नवरात्रि का पर्व पूरे देश में श्रद्धा और उत्साह से मनाया जा रहा है। हर जगह देवी पंडाल सजाए जा रहे हैं और माता रानी के दरबार को अलग-अलग तरह से सजाने की परंपरा भी दिखाई दे रही है। राजस्थान के उदयपुर शहर में इस बार श्रद्धालुओं ने माता रानी का ऐसा श्रृंगार किया है, जिसकी चर्चा दूर-दूर तक हो रही है। यहां माता रानी को 51 लाख रुपये के नोटों से सजाया गया है। यह नजारा हर किसी को मंत्रमुग्ध कर रहा है।
51 लाख रुपये से हुआ माता रानी का श्रृंगार
उदयपुर के भुवाणा क्षेत्र में स्थित बालेश्वरी माता मंदिर में नवरात्रि के अवसर पर श्रद्धालुओं ने माता रानी का श्रृंगार खास अंदाज में किया। मंदिर समिति और बालेश्वरी नवयुवक मंडल के सदस्यों ने मिलकर करीब 51 लाख रुपये की भारतीय मुद्रा से माता रानी का अलौकिक श्रृंगार किया। मंदिर की दीवारों से लेकर सिंहासन तक हर जगह नोटों की सजावट की गई। इस श्रृंगार को देखने के लिए हजारों की संख्या में भक्त मंदिर पहुंचे और इस अद्भुत दृश्य के साक्षी बने।
लगातार तीसरे साल हुआ अनोखा आयोजन
बालेश्वरी नवयुवक मंडल के पदाधिकारियों ने बताया कि पिछले तीन सालों से माता रानी का नोटों से श्रृंगार किया जा रहा है। हर साल नवरात्रि में भक्तगण एकजुट होकर इस आयोजन की तैयारी करते हैं और लाखों रुपये के नोटों से माता के दरबार को सजाया जाता है। उनका कहना है कि यह श्रृंगार माता रानी की कृपा से संभव होता है और भक्तगण इसमें अपनी आस्था के अनुसार योगदान देते हैं।
श्रद्धालुओं की आस्था और उत्साह
माता रानी का यह अनोखा श्रृंगार देखने के लिए आसपास के गांवों और शहरों से बड़ी संख्या में भक्त उमड़ते हैं। मंदिर परिसर में भक्त घंटों तक कतारों में खड़े होकर माता रानी के दर्शन करते हैं। श्रद्धालुओं का मानना है कि माता रानी का नोटों का श्रृंगार न सिर्फ भव्य है बल्कि यह उनकी समृद्धि और वैभव का प्रतीक भी है। बहुत से भक्त यहां आकर मनोकामनाएं मांगते हैं और विश्वास करते हैं कि माता रानी उनकी प्रार्थनाओं को जरूर सुनेंगी।
सुरक्षा और व्यवस्था की खास तैयारी
51 लाख रुपये के नोटों से किए गए श्रृंगार के चलते मंदिर प्रशासन और समिति ने सुरक्षा के भी विशेष इंतजाम किए। पुलिस बल और स्वयंसेवक लगातार परिसर में मौजूद रहे ताकि श्रद्धालुओं को किसी भी तरह की असुविधा न हो। भक्तों की भीड़ को संभालने के लिए अलग-अलग लाइनें बनाई गईं और पूरे मंदिर परिसर में रोशनी और सजावट का विशेष ध्यान रखा गया।
भक्ति और सामाजिक संदेश
माता रानी का यह श्रृंगार न केवल भक्ति का प्रतीक है बल्कि समाज के लिए भी एक संदेश देता है। इस आयोजन के जरिए भक्तगण यह जताना चाहते हैं कि सामूहिक प्रयास और सहयोग से कोई भी कार्य संभव हो सकता है। नोटों का श्रृंगार भले ही अलौकिक लगे लेकिन इसका मुख्य उद्देश्य माता रानी के प्रति अपनी अटूट आस्था और समर्पण को दिखाना है।
मंदिर परिसर में सांस्कृतिक कार्यक्रम
नवरात्रि के इन दिनों में मंदिर परिसर में सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भी आयोजन किया गया। गरबा और भजन संध्या का आयोजन हुआ जिसमें स्थानीय कलाकारों और बच्चों ने हिस्सा लिया। ढोल-नगाड़ों और भक्ति गीतों की गूंज से पूरा वातावरण भक्तिमय बना रहा। भक्तों ने देर रात तक माता रानी के भजनों का आनंद लिया और श्रृंगार के इस अद्भुत रूप को कैमरे में कैद किया।
माता रानी का श्रृंगार बना आकर्षण का केंद्र
उदयपुर में माता रानी का 51 लाख रुपये से हुआ श्रृंगार नवरात्रि का मुख्य आकर्षण बन गया है। इस अनोखी परंपरा ने न केवल स्थानीय भक्तों बल्कि देश के विभिन्न हिस्सों से आए श्रद्धालुओं को भी अपनी ओर खींचा है। लोग इस श्रृंगार को देखकर हैरान भी होते हैं और गर्व भी महसूस करते हैं कि हमारी परंपराओं में इतनी विविधता और भव्यता है।
श्रद्धा का अद्भुत संगम
नवरात्रि में माता रानी का हर रूप और हर श्रृंगार भक्तों के लिए खास मायने रखता है। उदयपुर का यह आयोजन दिखाता है कि भक्ति जब आस्था के साथ मिलती है तो वह अद्भुत बन जाती है। माता रानी के इस श्रृंगार ने हर भक्त के हृदय में गहरी छाप छोड़ी है। यह केवल एक सजावट नहीं बल्कि आस्था, समर्पण और प्रेम का प्रतीक है जो हर साल भक्तों को अपनी ओर खींच लाता है।