अमेरिका और चीन के बीच लंबे समय से चल रहे विवादों के बीच आज एक अहम मुलाकात होने जा रही है। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच टिकटॉक को लेकर बातचीत होगी। इस चर्चा को लेकर कयास लगाए जा रहे हैं कि दोनों देश एक संभावित समझौते के करीब हैं।
ट्रंप इस समय ब्रिटेन के दौरे पर हैं और ब्रिटिश प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर के साथ संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने इसकी पुष्टि की। ट्रंप ने कहा कि वे राष्ट्रपति शी जिनपिंग से टिकटॉक के भविष्य पर बातचीत करेंगे और इस पर जल्द ही अंतिम फैसला लिया जा सकता है।
टिकटॉक को लेकर ट्रंप का रुख
ट्रंप ने कहा कि टिकटॉक एक बेहद मूल्यवान ऐप है और इसका महत्व अमेरिका के लिए खास है। उन्होंने यह भी जोड़ा कि उनके पास टिकटॉक की मंजूरी से जुड़ा पूरा अधिकार है और वे इसे हल्के में नहीं लेना चाहते।
ट्रंप ने माना कि टिकटॉक ने उनके चुनाव अभियानों में बड़ी भूमिका निभाई है। युवाओं के बीच इस ऐप की लोकप्रियता ने उन्हें ऐसी सफलता दिलाई जो पहले किसी रिपब्लिकन नेता ने सोची भी नहीं थी। उन्होंने स्पष्ट किया कि टिकटॉक को बंद करना युवाओं को नाराज कर सकता है और इसका असर भविष्य की राजनीति पर भी पड़ेगा।
सौदे से अमेरिका को आर्थिक लाभ
ट्रंप ने इस सौदे को ‘फी-प्लस’ बताते हुए कहा कि अमेरिका को इससे बड़ी आर्थिक कमाई होगी। उन्होंने यह भी दावा किया कि टिकटॉक के मालिकाना हक में शामिल होने वाले निवेशक दुनिया के सबसे अमीर और भरोसेमंद लोग होंगे, जो अमेरिका से प्यार करते हैं। ट्रंप का मानना है कि यह डील न सिर्फ टिकटॉक को सुरक्षित रखेगी बल्कि अमेरिका की अर्थव्यवस्था को भी मजबूत करेगी।
फलस्तीन के मुद्दे पर मतभेद
ट्रंप ने प्रेस वार्ता में ब्रिटिश प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर के उस फैसले से असहमति जताई जिसमें लंदन ने फलस्तीन को अलग राज्य के रूप में मान्यता देने की योजना बनाई है। ट्रंप ने कहा कि यह हमारी कुछ गिनी-चुनी असहमतियों में से एक है।
ट्रंप ने हमास के 7 अक्तूबर को इस्राइल पर किए हमले की भयानकता पर भी जोर दिया और कहा कि दुनिया को इसे कभी नहीं भूलना चाहिए। उन्होंने बताया कि उनका सबसे बड़ा मकसद बंदी बनाए गए लोगों की जल्द रिहाई सुनिश्चित करना है।
गाजा की स्थिति पर स्टार्मर का बयान
वहीं ब्रिटिश प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर ने गाजा की स्थिति को असहनीय बताया। उन्होंने कहा कि वहां मानवीय सहायता तुरंत पहुंचाना बेहद जरूरी है। स्टार्मर का कहना था कि फलस्तीन को अलग राज्य के रूप में मान्यता देने का फैसला एक बड़े शांति प्रयास का हिस्सा है, जिससे स्थिर और सुरक्षित इस्राइल तथा एक सक्षम फलस्तीनी राज्य की ओर बढ़ा जा सके।
हालांकि उन्होंने यह भी साफ किया कि ब्रिटेन हमास को एक आतंकवादी संगठन मानता है और उसका भविष्य में फलस्तीन के शासन में कोई स्थान नहीं होगा। स्टार्मर ने सात अक्तूबर के हमले को ‘होलोकॉस्ट के बाद का सबसे भयानक हमला’ बताया।
टिकटॉक को लेकर अमेरिका और चीन की बातचीत दुनिया भर में चर्चाओं का विषय बनी हुई है। ट्रंप जहां इसे युवाओं और राजनीति से जोड़ते हैं, वहीं इस सौदे को लेकर आर्थिक लाभ की संभावना भी जताई जा रही है। दूसरी ओर फलस्तीन-इस्राइल विवाद पर अमेरिका और ब्रिटेन के रुख में मतभेद साफ दिखाई दे रहे हैं। आने वाले समय में यह देखना दिलचस्प होगा कि टिकटॉक सौदे का क्या नतीजा निकलता है और क्या वाकई यह ऐप पूरी तरह अमेरिकी निवेशकों के हाथों में चला जाता है।