जंग 72 घंटे के अंदर रुक सकती है।
गाजा प्लान की मुख्य बातें
ट्रंप की इस योजना के तहत हमास को सभी जीवित बंधकों को वापस करना होगा। साथ ही मृत बंधकों के शव भी लौटाने पड़ेंगे। इसके बदले में इजरायल अपने जेल में बंद 250 हमास कैदियों को रिहा करेगा। यह एक बड़ा एक्सचेंज डील है जो दोनों तरफ के लोगों को राहत दे सकता है।
अमेरिकी राष्ट्रपति का यह प्लान बहुत ही व्यावहारिक है। इसमें किसी भी तरफ को ज्यादा नुकसान नहीं उठाना पड़ेगा। लेकिन इसकी सफलता इस बात पर निर्भर करती है कि दोनों पक्ष इस पर कितनी जल्दी राजी हो जाते हैं।
नए नक्शे में बफर जोन
ट्रंप के प्लान का सबसे अहम हिस्सा बफर जोन का निर्माण है। यह जोन इजरायल और गाजा की सीमा के बीच में बनाया जाएगा। इस जोन का मकसद यह है कि आगे कोई भी झड़प या हमला न हो सके। यह एक तरह की सुरक्षा दीवार का काम करेगा।
इस बफर जोन में कोई भी नागरिक नहीं रह सकेगा। यहां केवल शांति सेना या अंतरराष्ट्रीय बल तैनात होंगे। यह जोन कम से कम 2 किलोमीटर चौड़ा होगा। इससे दोनों तरफ की सेनाओं के बीच सीधा संपर्क नहीं रहेगा।
रंगीन लाइनों का राज
नए गाजा मैप में तीन अलग रंग की लाइनें दिखाई गई हैं - नीली, पीली और लाल। हर रंग का अपना मतलब है। नीली लाइन समुद्री सीमा को दर्शाती है। यहां मछली पकड़ना और छोटी नावों का आना-जाना हो सकेगा।
पीली लाइन वह क्षेत्र है जहां सिविल काम हो सकेंगे। यहां अस्पताल, स्कूल और बाजार चल सकेंगे। लेकिन कोई भी सैन्य गतिविधि नहीं हो सकेगी। यह इलाका पूरी तरह शांतिपूर्ण होगा।
लाल लाइन सबसे संवेदनशील है। यह वह इलाका है जहां कड़ी निगरानी रहेगी। यहां कोई भी व्यक्ति बिना अनुमति नहीं जा सकेगा। यह मुख्य रूप से सुरक्षा बलों के लिए है।
72 घंटे का फॉर्मूला
ट्रंप के प्लान में सबसे दिलचस्प बात यह है कि सब कुछ 72 घंटे यानी तीन दिन के अंदर हो जाना चाहिए। पहले दिन युद्धबंदी की घोषणा होगी। दूसरे दिन बंधक रिहाई की प्रक्रिया शुरू होगी। तीसरे दिन तक सभी बंधकों की अदला-बदली पूरी हो जानी चाहिए।
यह समय सीमा बहुत ही कड़ी है। लेकिन इसका मकसद यह है कि कोई भी पक्ष बहाने बनाकर देरी न करे। जल्दी फैसला होने से जान-माल का और नुकसान नहीं होगा।
चुनौतियां और संभावनाएं
इस प्लान की सबसे बड़ी चुनौती यह है कि दोनों तरफ के कट्टरपंथी इसका विरोध कर सकते हैं। इजरायल में कुछ लोग चाहते हैं कि गाजा पर पूरी तरह कब्जा हो जाए। वहीं हमास के कुछ लोग भी किसी भी तरह का समझौता नहीं चाहते।
लेकिन आम लोग इस प्लान का स्वागत कर रहे हैं। गाजा के नागरिक महीनों से युद्ध की मार झेल रहे हैं। वे चाहते हैं कि जल्द से जल्द शांति हो जाए। इजरायल के लोग भी अपने बंधक परिवारजनों की वापसी चाहते हैं।
अंतरराष्ट्रीय समर्थन
ट्रंप के इस प्लान को दुनिया के कई देशों का समर्थन मिल रहा है। यूरोपीय देश इसे एक व्यावहारिक समाधान मान रहे हैं। अरब देश भी इस पर सकारात्मक रुख अपना रहे हैं।
संयुक्त राष्ट्र के महासचिव ने भी इस प्लान की तारीफ की है। उन्होंने कहा है कि यह एक संतुलित प्रस्ताव है जो दोनों पक्षों के हितों का ख्याल रखता है।
अगर यह गाजा प्लान सफल हो जाता है तो यह मध्य पूर्व में शांति की दिशा में एक बड़ा कदम होगा। हालांकि अभी भी कई बाधाएं हैं, लेकिन उम्मीद यह है कि जल्द ही इस खूनी संघर्ष का अंत हो जाएगा।
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