United Nations : में इंडोनेशिया राष्ट्रपति प्रोबोवो बोले ॐ शांति ॐ, इजरायल-फिलिस्तीन शांति अपील चर्चा
संयुक्त राष्ट्र महासभा में इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रोबोवो सुबिआंतो का भाषण दुनियाभर में चर्चा में है। उन्होंने इजरायल-फिलिस्तीन विवाद पर युद्ध की जगह शांति का रास्ता अपनाने की अपील की। भाषण के अंत में कहा गया 'ॐ शांति ॐ' सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया और इसे शांति और भाईचारे का वैश्विक संदेश माना जा रहा है।
प्रोबोवो का 'ॐ शांति ॐ', यूएन में शांति का संदेश
खबर का सार AI ने दिया · News Team ने रिव्यु किया
- इंडोनेशिया के राष्ट्रपति ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में शांति का आह्वान किया।
- उन्होंने इजरायल-फिलिस्तीन संघर्ष पर चिंता जताई और शांति का समर्थन किया।
- 'ॐ शांति ॐ' का उच्चारण, भारतीय संस्कृति का वैश्विक संदेश।
संयुक्त राष्ट्र महासभा के मंच पर जब दुनिया के सबसे बड़े मुस्लिम देश के राष्ट्रपति प्रोबोवो सुबिआंतो पहुंचे, तो सबकी नजरें उन पर टिक गईं। इंडोनेशिया, जो मुस्लिम आबादी के मामले में दुनिया में सबसे ऊपर है, के राष्ट्रपति ने इस बार अपने भाषण में कुछ ऐसा कहा, जिसकी चर्चा दुनियाभर में होने लगी है।
प्रोबोवो ने अपने भाषण में इजरायल और फिलिस्तीन के बीच चल रहे तनाव को लेकर साफ तौर पर चिंता जताई। उन्होंने युद्ध और खून-खराबे की जगह शांति का रास्ता अपनाने की बात सामने रखी। उनका पूरा संवाद अनुभव के साथ गंभीरता लिए हुए था। भाषण के आखिरी हिस्से में उन्होंने 'ॐ शांति ॐ' कहकर न सिर्फ एशिया की सांस्कृतिक विरासत को दुनिया के सामने रखा, बल्कि सभी देशों को शांति की सीख भी दे डाली।
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राष्ट्रपति प्रोबोवो का 'ॐ शांति ॐ' कहना क्यों बना चर्चा का विषय
संयुक्त राष्ट्र जैसी बड़ी अंतरराष्ट्रीय संस्था में किसी नेता द्वारा 'ॐ शांति ॐ' कहना, खुद में एक बड़ा संदेश है। प्रोबोवो सुबिआंतो ने अपने शब्दों से दुनिया को संयम, भाईचारे और शांति का संदेश दिया। वे इस महत्वपूर्ण मंच पर पहली बार इस तरह का भारतीय मूल का शांति मंत्र लेकर आए। पहले कभी किसी बड़े मुस्लिम देश के राष्ट्राध्यक्ष ने यूएन के मंच से ऐसा नहीं कहा था। इसी कारण यह वीडियो और उनके शब्द सोशल मीडिया और खबरों में लगातार वायरल हो रहे हैं।
इजरायल-फिलिस्तीन युद्ध पर इंडोनेशिया के रुख की पूरी तस्वीर
इजरायल-फिलिस्तीन विवाद हमेशा से संवेदनशील मामला रहा है। हाल ही में इस संघर्ष ने एक बार फिर उग्र रुप ले लिया। मुस्लिम देशों में से इंडोनेशिया की आवाज, बाकी देशों के लिए उदाहरण है। राष्ट्रपति प्रोबोवो ने अपने भाषण में दोनों पक्षों से संयम की अपील की और छोटे बच्चों, बुजुर्गों और निर्दोष नागरिकों पर हो रहे अत्याचार पर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि "युद्ध कभी भी समाधान नहीं हो सकता, उसकी जगह संवाद और मेलजोल से हल निकाले जा सकते हैं।"
उनके इस बयान ने संयुक्त राष्ट्र सभा हाल में मौजूद सभी राष्ट्रों और दर्शकों को भावुक कर दिया। 'ॐ शांति ॐ' शब्दों से उन्होंने मानवता और अहिंसा की सीख दोहराई।
इन शब्दों के पीछे छुपा बड़ा संदेश और भारतीय संस्कृति से जुड़ाव
'ॐ शांति ॐ' कोई साधारण शब्द नहीं हैं। ये भारतीय संस्कृति का बेहद महत्वपूर्ण हिस्सा हैं, जिनका मतलब होता है - आपसी सद्भावना और शांति। इंडोनेशिया के राष्ट्रपति द्वारा इसे इतनी बड़ी सभा में कहना, यह दर्शाता है कि भारतीय सभ्यता और मूल्यों की वैश्विक ताकत लगातार बढ़ रही है। इस मंत्र का उच्चारण करते समय प्रोबोवो शांति के बहस पर बार-बार लौटे और विश्व नेताओं को आपस में समझदारी से काम लेने की सलाह दी।
उनका यह प्रयास, देश-दुनिया के नेताओं में एक सकारात्मक सोच पैदा करने के लिए काफी है। इसका असर अब दूसरे देशों के नेताओं के बयानों में भी दिखने लगा है, जो अपने-अपने मंचों से शांति और मेलजोल की वकालत कर रहे हैं।
संयुक्त राष्ट्र महासभा में क्या बोले प्रोबोवो, देखें वीडियो
इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रोबोवो सुबिआंतो का यूएन महासभा में दिया गया पूरा भाषण सुनना दुनिया के लिए एक अलग अनुभव रहा। सोशल मीडिया पर इसका वीडियो बड़ी तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें साफ दिख रहा है कि कैसे वे अंत में अपने दोनों हाथ जोड़कर 'ॐ शांति ॐ' कहते हैं। वीडियो में उनके चेहरे की गंभीरता और भावनाओं में शांति की तलब साफ झलकी।
लोगों का मानना है कि इस तरह की पहलें दुनिया में बढ़ते तनाव और संघर्ष के बीच एक नई उम्मीद की किरण जगाती हैं। यही कारण है कि इंटरनेट पर #OmShantiOm हैशटैग ट्रेंड कर रहा है और लोग इंडोनेशिया के राष्ट्रपति की जमकर तारीफ कर रहे हैं।
VIDEO | New York: Indonesian President Prabowo Subianto concluded his speech at the UN by saying, "Wassalamu'alaikum warahmatullahi wabarakatuh, Shalom, Om Shanti Shanti Shanti Om. Namo Budhaya. Thank you very much."#UNGA80
— Press Trust of India (@PTI_News) September 24, 2025
(Source: Third Party)
(Full video available on PTI… pic.twitter.com/LiNTWX70O3
इस ऐतिहासिक भाषण के बाद दुनियाभर में क्या रही प्रतिक्रिया
प्रोबोवो का यूएन में दिया गया बयान केवल इंडोनेशिया तक सीमित नहीं रहा। भारत, अरब और यूरोप समेत कई देशों में उनके भाषण पर चर्चाएं हो रही हैं। खासकर भारत में लोग इसे अपनी संस्कृति के सम्मान के तौर पर भी देख रहे हैं। देश के कई बड़े अखबारों और डिजिटल मीडिया ने इस खबर को प्रमुख रूप से छापा।
साथ ही, इस पूरे वक्तव्य का एक सकारात्मक प्रभाव देशों के बीच की राजनीति पर भी देखा जा रहा है। यह घटना यह दिखाती है कि आज विश्व में संयम और मानवता की कितनी जरूरत है, और कैसे एक देश का नेता सभी देशों के लिए उदाहरण बन सकता है।
क्या है भारत और इंडोनेशिया के आपसी रिश्तों में इस घटना का महत्व
भारत और इंडोनेशिया के लोगों के बीच सांस्कृतिक और आर्थिक संबंध कई सौ वर्षों से चले आ रहे हैं। इंडोनेशिया के राष्ट्रपति द्वारा 'ॐ शांति ॐ' का उपयोग करना, इन रिश्तों को और मजबूत करनेवाला कदम माना जा रहा है। भारतीय समाज में इस बात को लेकर विशेष खुशी है कि आज उनकी संस्कृति का मान इतने बड़े मंच पर बढ़ाया गया।
इस घटनाक्रम के बाद दोनों देशों के आपसी संबंध और मजबूत होने की उम्मीद है। यह कदम नई पीढ़ी के नेताओं को भी मानवता, करुणा और सद्भाव के रास्ते पर चलने की प्रेरणा देगा।
अंत में जानें क्यों अपने आप में है अनोखा 'ॐ शांति ॐ'
'ॐ शांति ॐ' सिर्फ एक मंत्र नहीं, यह पूरी मानवता के लिए एक संदेश है - शांति सभी के लिए जरूरी है। इंडोनेशिया के राष्ट्रपति ने इसे यूएन जैसे मंच से कहकर साबित कर दिया कि धर्म, जाति या देश कोई भी हो, शांति और भाईचारा ही सभ्य समाज की असली जरूरत हैं। उनका यह भाषण आने वाले समय में भी उदाहरण के तौर पर याद रखा जाएगा।
इस घटना ने सिर्फ एक नया ट्रेंड नहीं बनाया, बल्कि दुनिया को फिर से सोचने पर मजबूर किया कि असली ताकत हथियारों में नहीं, शांति और इंसानियत में है।
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