उत्तराखंड में बादल फटा रुद्रप्रयाग-चमोली में तबाही

उत्तराखंड में रुद्रप्रयाग, चमोली और टिहरी जिलों में बादल फटने से तबाही मची, कई लोग लापता, घर-मवेशी मलबे में दबे, स्कूल बंद, प्रशासन राहत और बचाव कार्य में जुटा।

उत्तराखंड में बादल फटा रुद्रप्रयाग-चमोली में तबाही

चमोली, टिहरी और रुद्रप्रयाग में बादल फटे, जनजीवन अस्त-व्यस्त

उत्तराखंड में लगातार हो रही भारी बारिश ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। राज्य के कई जिलों से बादल फटने की घटनाएं सामने आई हैं। रुद्रप्रयाग, चमोली और टिहरी में हालात बेहद चिंताजनक बने हुए हैं।

रुद्रप्रयाग में महिला की मौत, 20 लोग लापता

रुद्रप्रयाग जिले के टेंडवाल गांव में बादल फटने से बड़ा हादसा हो गया। मलबे में दबकर एक महिला की मौत हो गई, जबकि 18 से 20 लोग लापता बताए जा रहे हैं। वहीं, जखोली ब्लॉक के छेनागाड़ और बांगर समेत कई इलाकों में अतिवृष्टि से व्यापक नुकसान हुआ है।

चमोली जिले में तबाही, स्कूलों में छुट्टी घोषित

चमोली जिले के देवाल ब्लॉक में भी बादल फटा, जहां पति-पत्नी लापता हैं और दो लोग घायल हो गए। मलबे में 20 से ज्यादा मवेशियों के दबे होने की सूचना है। जिलाधिकारी संदीप तिवारी ने बताया कि मोपाटा गांव में कई घरों और गोशालाओं को नुकसान पहुंचा है। स्थिति को देखते हुए जिले के सभी ब्लॉकों के स्कूलों में शुक्रवार को अवकाश घोषित कर दिया गया है।

कर्णप्रयाग में मूसलाधार बारिश, घरों में घुसा मलबा

कर्णप्रयाग में भारी बारिश के चलते कालेश्वर इलाके में पहाड़ से आया मलबा कई घरों में घुस गया। अलकनंदा और पिंडर नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। सुभाषनगर में बोल्डर और मलबा गिरने से सड़क बंद हो गई है। राहत कार्य के लिए जेसीबी मशीनें लगातार मलबा हटाने का काम कर रही हैं।

टिहरी के गेंवाली गांव में बादल फटने की घटना

टिहरी जिले के भिलंगना ब्लॉक के गेंवाली गांव में भी बादल फटने की घटना हुई। हालांकि, यहां किसी प्रकार की जनहानि नहीं हुई है। लेकिन कृषि भूमि, पेयजल और विद्युत लाइनें बुरी तरह प्रभावित हुई हैं। कई पुलिया और रास्ते टूट गए हैं।

हालात पर नजर बनाए हुए प्रशासन

जिला प्रशासन और आपदा प्रबंधन की टीमें लगातार मौके पर पहुंचकर राहत और बचाव कार्यों में जुटी हैं। ग्रामीणों से अपील की जा रही है कि वे नदियों और पहाड़ों के पास न जाएं और सुरक्षित स्थानों पर रहें।

उत्तराखंड में किन जिलों में बादल फटने की घटना हुई है?
बादल फटने की घटनाएं रुद्रप्रयाग, चमोली और टिहरी जिलों में हुई हैं, जिनसे भारी तबाही और जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है।
रुद्रप्रयाग जिले में कितने लोग लापता हैं?
रुद्रप्रयाग जिले के टेंडवाल गांव में मलबे में दबकर एक महिला की मौत हो गई है और करीब 18 से 20 लोग लापता बताए जा रहे हैं।
चमोली जिले में क्या नुकसान हुआ है?
चमोली जिले के देवाल ब्लॉक के मोपाटा गांव में कई घर और गोशालाएं क्षतिग्रस्त हो गई हैं। पति-पत्नी लापता हैं, दो लोग घायल हुए हैं और 20 से ज्यादा मवेशी मलबे में दब गए।
क्या चमोली जिले में स्कूल बंद किए गए हैं?
हाँ, भारी बारिश और आपदा को देखते हुए चमोली जिले के सभी ब्लॉकों के स्कूलों में अवकाश घोषित कर दिया गया है।
कर्णप्रयाग में स्थिति कैसी है?
कर्णप्रयाग के कालेश्वर इलाके में पहाड़ से आया मलबा कई घरों में घुस गया है। अलकनंदा और पिंडर नदियों का जलस्तर बढ़ रहा है और कई सड़कें बंद हो गई हैं।
टिहरी जिले में बादल फटने से क्या असर पड़ा?
टिहरी जिले के भिलंगना ब्लॉक के गेंवाली गांव में बादल फटा है। हालांकि जनहानि नहीं हुई, लेकिन कृषि भूमि, पेयजल और विद्युत लाइनें क्षतिग्रस्त हो गई हैं।
प्रशासन ने क्या कदम उठाए हैं?
जिला प्रशासन और आपदा प्रबंधन की टीमें राहत-बचाव कार्य में लगी हुई हैं। ग्रामीणों को नदियों और पहाड़ों से दूर रहने और सुरक्षित स्थानों पर जाने की अपील की जा रही है।