उत्तराखंड के बागेश्वर जिले से एक दर्दनाक हादसा सामने आया है। यहां 20 साल के एक युवक की जंगली भालू के हमले में मौत हो गई। मृतक हरियाणा के पानीपत का रहने वाला था और डाक विभाग में नौकरी कर रहा था। इस घटना के बाद इलाके में डर और मातम का माहौल है।
साइकिल से लौटते वक्त हुआ हादसा
घटना कपकोट ब्लॉक के खड़लेख क्षेत्र की है। यश शर्मा नाम का युवक, जो हरियाणा के पानीपत से यहां नौकरी करने आया था, पोस्टमास्टर के पद पर कार्यरत था। बताया जा रहा है कि वह रोज की तरह काम खत्म कर साइकिल से लौट रहा था। रास्ते में जंगल के पास अचानक भालू ने उस पर हमला कर दिया।
हमले के बाद युवक गिरा गहरी खाई में
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, भालू ने यश के चेहरे पर जोरदार हमला किया। हमले से घबराकर वह संतुलन खो बैठा और सड़क किनारे पड़ी गहरी खाई में जा गिरा। ग्रामीणों ने शोर मचाकर भालू को वहां से भगाया, लेकिन तब तक यश गंभीर रूप से घायल हो चुका था। थोड़ी ही देर में उसकी मौत हो गई।
ग्रामीणों ने दी सूचना, प्रशासन मौके पर पहुंचा
गांव वालों ने तुरंत पुलिस और वन विभाग को खबर दी। राहत टीम मौके पर पहुंची और कठिनाई से शव को खाई से बाहर निकाला। शव देखकर साफ था कि हमला बेहद खतरनाक था। यश के चेहरे और शरीर पर गहरे घाव थे।
20 साल की उम्र में टूटा सपना
यश की उम्र अभी केवल 20 साल थी। नौकरी की शुरुआत ही की थी और परिवार को उससे बहुत उम्मीदें थीं। लेकिन अचानक हुए इस हादसे ने सब कुछ खत्म कर दिया। मौत की खबर सुनकर परिजन उत्तराखंड पहुंचे। बेटे का शव देखकर उनकी हालत बिगड़ गई और घर में कोहराम मच गया।
गांव में मातम, रिश्तेदारों की आंखें नम
यश के पैतृक गांव पानीपत में भी यह खबर पहुंचते ही मातम छा गया। पड़ोसी और रिश्तेदार बड़ी संख्या में घर पहुंचे और परिवार को ढांढस बंधाने की कोशिश की। हर कोई यही कह रहा था कि इतनी कम उम्र में ऐसी मौत बहुत दुखद है। पूरे गांव का माहौल गमगीन हो गया।
भालुओं का बढ़ता खतरा
स्थानीय लोगों के अनुसार, पिछले कुछ समय से इस इलाके में भालुओं की संख्या बढ़ गई है। कई बार मजदूरों और ग्रामीणों ने जंगल के पास उनकी हलचल देखी है। इस घटना के बाद लोगों में डर और बढ़ गया है। अब लोग जंगल के रास्तों से गुजरते समय ज्यादा सावधानी बरत रहे हैं।
प्रशासन और वन विभाग ने बढ़ाई सतर्कता
हादसे के बाद वन विभाग ने इलाके में गश्त बढ़ा दी है। प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि शाम के बाद जंगल की ओर न जाएं और अकेले यात्रा न करें। साथ ही भालुओं की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए विशेष टीमें तैनात की गई हैं।
ग्रामीणों की आंखों के सामने जद्दोजहद
गवाहों का कहना है कि यश ने खुद को बचाने की पूरी कोशिश की थी। उसने भालू को रोकने की कोशिश भी की, लेकिन जानवर की ताकत के सामने उसकी कोशिश नाकाम रही। उसकी चीखें सुनकर लोग दौड़े, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी।
पहाड़ी रास्तों पर खतरा हमेशा बना रहता है
उत्तराखंड जैसे पहाड़ी इलाकों में लोग रोज जंगलों और कच्चे रास्तों से गुजरते हैं। यहां जंगली जानवरों से टकराव की संभावना बनी रहती है। कई बार लोग बच जाते हैं, लेकिन कभी-कभी ऐसे हादसे जीवन छीन लेते हैं। यश की मौत ने पूरे इलाके को हिला दिया है।
पूरे क्षेत्र में चर्चा
कपकोट और आसपास के गांवों में यह घटना चर्चा का विषय बन गई है। हर कोई हैरान और दुखी है। लोग प्रशासन से जंगली जानवरों की गतिविधियों पर सख्त कदम उठाने की मांग कर रहे हैं।शव जब परिवार को सौंपा गया, तो वहां मौजूद हर शख्स की आंखें नम थीं। लोगों ने यश को श्रद्धांजलि दी और कहा कि यह घटना सभी के लिए चेतावनी है। सतर्क रहकर ही ऐसे हादसों से बचा जा सकता है।