दीवाली के त्योहारी मौसम में उत्तर प्रदेश के यात्रियों के लिए एक अच्छी खबर आई है। केंद्र सरकार के सड़क परिवहन मंत्रालय ने टोल भुगतान के नियमों में बड़ा बदलाव किया है। अब अगर आपके वाहन में फास्टैग नहीं है तो भी आपको परेशान होने की जरूरत नहीं है।
पहले जब किसी गाड़ी में फास्टैग नहीं होता था या उसमें पैसे खत्म हो जाते थे तो टोल प्लाजा पर दोगुना पैसा देना पड़ता था। लेकिन अब सरकार ने इस समस्या का हल निकाल दिया है। आम जनता की सुविधा को देखते हुए यह फैसला लिया गया है।
यूपीआई भुगतान से मिली बड़ी राहत का नया फॉर्मूला
केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय की ताजा अधिसूचना के मुताबिक, अब वाहन चालकों को यूपीआई पेमेंट की सुविधा मिल गई है। यदि आपके पास फास्टैग नहीं है या उसमें बैलेंस नहीं है तो आप मोबाइल फोन से यूपीआई के जरिए भुगतान कर सकते हैं।
इस नई व्यवस्था में आपको केवल सवा गुना यानी 1.25 गुना राशि देनी होगी। यह राहत विशेषकर उन लोगों के लिए बहुत फायदेमंद है जो अचानक लंबी यात्रा पर निकलते हैं और उनके फास्टैग में पर्याप्त बैलेंस नहीं रहता।
व्यावहारिक उदाहरण से समझें नई दरें
मान लीजिए आप दिल्ली से लखनऊ जा रहे हैं और किसी टोल प्लाजा पर आपकी कार के लिए टोल फीस 100 रुपये है। अगर आपके पास फास्टैग नहीं है तो पहले आपको नकद 200 रुपये देने पड़ते थे। लेकिन अब यूपीआई से पेमेंट करने पर आपको सिर्फ 125 रुपये देने होंगे।
यह बदलाव खासकर त्योहारी सीजन में बहुत काम आएगा जब लाखों लोग अपने घर जाते हैं। कई बार जल्दबाजी में फास्टैग रिचार्ज करना भूल जाते हैं या रास्ते में इंटरनेट की समस्या के कारण रिचार्ज नहीं हो पाता।
इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम फेल होने पर मुफ्त पारगमन की सुविधा
सरकार ने एक और महत्वपूर्ण प्रावधान जोड़ा है। अगर टोल प्लाजा पर तकनीकी खराबी के कारण इलेक्ट्रॉनिक टोल कलेक्शन सिस्टम काम नहीं कर रहा है तो आपको बिना किसी पैसे के आगे जाने की अनुमति मिलेगी।
इस स्थिति में टोल कर्मचारी आपको शून्य लेनदेन की रसीद देंगे। यह व्यवस्था इसलिए बनाई गई है ताकि तकनीकी समस्याओं के कारण यात्रियों को परेशानी न हो और ट्रैफिक जाम न लगे।
डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने की सरकारी रणनीति
यह निर्णय सरकार की डिजिटल इंडिया पहल का हिस्सा है। यूपीआई सिस्टम को बढ़ावा देकर नकदी के उपयोग को कम करने का प्रयास हो रहा है। फास्टैग के साथ-साथ यूपीआई भी अब एक विश्वसनीय भुगतान विकल्प बन गया है।
इस व्यवस्था से टोल प्लाजा पर लगने वाले लंबे जाम भी कम होंगे। क्योंकि नकद भुगतान में ज्यादा समय लगता है जबकि यूपीआई से पेमेंट तुरंत हो जाता है। यात्रियों का समय बचेगा और ईंधन की भी बचत होगी।
यात्रियों के लिए सुझाव
हालांकि नई व्यवस्था से राहत मिली है लेकिन फिर भी सबसे अच्छा तरीका यही है कि आप अपने वाहन में फास्टैग लगवाएं और उसमें पर्याप्त बैलेंस रखें। फास्टैग से भुगतान सबसे तेज और सुविधाजनक है।
लंबी यात्रा से पहले हमेशा अपने फास्टैग का बैलेंस चेक करें। साथ ही फोन में यूपीआई एप्प भी तैयार रखें ताकि जरूरत पड़ने पर उसका उपयोग कर सकें। बैंक अकाउंट में पर्याप्त बैलेंस रखना भी जरूरी है।
भविष्य की संभावनाएं
इस नई नीति से लगता है कि आने वाले समय में और भी सुविधाजनक भुगतान विकल्प मिल सकते हैं। सरकार का लक्ष्य है कि टोल प्लाजा पर किसी भी तरह की परेशानी न हो और यात्रा सुगम रहे।
विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम सही दिशा में है। इससे न केवल यात्रियों को राहत मिलेगी बल्कि डिजिटल भुगतान की आदत भी बढ़ेगी। उत्तर प्रदेश जैसे बड़े राज्य में यह व्यवस्था सफल होने पर अन्य राज्यों में भी लागू हो सकती है।